पूजा मक्कर/ नई दिल्ली: चीन, जापान, अमेरिका जैसे देशों में कोरोना संक्रमण दर बढ़ रही है इसी को देखते हुए भारत सरकार भी अलर्ट दिखाई दे रही है. इसी को देखते हुए स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा कोविड (Covid) की स्थिति को लेकर एक उच्चस्तरीय बैठक की गई. इस दौरान कोरोना से बचाव को लेकर राज्यों को दिशा-निर्देश जारी किए गए. 


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चीन में ओमिक्रोन (Omicron) के सब वेरिएंट बीएफ.7 (BF.7 Omicron Variant) ने कोहराम मचाया हुआ है और इसी वेरिेएंट के चार मामले भारत में भी सामने आए हैं. ये मामले गुजरात और ओडिशा से सामने आए हैं. जिनमें से दो मरीज ठीक हो गए हैं. बता दें कि गुजरात में जुलाई, अक्टूबर और नवंबर 2022 में ओमिक्रोन के बीएफ.7 और BF.12  Variant से संक्रमित दो मरीज सामने आए थे. जिनका आइसोलेशन में इलाज किया गया और अब वे पूरी तरह से ठीक हैं. 


इसी को देखते हुए सीएम अरविंद केजरीवाल ने स्वास्थ्य विभाग को जीनोम अनुक्रमण बढ़ाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही कोरोना की स्थिति को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री ने बुधवार को बैठक भी ली. इस बैठक के बाद नीति आयोग के स्वास्थ्य सदस्य डॉ वीके पॉल भीड़भाड़ वाली जगह, घर के अंदर या बाहर मास्क का इस्तेमाल करने को कहा है. साथ ही बूस्टर डोज को जरूरी कर दिया है. 


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कोविड को लेकर Zee media की टीम ने  WHO से  बातचीत की, जिसमें उन्होंने बताया कि कोरोना के इस तरह की सर्ज आगे भी आ सकती हैं. चीन के अलावा बाकी देशों जैसे जापान और कोरिया में भी कोरोनावायरस के मामले बढ़ रहे हैं. BA 5 के वेरिएंट इस वक्त चुनौती बने हुए हैं. सभी ओमिक्रोन के ही प्रकार हैं और ये सभी वेरिएंट तेजी से फैलते हैं. BF 7 भी एक चुनौती हैं. साथ ही who ने चीन से वैक्सीनेशन बढ़ाने पर बात कर रहे है.


साथ ही WHO के Executive Director Dr Micheal Ryan ने बताया कि चीन में नंबर बढ़ रहे हैं और वायरस अभी भी खतरनाक है, लेकिन पहले हमारे पास वैक्सीन नहीं थी. चीन ने कुछ पाबंदियां हटाई हैं और वैक्सीनेशन पर जोर दिया जा रहा है इसके बावजूद भी वहां वैक्सीन कवरेज अभी भी कम है और 60 साल से ज्यादा लोगों का वैक्सीन का पूरा कोर्स नहीं हुआ है. वहां कई वैक्सीन तीन डोज की हैं और ये कोर्स कई लोगों में पूरा नहीं हुआ है. हालांकि पिछले हफ्तों में चीन 600 गुना वैक्सीनेशन की रफ्तार बढ़ाई है. लेकिन अब रफ्तार बढ़ाने से कितना फायदा होगा- ये कहना मुश्किल है. बहुत सी खबरें आ रही हैं कि आईसीयू कम पड़ रहे हैं. अभी चीन के लिए चुनौती है.