अमृत सरोवर मिशन : सीएम ने भविष्य में होने वाले जलसंकट से किया आगाह, बोले-माइक्रो इरिगेशन पर ध्यान दें किसान
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अमृत सरोवर मिशन : सीएम ने भविष्य में होने वाले जलसंकट से किया आगाह, बोले-माइक्रो इरिगेशन पर ध्यान दें किसान

सोनीपत में आयोजित राज्यस्तरीय अमृत सरोवर मिशन के शुभारंभ पर हरियाणा के सीएम मनोहर लाल ने पीएम नरेंद्र मोदी की तुलना राजा भगीरथ से की. उन्होंने कहा कि 5 अगस्त 2022 तक हरियाणा के 8 हजार तालाबों का जीर्णोद्धार किया जाएगा. 

अमृत सरोवर मिशन : सीएम ने भविष्य में होने वाले जलसंकट से किया आगाह, बोले-माइक्रो इरिगेशन पर ध्यान दें किसान

राजेश खत्री/सोनीपत : हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि तालाबों को बचाने और उनके जीर्णोदार के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देशभर में अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत की है, जिस तरह राजा भगीरथ ने गंगा नदी को धरा पर लाने के लिए प्रयास किया था, उसी तरह प्रधानमंत्री का जल की महत्ता पर यह भागीरथी प्रयास है.

मुख्यमंत्री रविवार को सोनीपत जिले के नाहरा गांव में आयोजित राज्यस्तरीय अमृत सरोवर मिशन के शुभारंभ पर बोल रहे थे. उन्होंने कहा कि पानी हमारी जमीन का रक्त है और बिना पानी की बंजर जमीन हम आने वाली पीढ़ी को विरासत में नहीं देना चाहते. 

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सीएम मनोहर लाल ने किया श्रम दान 

मुख्यमंत्री ने आज सबसे पहले गांव गंगेश्वर सरोवर पर नारियल तोड़कर अमृत सरोवर मिशन की शुरुआत की. इस दौरान उन्होंने अंतरराष्ट्रीय श्रमिक दिवस की श्रमिकों को बधाई देते हुए स्वयं श्रम दान किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने प्रदेशभर के 111 स्थानों पर आयोजित अमृत सरोवर मिशन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े जनप्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री ने 'जल ही जीवन है' के मूल मंत्र को समझा है और देशभर के तालाबों को बचाने का आह्वान किया है.

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उन्होंने देशभर के प्रत्येक जिले में 75 तालाबों को साफ करने या उनका जीर्णोद्धार करने की योजना पर काम करने के लिए कहा है. आज यह योजना उसी कड़ी का हिस्सा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि पहले लोग पारस्परिक सहयोग से तालाब खोदते थे, लेकिन काफी समय से लोगों ने तालाबों की साफ-सफाई की ओर ध्यान नहीं दिया. इस वजह से ये प्रदूषित हो गए. समय के साथ-साथ इन तालाबों में अपशिष्ट मिलने लगे. तालाबों का पानी ओवरफ्लो होने लगा. लेकिन आज से हमने इसको ठीक करने का बीड़ा उठाया है. 

तीर्थ स्थल मानकर किया जाएगा जीर्णोद्धार  

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि प्रदेश में 18 हजार तालाब हैं, जिनमें से 4 हजार में सिर्फ बरसाती पानी एकत्र होता है. 6 हजार तालाबों में पशुओं के लिए पानी भरा रहता है. 8 हजार में गंदा पानी है, उसे स्वच्छ किया जाएगा. मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ऐतिहासिक तालाबों को तीर्थ स्थल मानकर जीर्णोद्धार होगा.  

1600 तालाबों पर काम शुरू 

अमृत सरोवर मिशन के तहत सबसे पहले 15 अगस्त 2022 तक हरियाणा के 8 हजार तालाबों का जीर्णोद्धार  किया जाएगा. इनमें से 1600 तालाबों पर काम शुरू कर दिया गया है. इसके बाद पूरे प्रदेश में बचे हुए सभी तालाबों की दशा सुधारी जाएगी. इसके अंतर्गत तालाबों की खुदाई, रिटर्निंग वॉल व सौंदर्यीकरण करके आसपास के स्थल को भ्रमण योग्य बनाया जाएगा. उन्होंने कहा कि प्रदेश में तालाबों के जीर्णोद्धार  के लिए हरियाणा तालाब एवं अपशिष्ट जल प्रबंधन का गठन किया गया है और इसके लिए 1 हजार करोड़ रुपये के बजट का अलग से प्रावधान किया गया है.

प्रदेश के हर सरकारी भवन में बनेगा रिचार्जिंग वेल

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पानी की एक-एक बूंद को बचाकर उसका इस्तेमाल किया जाएगा. इसके तहत प्रदेशभर के सभी सरकारी भवनों में रिचार्जिंग वेल लगाए जाएंगे, ताकि बरसाती पानी का संरक्षण किया जा सके. मुख्यमंत्री ने किसानों से भी बरसाती पानी को संरक्षित करने का आह्वान किया.  उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष 750 रिचार्जिंग बोरवेल लगाए गए थे. इस वर्ष इनकी संख्या 5000 तक करने का लक्ष्य तय किया गया है.  

