Sanjay Singh bail dismisses: हाईकोर्ट ने संजय सिंह की इस दलील को खारिज करते हुए कि ईडी देश की एक बड़ी जांच एजेंसी है. उस पर ऐसे आरोप लगाना देश की साख को प्रभावित करता है.
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HC dismisses Sanjay Singh's bail plea: आबकारी नीति मामले में दिल्ली हाई कोर्ट से आप नेता संजय सिंह को राहत नहीं मिली है. हाई कोर्ट ने मनी लॉन्ड्रिंग केस में उनकी गिरफ्तारी और हिरासत को चुनौती वाली याचिका को खारिज कर दिया है. आप नेता संजय सिंह का कहना था कि इस केस में उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी और राजनीतिक वजहों से प्रेरित है. ये किसी जांच एजेंसी द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग का नायाब उदाहरण है. ऐसे में उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.
ED पर आरोप, देश की साख से जुड़ा
हाईकोर्ट ने संजय सिंह की इस दलील को खारिज करते हुए कि ईडी देश की एक बड़ी जांच एजेंसी है. उस पर ऐसे आरोप लगाना देश की साख को प्रभावित करता है. जब तक इस तरह के आरोप को साबित के करने के लिए कोई पुख्ता सबूत नहीं है, कोर्ट इस बहस में नही जाएगा. कोर्ट बिना किसी राजनीतिक दबाव के संविधान की शपथ से बंधा है.
क़ानून सबके लिए बराबर - दिल्ली HC
दिल्ली हाई कोर्ट ने कहा कि संजय सिंह एक पब्लिक फिगर( राजनीतिक शख्सियत है). उनको अपनी इमेज की रक्षा करने का अधिकार हैपर किसी आपराधिक केस में वो किसी दुसरे आरोपी के समान ही है. उनके अधिकार आम आदमी के समान ही है. दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि कोर्ट को सिर्फ आरोपी के अधिकार ही नहीं देखना है. हमे पुलिस के जांच के अधिकार को भी सदेखना है.मनी लॉन्ड्रिंग के केस में सघन जांच की ज़रूरत होती है और जांच अभी शुरुआती स्टेज पर ही है.ऐसे में हाई कोर्ट के इस स्टेज पर दखल की ज़रूरत नहीं है.
दिनेश अरोड़ा के बयान पर HC का रुख
कोर्ट ने कहा कि आरोपी से सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा का बयान पूरी प्रकिया का पालन करके दर्ज किया गया. ये बयान जोर जबर्दस्ती से लिया गया या नहीं, इस स्टेज पर तय नहीं हो सकता. रिकॉर्ड पर ऐसा कोई सबूत नहीं जिससे ये तय हो कि दिनेश अरोड़ा के बयान गैरकानूनी तरीक़े से लिया गया.
HC में संजय सिंह के वकील की दलील
हाई कोर्ट में सजंय सिंह की ओर से पेश वकील ने कहा था कि उनकी गिरफ्तारी गैरकानूनी, दुर्भावनापूर्ण तरीके से हुई है.उन्हें कभी जांच एजेंसी की ओर से पूछताछ के लिए समन नहीं जारी किया गया, लेकिन 4 अक्टुबर को सीधे उनकी गिरफ्तारी हो गई. ये किसी जांच एजेंसी द्वारा अपनी शक्तियों के दुरुपयोग का नायाब उदाहरण है. उन्हें तुरंत रिहा किया जाना चाहिए.
ED की दलील
वही ईडी की ओर से पेश ASG एसवी राजू का कहना था कि संजय सिंह की गिरफ्तारी कोई बदला लेने की भावना से नहीं हुई है, जैसा कि उनके वकील दावा कर रहे है. ED के पास उनकी गिरफ्तारी के लिए दिनेश अरोड़ा के बयान के अलावा दूसरे सबूत भी है. उनकी गिरफ्तारी क़ानून सम्मत तरीके से हुई है. एसवी राजू का कहना था संजय सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग का साफ तौर पर केस बनता है. इस याचिका के जरिये एक तरह से वो ज़मानत पाने की कोशिश कर रहे है. उनका कोई संवैधानिक या मूल अधिकार प्रभावित नहीं हुआ है. ये याचिका सुनवाई लायक नहीं है. उनकी याचिका खारिज होनी चाहिए.