राजनीतिक करियर के सबसे बुरे दौर में फंसे नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन से पंगा लेना पड़ गया महंगा!
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राजनीतिक करियर के सबसे बुरे दौर में फंसे नवजोत सिंह सिद्धू, कैप्टन से पंगा लेना पड़ गया महंगा!

विपक्षी निशाना साधते हुए कह रहे हैं कि नवजोत सिंह सिद्धू का सितारा अब अस्त हो गया है.

(फाइल फोटो)

चंडीगढ़: पंजाब कांग्रेस से खफा नवजोत सिंह सिद्धू अभी तक कांग्रेस आला कमान के बुलावे पर दिल्ली विधान सभा चुनाव में प्रचार के लिए भी नहीं पहुंचे हैं. हालांकि अब दिल्ली विधान सभा चुनाव में मात्र चार दिन का समय बचा है, जिनमें से प्रचार के केवल दो दिन ही बाकी हैं. हालांकि कांग्रेस उम्मीद जता रही है कि सिद्धू प्रचार के लिए दिल्ली जाएंगे लेकिन विरोधी कह रहे हैं कि सिद्धू का सितारा अब अस्त हो चुका है. कांग्रेस के तेजतरार स्टार प्रचारक नवजोत सिंह सिद्धू की चुप्पी दिल्ली विधान सभा चुनाव भी नहींं टूटी है. 

हालांकि कांग्रेस ने नवजोत सिंह सिद्धू को स्टार प्रचारक की सूची में रखा था और ख़ास बात यह भी कि पंजाब कांग्रेस से स्टार प्रचारकों में केवल तीन ही नाम शामिल किये थे. जिनमें से एक मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह, दूसरा कुलजीत नागरा और तीसरा नाम सिद्धू का था जबकि मुख्यमंत्री के इलावा किसी मंत्री को भी स्टार प्रचारकों की श्रेणी में नहीं रखा गया था. लेकिन सिद्धू अभी तक दिल्ली में कांग्रेस का चुनाव प्रचार करने नहीं पहुंचे हैं.

हालांकि कांग्रेस उम्मीद जता रही है कि सिद्धू दिल्ली जरूर जाएंगे. पंजाब कांग्रेस के विधायक और चुनाव ऑब्जर्वर पवन कुमार आदिया ने कहा कि नवजोत सिद्धू कांग्रेस में हैं और कांग्रेस में रहेंगे और जल्द ही दिल्ली चुनाव प्रचार के लिए भी जाएंगे.

हालांकि विपक्षी नवजोत सिंह सिद्धू पर निशाना साध रहे हैं. विरोधी तंज कस रहे हैं कि नजवात सिद्धू का सितारा अब अस्त हो गया है. शिरोमणि अकाली दल के विधायक पवन टीनू  और भाजपा के विधायक अरुण नारंग  ने कहा है कि नवजोत सिंह सिद्धू अब स्टार नहीं हैं और अब उनको कोई सुनने वाला नहीं है.

दरअसल नवजोत सिंह सिद्धू पंजाब में मंत्री का सिंहासन त्यागने के बाद से ही मौन हैं. पंजाब में विधान सभा चुनाव से पहले कांग्रेस में शामिल हुए नवजोत सिंह सिद्धू को सरकार बनने पर मंत्री पद से नवाजा गया था मगर कैप्टन अमरिंदर सिंह को सीधे चुनौती देने की वजह से सिद्धू पंजाब कांग्रेस की आंखों से दूर होते चले गए.

कांग्रेस आला कमान की नजदीकी की खुशफहमी में सिद्धू अपने ही मुख्यमंत्री के खिलाफ इतना बड़ा मोर्चा खोल बैठे थे कि आखिर उनको पंजाब कांग्रेस यानि कैप्टन की टीम से जंग लड़नी ही पड़ी और यही जंग उनकी कुर्सी की बलि ले गई. मुख्य मंत्री ने उनका अहम स्थानीय निकाय विभाग बदल कर उनको बिजली महकमा थमा दिया था जिसे अस्वीकार करते हुए नवजोत सिंह सिद्धू ने मंत्री पद ही त्याग दिया और उसके बाद अनिश्चितकालीन चुप्पी साध ली.

दिल्ली चुनाव में कांग्रेस दुआरा उनको स्टार प्रचारक भी बनाया गया मगर सिद्धू अभी तक नहीं पहुंचे. हालांकि इससे पहले राजस्थान , मध्य्प्रदेश और छत्तीसगढ़ विधान सभा चुनाव में स्टारप्रचारक के तोर पर नवजोत सिद्धू ने धुआंधार रैलियां की थी और इसी प्रचार यात्रा पर मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की लीडरशिप को भी ललकार दिया था.

फिलहाल दिल्ली चुनाव में प्रचार के बाकी बचे दो दिन क्या कांग्रेस के इस स्टार प्रचारक की चुप्पी तुड़वा पाएंगे इसकी उम्मीद कम ही नजर आ रही है. 

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