Chandrayan 3 landing Successful: चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद भारत विश्व का पहला देश बन गया है, जो चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचा हो. चांद पर लैंडिंग के बाद लैंडिंग मॉड्यूल से रोवर प्रज्ञान चांद पर उतर अब पूरे 14 दिनों तक चांद की सतह पर रिसर्च करने वाला है. रोवर प्रज्ञान भविष्य के लिए जरूरी खनिजों, पानी और वातावरण का रिसर्च करने वाला है.
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Chandrayan 3 landing Successful: 14 जुलाई को श्री हरिकोटा से लॉन्च चंद्रयान-3 अपनी पूरे 40 दिनों की यात्रा के बाद बुधवार 23 अगस्त को चांद के दक्षिणी ध्रुव पर उतर चुका है. यह भारत के लिए एक ऐतिहासिक पल है. क्योंकि आज से पहले विश्व का कोई भी देश चांद के Southern Pole पर नहीं पहुंच पाया था.
Chandrayan Landing Succesfull
चंद्रयान-3 अब पूरे 14 दिनों तक चांद पर जाकर ISRO की स्टडी में सहायता देगा. चांद पर लैंडिंग के बाद रोवर प्रज्ञान चांद की सतह पर उतरकर अब पूरे 14 दिनों तक रिसर्च करने वाला है. रोवर प्रज्ञान चांद के दक्षिणी ध्रुव पर जाकर भविष्य में मानव जाति के लिए जरूरी खनिजों, पानी और वातावरण का रिसर्च करने वाला है, जो भविष्य में चांद पर बनने वाली कॉलोनियों के लिए काफी महत्वपूर्ण होने वाला है.
Chandrayan-3 News
चंद्रयान-3 ने सफल लैंडिंग करके भारत का सिर पूरे विश्व में उंचा कर दिया है. चंद्रयान 3 के इस लैंडिंग के वक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी साउथ अफ्रीका से लाइव के माध्यम से जुड़े थे. चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने देश के सभी वैज्ञानिकों को बधाई दी और उसके साथ ही भविष्य के प्रोजेक्ट्स के लिए वैज्ञानिकों को शुभकामनाएं भी दी हैं. प्रधानमंत्री ने देश को बधाई देते हुए आने वाले दिनों में भारत के एक और स्पेश मिशन Aaditya-L1 की जानकारी दी है. आदित्य L1 सूर्य की मिशन से जुड़ा हुआ प्रोजेक्ट है.
चांद पर सफल लैंडिग
चंद्रयान-3 की इस सफल लैंडिंग से 16 हजार वैज्ञानिकों की मेहनत पूरी हो गई, जिन्होंने बिना थके-हारे इस मिशन में काम किया. अब भारत दुनिया के उन चार देशों में शामिल हो गया है, जिसने चांद पर लैंडिंग की है. इसके साथ ही भारत विश्व का प्रथम देश बन चुका है, जिसने दक्षिणी ध्रुव पर सफल लैंडिंग की है.
भारत ने रचा इतिहास
इसके साथ ही बता दें कि अबतक धरती से चांद पर कुल 111 मिशन भेजे जा चुके हैं. जिनमें से कामयाब मिशनों की संख्या 66 है. वहीं 8 मिशन्स को आंशिक रूप से सफलता मिली है. इसके साथ ही 41 मिशन नाकाम हुए हैं. बता दें कि जो सॉफ्ट लैंडिंग भारत ने की है उसकी कोशिश कुल 38 मिशनों में हुई है. जिसकी सफलता दर 52% है.