ZEE जानकारीः देश की राजधानी में घुट-घुटकर जीने को मजबूर लोग
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ZEE जानकारीः देश की राजधानी में घुट-घुटकर जीने को मजबूर लोग

दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा खराब है. आज दिल्ली में औसत Air Quality Index यानी AQI 400 के पार चला गया .

ZEE जानकारीः देश की राजधानी में घुट-घुटकर जीने को मजबूर लोग

क्या अब आपको शुद्ध हवा, राशन की दुकान पर मिलेगी? क्या भविष्य में ऑक्सीजन सबसे महंगी और दुर्लभ वस्तुओं में शामिल हो जाएगी ? क्या अब भारत के शहरों में नीला आसमान कभी देखने को नहीं मिलेगा ? क्या अब आप बिना Mask पहने घर से बाहर नहीं निकल पाएंगे ? क्या हेलमेट की तरह अब मास्क पहनना भी अनिवार्य हो जाएगा?  ये सवाल नहीं, बल्कि एक ऐसी सच्चाई है.. जिसे उत्तर भारत में रहने वाले लोग अपनी आंखों से देख रहे हैं और हर सांस में महसूस कर रहे हैं. एक ज़माना था जब हर सांस में जीवन का एहसास होता था. लेकिन अब हर सांस में मौत का आभास होता है. 

आज विश्लेषण की शुरुआत हम एक वीडियो से करेंगे. इस वीडियो के सभी पात्र काल्पनिक हैं, लेकिन इसमें शुद्ध हवा वाली सांसों की जो कमी दिखाई गई है, वो काल्पनिक नहीं है. आप इस वीडियो को मौत की चिठ्ठी भी कह सकते हैं.. आमतौर पर चिठ्ठियों में नीचे Regards लिखा जाता है. लेकिन इस वीडियो के अंत में No Regards लिखा हुआ है. इस Short Film फिल्म का नाम है PM 2.5 The Movie.. और इसमें मुख्य भूमिका निभाई है प्रदूषण के कण - PM 2.5 ने. सबसे पहले आप इस फिल्म के एक अंश को देखिए, फिर हम अपनी बात को आगे बढ़ाएंगे. 

ये आपका और हमारा भविष्य है. अगर बढ़ते प्रदूषण पर रोक नहीं लगाई गई, तो वो दिन दूर नहीं जब दुनिया से ऑक्सीजन की कमी हो जाएगी. हम ऐसा क्यों कह रहे हैं, इसे समझने के लिए आपको दिल्ली की आज सुबह की तस्वीरें देखनी चाहिएं. ये आज सुबह की दिल्ली की तस्वीरें हैं. अगर आप ध्यान से देखेंगे तो आप ये पहचान जाएंगे कि ये राजपथ है, लेकिन राजपथ आजकल प्रदूषण पथ बना हुआ है. 

इन तस्वीरों में सामने आपको नॉर्थ और साउथ ब्लॉक दिख रहे हैं. ये ऐसी जगह है, जहां कुछ दिखाई नहीं दे रहा और विडंबना ये है कि यहीं से देश की पूरी शासन व्यवस्था चलती है. उत्तर भारत के कई इलाकों में आज सूरज ऐसा ही धुंधला दिखाई दे रहा था, प्रदूषण के काले साये में सूरज की ताकत बहुत कम नज़र आ रही थी. दिल्ली-NCR में प्रदूषण हर रोज़ नए रिकॉर्ड कायम कर रहा है. 

आज दिल्ली की हवा सबसे ज्यादा खराब है. आज दिल्ली में औसत Air Quality Index यानी AQI 400 के पार चला गया . Central Pollution Control Board ने दिल्ली वालों को घरों से बाहर न निकलने की सलाह दी है. ये भी सलाह दी गई है कि अपने घर की खिड़कियां बंद रखें और लकड़ी, धूप अगरबत्ती या मोमबत्ती न जलाएं.  दिल्ली के 18 इलाकों में हवा सबसे ज्यादा प्रदूषित पाई गई है. फरीदाबाद, गाज़ियाबाद, गुरुग्राम और नोएडा सहित दिल्ली के आस पास के इलाकों में भी AQI 400 से ज्यादा है. और डराने वाली बात ये है कि प्रदूषण का ये स्तर आने वाले दिनों में और भी बढ़ेगा. 

