'बाल श्री परियोजना' में संशोधन के पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक
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'बाल श्री परियोजना' में संशोधन के पर दिल्ली हाईकोर्ट ने लगाई रोक

 न्यायमूर्ति ए के भम्बानी ने सीआईसी के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को 19 नवम्बर 2018 को दिए निर्देश पर अगली सुनवाई यानि 27 मई तक रोक लगा दी

इसके तहत देश के उन मेधावी बच्चों का चयन किया जाएगा जो बाल भवनों के सदस्य हैं

नयी दिल्ली: दिल्ली उच्च न्यायालय ने केंद्रीय सूचना आयोग (सीआईसी) के उस आदेश पर रोक लगा दी है जिसमें उसने मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को 'बाल श्री योजना' में संशोधन करने का आदेश दिया था.

इसके तहत देश के उन मेधावी बच्चों का चयन किया जाएगा जो बाल भवनों के सदस्य हैं. न्यायमूर्ति ए के भम्बानी ने सीआईसी के मानव संसाधन विकास मंत्रालय (एचआरडी) को 19 नवम्बर 2018 को दिए निर्देश पर अगली सुनवाई यानि 27 मई तक रोक लगा दी.

अदालत ने एचआरडी मंत्रालय के तहत आने वाले स्वायत्त निकाय राष्ट्रीय बाल भवन के साथ ही उस आरटीआई आवेदक को भी नोटिस जारी किया है जिसकी याचिका पर आयोग ने यह आदेश सुनाया था. 

मंत्रालय की ओर से वकील राहुल शर्मा के जरिए दायर की गई याचिका पर सुनवाई के दौरान अदालत ने यह रोक लगाई है. याचिका में आयोग के फैसले को चुनौती देते हुए दलील दी गई कि यह निर्देश सरकार का पक्ष सुने बिना दिया गया.

अधिवक्ता सी के भट्ट ने भी मंत्रालय का पक्ष रखते हुए कहा कि केंद्रीय सूचना आयोग योजना को फिर से तैयार करने का तब तक कोई निर्देश जारी नहीं करना चाहिए था जब सीआईसी की तरफ से सरकार को एक पक्ष तक भी नहीं बनाया गया. आयोग ने मंत्रालय को आदेश प्राप्त होने के 60 दिनों के भीतर योजना को संशोधित करने और अपनी वेबसाइट पर इसकी जानकारी देने का निर्देश दिया था.

(इनपुट-भाषा)

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