Budget 2023: Delhi-NCR के व्यापारियों ने वित्त मंत्री को पत्र लिखकर बजट में राहत देने की मांग की थी, जिसके बाद से ही वो बजट में विशेष छूट की आस लगाए हुए हैं.
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Budget 2023: वित्त मंत्री निर्मला सीतामरण अब से कुछ ही देर में केंद्रीय बजट पेश करेंगी. इस बजट से आम जनता के साथ ही Delhi-NCR के व्यापारियों को भी काफी उम्मीदें हैं. व्यापारी मोदी सरकार के दूसरे बजट में टैक्स स्लैब में बदलाव, नगद लेन-देन की सीमा बढ़ाने सहित कई उम्मीदें लगाए हुए हैं.
व्यापारियों को बजट में राहत देने की मांग को लेकर दिल्ली के 20 लाख व्यापारियों की ओर से सीटीआई के चेयरमैन बृजेश गोयल ने इस विषय में वित्त मंत्री को पत्र लिखकर व्यापारियों के सुझाव भी दिए थे. अब देखना होगा कि बजट में वित्त मंत्री व्यापारियों को कितनी राहत देती हैं.
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बजट-2023 से पहले व्यापारियों की मांगे-
1. 5 प्रतिशत और 20 प्रतिशत के बीच 10 प्रतिशत का टैक्स स्लैब वापस लाया जाए. 10 लाख तक अधिकतम 10 प्रतिशत और उसके बाद कॉर्पोरेट टैक्स की तरह अधिकतम 25 प्रतिशत टैक्स होना चाहिए.
2. वृद्ध टैक्सपेयर को उनके टैक्स के आधार पर ओल्ड ऐज बेनीफिट मिलना चाहिए, टैक्सपेयर की वृद्धावस्था में पिछले सालों में दिये गये इनकम टैक्स के हिसाब से उसे सोशल सिक्योरिटी और रिटायरमेंट बेनिफिट दिये जाएं.
3. तिमाही टीडीएस रिटर्न को खत्म कर दिया जाए और सारी डिटेल टीडीएस चालान के साथ ही ले ली जाए.
4. मिडिल क्लास की चिंता है कि 8 साल से इनकम टैक्स में छूट की सीमा नहीं बढ़ाई गई. 5 लाख रुपये तक की आय वालों को टैक्स नहीं देना पड़ता, लेकिन बीते 8 साल से छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये ही बनी हुई है. इसकी वजह से टैक्स नहीं लगने के बावजूद 5 लाख की इनकम वालों को भी रिटर्न जमा करानी पड़ती है. इसलिए आयकर छूट की सीमा 5 लाख की जानी चाहिए.
5. नकद लेन-देन की लिमिट बीस साल से नहीं बढ़ी, 6 साल पहले डिजिटल लेन-देन को बढ़ावा देने के लिए नकद पेमेंट की लिमिट 20 हजार से घटाकर 10 हजार कर दी गई. 20 हजार की लिमिट 22 सालों से चली आ रही थी. सुगम व्यापार के लिए नकद पेमेंट की पुरानी लिमिट बहाल की जाए.
6. कार्पोरेट्स एवं बड़ी कंपनियों को बैंक लोन 8-10% की ब्याज दर से मिल जाता है, लेकिन मिडिल क्लास और छोटे व्यापारियों के लिए केन्द्र सरकार की जो मुद्रा योजना है, उसमें उनको कहीं ज्यादा ब्याज देना पड़ता है. इसलिए हमारी मांग है कि मिडिल क्लास को सस्ती ब्याज दरों पर लोन मिलना चाहिए.
7. मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर और मेक इन इंडिया को बढ़ावा देने के लिए अलग से स्कीम और पैकेज की घोषणा की जाए.
8. एक्सपोर्ट को बढ़ावा देने के लिए एक्सपोर्ट हब की स्थापना की जाए.