डॉक्टर का कहना है कि 'कोई भी मरीज जब ज्यादा दिनों तक वेंटिलेटर पर रहता है तो उसमें निमोनिया जैसे लक्षण बनने लगते हैं.'
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश के रायबरेली में हुए सड़क हादसे में गंभीर रूप से घायल उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की पसलियां टूटने के कारण हालत पहले से नाजुक थी ही, अब उसे निमोनिया हो गया है. केजीएमयू की ओर से यह जानकारी शनिवार को दी गई.
केजीएमयू के प्रवक्ता डॉ़ संदीप तिवारी ने बताया कि पीड़िता 6 दिन से वेंटिलेटर पर है, अब उसे निमोनिया हो गया है. उसकी हालत में अभी कोई विशेष सुधार नहीं है. डॉक्टरों की टीम उसकी सेहत पर लगातार नजर रखे हुई है.
डॉ तिवारी ने कहा, 'कोई भी मरीज जब ज्यादा दिनों तक वेंटिलेटर पर रहता है तो उसमें निमोनिया जैसे लक्षण बनने लगते हैं. पीड़िता को निमोनिया होने का यही कारण है. उसकी हालत पहले जैसी ही बनी हुई है.'
उन्होंने ने बताया कि पीड़ित युवती की कई हड्डियां टूटी हुई हैं. उसके सीने में भी चोट है. उसकी हालत में मामूली सुधार हुआ है, लेकिन इसे संतोषजनक नहीं कहा जा सकता.
डॉ़ तिवारी ने कहा, 'एक्सीडेंट के दौरान पीड़िता के शरीर से करीब डेढ़ लीटर खून निकल चुका था. उसे केजीएमयू में लाए जाने के बाद 10 यूनिट खून चढ़ाना पड़ा. डॉक्टरों के लिए अब सबसे बड़ी चुनौती पीड़िता को वेंटिलेटर यानी लाइफ सपोर्ट सिस्टम से बाहर लाने की है. पीड़िता के फेफड़े में जमा खून निकाल दिया गया है.'
केजीएमयू के प्रवक्ता के मुताबिक, पीड़िता के शरीर पर कई फ्रैक्चर थे. इसीलिए काफी रक्तस्राव हुआ. उसके बेहोशी में होने का कारण अधिक रक्तस्राव के अलावा सिर में छुपी हुई चोट हो सकती है. उसके इलाज में न्यूरो डिपार्टमेंट के डॉक्टर भी जुटे हुए हैं. पीड़िता के शरीर का दाहिना हिस्सा चोटिल हुआ है. उसके सिर में चोट, जबड़े में फ्रैक्चर, पसली में फ्रैक्चर व दाहिनी जांघ की हड्डी टूट गई है. आथरेपेडिक चिकित्सकों ने पीड़िता के जांघ की टूट हड्डी पर फिलहाल कच्चा प्लास्टर चढ़ा दिया है.
किंग जार्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी (केजीएमयू) के सीएमएस डॉ.एस.एन. शंखवार ने मीडिया से बातचीत में कहा कि पीड़िता के वकील की हालत में थोड़ा सुधार देखते हुए उन्हें वेंटीलेटर से पूरी तरह हटा लिया गया है.
उन्होंने कहा कि घायल वकील महेंद्र सिंह को गुरुवार को भी दिन में कुछ देर के लिए वेंटीलेटर से हटाकर देखा गया था. इस दौरान उनकी तबीयत स्थिर रही. इसके बाद में उन्हें फिर वेंटीलेटर पर रखा गया.
डॉ.शंखवार ने बताया कि पीड़िता और उसके वकील केजीएमयू के ट्रॉमा सेंटर में चौथी मंजिल पर स्थित न्यूरो ट्रॉमा वार्ड के आईसीयू में भर्ती हैं.