रामपाल के वकील गगन बल सिंह ने हाई कोर्ट में दायर अपील को लेकर बताया कि संत रामपाल को जिन लोगों की मौत का ज़िम्मेदार ठहराया गया था वो लोग किसी न किसी बीमारी के कारण मरे थे ना कि रामपाल की वजह से.
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नितिका महेश्वरी, चंडीगढ़ः बरवाला के सतलोक आश्रम के संचालक रामपाल ने हिसार जिला अदालत द्वारा सुनाई उम्र कैद की सजा को पंजाब हरियाणा हाई कोर्ट में चुनौती दी है. हाई कोर्ट ने अपील को एडमिट कर ज़ुर्माने पर रोक लगा दी है. रामपाल के वकील ने 100 से ज़्यादा ग्राउंड्स हाई कोर्ट के समक्ष रखे. अब कभी भी हाई कोर्ट में इस मामले पर फाइनल बहस हो सकती है.
रामपाल के वकील गगन बल सिंह ने हाई कोर्ट में दायर अपील को लेकर बताया कि संत रामपाल को जिन लोगों की मौत का ज़िम्मेदार ठहराया गया था वो लोग किसी न किसी बीमारी के कारण मरे थे ना कि रामपाल की वजह से मरे. उन्होंने कहा घटना स्थल को लेकर भी बयान अलग अलग सामने आए है वकील गगन बल ने बताया कि दोनों केसों में 100 से ज़्यादा ग्राउंड्स दिए गए है. उन्होंने बताया कि इस मामले में जिला अदालत ने तथ्यों को सही से नही देखा और जो सजा रामपाल को सुनाई गई है वो गलत है.
ज्ञात रहे कि अक्टूबर महीने में हिसार की विशेष अदालत ने हत्या के मामले में रामपाल को ताउम्र कैद की सजा सुनाई थी और 2 अलग अलग मामलों में दो लाख और पांच हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था.
गौरतलब है बरवाला के सतलोक आश्रम प्रकरण को लेकर 18 नवंबर 2014 को आश्रम संचालक रामपाल के समर्थकों और पुलिस के बीच टकराव हो गया था. पुलिस और आश्रम के लोगों के बीच चार दिन से गतिरोध बना हुआ था. उस दौरान दिल्ली के बदरपुर की सरिता और पंजाब के संगरूर की मलकीत कौर, राजबाला, संतोष और डेढ साल के आदर्श की मौत हो गई थी. बरवाला थाना पुलिस ने इस संबंध में हत्या का केस दर्ज कर इसके बाद 15 लोगों को गिरफ्तार किया था.