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खेती के काम आएगा रिसाइकल वाटर 

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि उद्योगों, सीवरेज से निकलने वाले गंदे पानी को एसटीपी के माध्यम से रिसाइक्लिंग कर उसका इस्तेमाल किया जाएगा. इस पानी को पुन: उद्योगों, निर्माण कार्यों, माइक्रो इरिगेशन के माध्यम से बागवानी और खेती के लिए उपयोग में लाया जाएगा. उन्होंने कहा कि इस पानी में खाद के अव्यव होते हैं, जो सब्जी, फल, फूल व खेती के लिए बेहद लाभदायक है. इस रिसाइकल वाटर को घरों तक पहुंचाने के लिए एचएसवीपी को डबल लाइन बिछाने के लिए भी कहा गया है. इसे घरों में गाड़ी धोने, शौचालय और बागवानी आदि के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है.

माइक्रो इरिगेशन पर ध्यान दें किसान

मुख्यमंत्री ने कहा कि शुद्ध पानी की आवश्यकता लगातार बढ़ रही है. प्रदेश में 82 लाख एकड़ कृषि योग्य जमीन है. इसमें से सीधे सिंचाई 40 लाख एकड़ जमीन पर की जाती है, बाकि जमीन पर हम स्वच्छ पानी न होने की वजह से सीधे सिंचाई नहीं कर पाते. मुख्यमंत्री ने किसानों का आह्वान करते हुए कहा कि हमें माइक्रो इरिगेशन प्रणाली को अपनाना चाहिए.

ट्यूबवेल से पानी का नुकसान  

सरकार द्वारा इसके लिए 85 प्रतिशत सब्सिडी प्रदान की जाती है. महज 15 प्रतिशत पैसा ही किसानों को लगाना पड़ता है. उन्होंने कहा कि ट्यूबवेल से सिंचाई करने की वजह से हर साल 1 मीटर जलस्तर नीचे जा रहा है. किसान की भाषा में समझें तो उसे हर साल एक मीटर का पाइप बोरवेल में डालना पड़ता है. यदि हम ऐसा ही 10-20 साल हम करते रहे तो जमीन में पानी खत्म हो जाएगा. यह वैसी ही स्थिति होगी, जैसी हमारे शरीर से रक्त खत्म होने पर हो जाती है. उन्होंने कहा कि ऐसा करने से जमीन की ऊपजाऊ शक्ति खत्म होने के साथ-साथ भावी पीढ़ी को बंजर भूमि ही मिलेगी. हम आने वाली पीढ़ी को बंजर जमीन विरासत में नहीं देना चाहते. 

धान की खेती न करने की अपील 

सीएम ने कहा कि धान जैसी फसलों में ज्यादा पानी इस्तेमाल होता है, इन फसलों की खेती न करें.' इसके लिए सरकार प्रत्येक वर्ष 7 हजार रुपये प्रति एकड़ प्रोत्साहन राशि दे रही है. पिछले वर्ष इस योजना के अंतर्गत किसानों ने 1 लाख एकड़ पर धान की बिजाई कम की गई.   

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नाहरा गांव के लिए खुला घोषणाओं का पिटारा

मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने नाहरा गांव के लिए भी घोषणाओं का पिटारा खोल दिया. उन्होंने इस योजना के अंतर्गत गंगेश्वर तालाब पर 82 लाख रुपये खर्च करने की घोषणा की. इसके अलावा नाहरा गांव में स्थित चारों तालाबों का सुधारीकरण और खेतों के रास्ते पक्का करने के लिए 70 लाख के बजट को मंजूरी दे दी. 

इसके अलावा अस्थलबोहर मंदिर की गली के निर्माण की मंजूरी, एक एकड़ में कम्युनिटी सेंटर के लिए डेढ़ करोड़ रुपये भी मंजूर कर लिए. 3 एकड़ भूमि पर पार्क का निर्माण और ओपन जिम, तैयार हो चुकी लाइब्रेरी में किताबों की व्यवस्था, 5 चौपालों की मरम्मत, राजकीय कन्या वरिष्ठ विद्यालय के भवन की फिजिबिलिटी जांच कर आवश्कता अनुसार मरम्मत करने या नया भवन निर्माण व जलघर की पाइपलाइन डालने की मंजूरी दी. 

गांव को श्रेणियों में बांटकर बनाई जाएगी योजना

इस दौरान एसीएस देवेंद्र सिंह ने कहा कि प्रदेश के हर गांव को श्रेणियों में बांटकर सिंचाई योजना बनाई जाएगी. यमुना नदी के 5 हजार क्यूसेक अतिरिक्त पानी का उपयोग करने के लिए सिंचाई तंत्र को मजबूत किया जा रहा है. कार्यक्रम में एसीएस अमित झा, निदेशक धीरेन्द्र  खरगटा, पूर्व मंत्री कविता जैन, उपाध्यक्ष पौंड अथॉरिटी प्रभाकर वर्मा, भाजपा जिलाध्यक्ष तीर्थ राणा, भाजपा नेता देवेन्द्र कौशिक, माईराम कौशिक,एससी सैल के जिलाध्यक्ष जसबीर दोदवा, निशांत छोक्कर, उपायुक्त ललित सिवाच, पुलिस अधीक्षक हिमांशु गर्ग, अतिरिक्त उपायुक्त शांतनु शर्मा, सीईओ जिला परिषद अमरदीप सिंह, निर्मल नागर, एसडीएम शशि वसुंधरा और आरटीए मानव मलिक सहित कई लोग मौजूद रहे.

 

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