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Swati Maliwal: आम आदमी पार्टी (आप) की सांसद स्वाति मालीवाल ने रविवार को यहां राम मनोहर लोहिया (आरएमएल) अस्पताल में दो मृतक सिविल सेवक उम्मीदवारों के शोक संतप्त परिवारों से मुलाकात की. गौरतलब है कि कल दिल्ली के ओल्ड राजेंद्र नगर इलाके में एक लोकप्रिय आईएएस कोचिंग संस्थान के बेसमेंट में पानी भर जाने के बाद यूपीएससी के तीन उम्मीदवारों की मौत हो गई थी. पुलिस ने उनके शवों को पोस्टमार्टम के लिए आरएमएल अस्पताल भेज दिया है.
आप सांसद ने की जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग
आप सांसद ने इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की और कहा कि वह न्याय मिलने तक संसद में इस मुद्दे को उठाएंगी. माइक्रोब्लॉगिंग साइट एक्स पर अपने आधिकारिक सोशल मीडिया हैंडल पर मालीवाल ने लिखा कि मैंने राजेंद्र नगर की घटना में जान गंवाने वाली दो बेटियों के परिवारों से आरएमएल अस्पताल में मुलाकात की।" उन्होंने लिखा कि एक बेटी 25 साल की थी और उसके पिता उत्तर प्रदेश में किसान हैं. दूसरी बेटी भी सिर्फ 21 साल की थी. दोनों परिवारों की हालत खराब है और उनकी एकमात्र मांग है कि दोषियों को कड़ी सजा मिले.
मंत्री और मेयर को उनके पास आकर माफी मांगनी चाहिए
परिवार बार-बार कह रहे हैं कि ऐसा किसी और के साथ न हो. यह बहुत दुखद है कि अभी भी दिल्ली सरकार के मंत्रियों, एमसीडी मेयर, विधायकों और पार्षदों में से कोई भी उनसे मिलने नहीं आया है. वे सिर्फ एसी में बैठकर द्वीट कर रहे हैं. पोस्ट में आगे लिखा गया है, मंत्री और मेयर को उनके पास आकर माफी मांगनी चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि उन्हें न्याय कैसे मिलेगा और उन्हें 1 करोड़ रुपये का मुआवजा देना चाहिए. मैं इस मुद्दे को संसद में उठाऊंगा और वादा करता हूं कि जब तक मुझे न्याय नहीं मिल जाता, मैं लड़ता रहूंगा.
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मालीवाल ने कार्रवाई में देरी पर नाराजगी जताई
इससे पहले दिन मे मालीवाल ने तीन सिविल सेवक उम्मीदवारों की जान जाने के लिए जिम्मेदार अधिकारिया के खिलाफ कार्रवाई में देरी पर नाराजगी जताई और कहा कि मौतों को आपदा के बजाय 'हत्या' कहा जाना चाहिए. आप सांसद ने कहा कि उच्च पदस्थ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जानी चाहिए, क्योंकि दिल्ली सरकार के किसी भी मंत्री, दिल्ली नगर निगम के मेयर या किसी अन्य अधिकारी ने घटना के कुछ घंटे बाद भी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की पूर्व सदस्य ने शहर में अवैध बेसमेंट के संचालन में भ्रष्टाचार का भी आरोप लगाया.
बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा?
मालीवाल ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि बेसमेंट में डूबने से तीन छात्रों की मौत की जिम्मेदारी कौन लेगा? छात्र बताते हैं कि वे दस दिनों से लगातार नाले की सफाई की मांग कर रहे थे, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. भ्रष्टाचार के बिना अवैध बेसमेंट कैसे चल सकते हैं? अतिरिक्त मंजिलें कैसे जोड़ी जा सकती हैं? रिश्वत के बिना सड़कों और नालों पर अतिक्रमण कैसे हो सकता है? यह स्पष्ट है कि सुरक्षा नियमों का पालन करने की कोई आवश्यकता नहीं है, बस पैसे दें और काम हो जाए. बस हर दिन एसी कमरों में बैठकर 'महत्वपूर्ण प्रेस कॉन्फ्रेंस' करते हैं. वे जमीन पर काम करने के लिए तैयार नहीं हैं. क्या उन्होंने कुछ दिन पहले पटेल नगर में बिजली के झटके से हुई मौतों से कुछ नहीं सीखा.