राम रहीम प्रकरण में हुई हिंसा में नुकसान की भरपाई कौन करेगा? हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला
Advertisement
trendingNow1608025

राम रहीम प्रकरण में हुई हिंसा में नुकसान की भरपाई कौन करेगा? हाईकोर्ट सुनाएगा फैसला

 मंगलवार को जस्टिस राजीव शर्मा, जस्टिस आरके जैन एवं जस्टिस एजी मसीह की फुल बेंच ने साफ कर दिया है कि अब इस केस को और नहीं खिंचा जायेगा. कोर्ट ने कहा जल्द ही तय कर दिया जायेगा कि इस पुरे घटनाक्रम में जो जानोमाल का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा.

राम रहीम को दोषी ठहराए जाने पर हरियाणा में कई जगहों पर हिंसा हुई थी. फाइल तस्वीर.

चंडीगढ़: साध्वी यौन शोषण मामले में पंचकूला की सीबीआई अदालत की ओर से 25 अगस्त 2017 को डेरा मुखी को दोषी करार दिए जाने के बाद पंचकूला सहित पुरे हरियाणा में हुए दंगों के दौरान हुए नुकसान की भरपाई कौन करेगा, हाईकोर्ट अब जल्द ही इस पर अपना फैसला सुना सकता है. मंगलवार को जस्टिस राजीव शर्मा, जस्टिस आरके जैन एवं जस्टिस एजी मसीह की फुल बेंच ने साफ कर दिया है कि अब इस केस को और नहीं खिंचा जायेगा. कोर्ट ने कहा जल्द ही तय कर दिया जायेगा कि इस पुरे घटनाक्रम में जो जानोमाल का नुकसान हुआ है उसकी भरपाई कौन करेगा.

हिंसा के दौरान हुई मौतों का जिम्मेदार कौन है? निजी व सरकारी सम्पति की भरपाई कौन करेगा? हिंसा भड़काने का ज़िम्मेदार कौन है? सरकार की और से कहां चूक हुई? और डेरा संचालको की भूमिका क्या रही इस सभी मुद्दों के साथ पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट में फूल बैंच के समक्ष सुनवाई हुई. कोर्ट मित्र अनुपम गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट व अन्य अदालतों के आदेशों का जिक्र करते हुए कोर्ट को 25 अगस्त 2017 को पंचकूला में भड़की हिंसा की विस्तृत जानकारी दी. 

कोर्ट मित्र का कहना था कि अगर सरकार चाहती तो पंचकूला में एक भी डेरा समर्थक नहीं घुस पाता. उन्होंने कहा कि तीन दिन तक समर्थक पहुंचते रहे और सरकार व प्रशासन  देखता रहा जिसका परिणाम ये निकला कि हिंसा भड़की और कई लोगो की जाने चली गई. 

कोर्ट में हुई जिरह के जौरान सीनियर वकील अनुपम गुप्ता ने कहा कि सरकार व बाबा ही हिंसा के जिम्मेदार हैं लेकिन जिम्मेदारी तय कौन करेगा अभी तय नहीं है. कोर्ट पुरे घटना क्रम की जांच के लिए एसआईटी का गठन करेगी या कमीशन बनाया जाएगा या फिर हाईकोर्ट अपनी शक्तियों का प्रयोग कर सकती है या नहीं इन सभी विषयो को लेकर बहस होनी है. 

कोर्ट मित्र का कहना था कि भारत में बाबाओ का कल्चर चल रहा है हरियाणा में भी संत राम पाल व गुरमीत राम रहीम ने समर्थको की बड़ी फौज खड़ी कर ली थी जोकि खुद की सलतनत चलाना चाहते थे. संत रामपाल ने तो पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के आदेशों की भी परवाह नहीं की थी. खुद को सर्वोपरि साबित करने की जंग में नुक्सान आम लोगो का व सरकारी सम्पतियो का हुआ और निर्दोषों की जानें चली गईं. फूल बेंच में चल रही सुनवाई के दौरान जस्टिस राजिव शर्मा ने कोर्ट मित्र की बातों पर टिप्पणी करते हुए कहा कि अब तो दो ही चीजें चलती या बाबे या ढाबे. 

मामले में हाई कोर्ट को सहयोग दे रहे सीनियर एडवोकेट अनुपम गुप्ता को हाई कोर्ट ने कहा कि वह जल्द से जल्द अपनी दलीलें पूरी करें. मंगलवार को मामले की सुनवाई के दौरान काफी बहस के बाद यह तय कर दिया गया की अनुपम गुप्ता को अपना पक्ष रखने के लिए डेढ़ दिन दिया जायेगा वहीं हरियाणा सरकार और डेरे ने अपना पक्ष रखने के लिए आधा-आधा दिन दिए जाने की मांग की. अब इतने समय में सभी को अपना पक्ष पूरा करना होगा और उसके बाद हाई कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा.

डेरा सच्चा-सौदा दृारा चलाई जा रही संस्थाओं की ओर से पेश हुए सीनियर एडवोकेट पुनीत बाली ने कहा कि दंगों और तोड़फोड़ की भरपाई डेरे से नहीं की जा सकती है इसमें डेरे का कोई दोष नहीं है वैसे भी सुप्रीम कोर्ट अपने एक फैसले में यह तय कर चूका है कि ऐसे मामले में नुकसान के आंकलन के लिए एक कमेटी गठित की जा सकती है ऐसे मामले में हाई कोर्ट निर्देश नहीं दे सकता इस पर हाई कोर्ट ने कहा कि वह इस पर सुनवाई भी कर सकते हैं और निर्देश भी दे सकते हैं. मामले की अगली सुनवाई 13 दिसंबर को होगी.

ये भी देखें-:

Trending news