यहां आपको बता दें कि Air Quality Index अगर शून्य से 50 के बीच हो, तो उसे अच्छा माना जाता है. अगर ये आंकड़ा 51 से 100 के बीच हो तो इसे ठीक माना जाता है. इसी तरह अगर ये आंकड़ा 100 से 300 के बीच हो उसे खराब कहा जाता है. 301 से 400 के बीच की स्थिति को बहुत खराब माना जाता है. और 401 से ज़्यादा के आंकड़े को ख़तरनाक माना जाता है. अब आप सोचिए कि जिन इलाक़ों में Air Quality Index खतरनाक स्थिति पर पहुंच चुका है, वहां सांस लेने वाले लोगों की क्या हालत होगी? 

हमें लगता है कि उत्तर भारत में प्रदूषण वाली एमरजेंसी, 1975 की इंदिरा गांधी वाली एमरजेंसी से भी ज़्यादा खतरनाक है. क्योंकि 1975 की एमरजेंसी के दौरान भी लोग कम से कम स्वच्छ हवा में सांस ले पा रहे थे. हालांकि तब लोगों को वैचारिक और लोकतांत्रिक घुटन को बर्दाश्त करना पड़ा था. लेकिन प्रदूषण वाली एमरजेंसी में तो लोगों का दम घुट रहा है और उन्हें गंभीर बीमारियां हो रही हैं. और हमारी सरकारें कुछ नहीं कर पा रहीं.

आपके दिमाग में ये सवाल भी आएगा कि हर साल प्रदूषण को लेकर ऐसा ही शोर मचता है. लेकिन प्रदूषण कभी कम क्यों नहीं होता? हर साल प्रदूषण को कम करने के लिए सिस्टम कई तरह के कदम उठाता है, लेकिन इससे समस्या का समाधान नहीं होता. इस बार भी प्रदूषण कम करने के लिए कुछ कदम उठाए गए हैं. 

Environment Pollution Control Authority यानी EPCA के मुताबिक अगर दिल्ली में प्रदूषण की स्थिति नहीं सुधरती है, तो आने वाले दिनों में सभी प्राइवेट वाहनों को बंद किया जा सकता है. ऐसी स्थिति में लोगों को सिर्फ Public Transport का ही इस्तेमाल करना होगा. 

इसके अलावा 1 नंवबर से EPCA का Graded Response Action Plan यानी GRAP लागू हो जाएगा . इसका मतलब ये है कि शहर की Air Quality देखकर ज़रूरी कदम उठाए जाएंगे. 
यानी अगर शहर का Air Quality Index 100 से 300 के बीच रहता है, तो कहीं भी कूड़ा जलाने पर प्रतिबंध लग जाएगा. इसके अलावा ईंट बनाने वाले भट्टे बंद हो जाएंगे. लेकिन अगर हवा और खराब हुई और Air Quality Index 300 से 400 के बीच पहुंच गया, तो शहरों में चलने वाले डीज़ल Generators बंद हो जाएंगे. इसके अलावा पार्किंग फीस भी 3 से 4 गुना बढ़ा दी जाएगी. ताकि लोग अपनी गाड़ियां लेकर कम निकलें और सार्वजनिक परिवहन का इस्तेमाल करें.

लेकिन अगर स्थिति और खराब हुई और Air Quality Index 400 के पार हो गया तो सड़कों पर लगातार पानी का छिड़काव होगा. प्राइवेट वाहन बंद कर दिए जाएंगे. शहर में Odd-Even System लागू हो सकता है और स्कूल भी बंद किए जा सकते हैं. हालांकि दिल्ली और आसपास के इलाक़ों का Air Quality Index पहले ही 400 के पार जा चुका है, यानी दिल्ली की हवा सबसे खराब स्थिति को भी पार कर चुकी है. लेकिन अभी तक इनमें से कोई भी प्रावधान लागू नहीं हुआ है 

यहां आपको दुनिया के कुछ दूसरे शहरों का AQI भी बता देते हैं

इस्लामाबाद - 169
कराची - 99
न्यूयॉर्क - 21 
बीजिंग - 78
पेरिस - 29

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