Delhi Mayor Election: मनोनीत सदस्य या एल्डरमैन अगर मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में मतदान करते हैं तो इससे BJP को फायदा मिलेगा.
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Delhi Mayor Election: राजधानी दिल्ली में नगर निगम चुनाव के दो महीने बीत जाने के बाद भी मेयर का चुनाव नहीं हो पाया है. दिल्ली में पिछले साल 4 दिसंबर को MCD चुनाव हुए थे और 7 दिसंबर को उसके नतीजे आए, जिसमें 15 साल बाद BJP को बाहर का रास्ता दिखाकर AAP ने MCD में जीत हासिल की. चुनाव जीतने के बाद से अब तक 3 बार मेयर के चुनाव की प्रक्रिया शुरू की गई लेकिन भारी हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाई स्थगित कर दी गई.
दिल्ली नगर निगम अधिनियम 1957 के तहत सदन की पहली बैठक में मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव कराए जाने का प्रावधान है, लेकिन अब तक 3 बार की बैठक हो जाने के बाद भी मेयर का चुनाव नहीं हो पाया. 7 दिसंबर MCD चुनाव के नतीजे घोषित होने के बाद 6 जनवरी को सदन की पहली बैठक आयोजित की गई थी, लेकिन भारी हंगामें की वजह से चुनाव नहीं हो पाया. इसके बाद 24 जनवरी को दूसरी और 6 फरवरी को सदन की तीसरी बैठक भी BJP और AAP के हंगामे के बाद स्थगित हो गई.
एल्डरमैन की वोटिंग पर छिड़ा विवाद
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने के बाद जैसे ही इस बात की घोषणा की गई कि मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के सदस्यों के चुनाव में एल्डरमैन वोट कर सकते हैं AAP पार्षदों ने उस पर हंगामा शुरू कर दिया.
क्या कहता है नियम
दिल्ली नगर निगम अधिनियम कहता है कि मनोनीत सदस्य या एल्डरमैन मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के चुनाव में मतदान नहीं कर सकते, लेकिन पीठासीन अधिकारी द्वारा कोर्ट के नियमों का हवाला देकर उन्हें वोटिंग का अधिकार दिया जा रहा है. यही वजह है कि अब AAP मेयर चुनाव के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी.
एल्डरमैन की वोटिंग से BJP को फायदा
डीएमसी एक्ट 1957 के अनुसार राज्यपाल 10 ऐसे सदस्यों को मनोनीत कर सकता है, जिनके पास निगम के प्रशासन की जानकारी हो. LG वीके सक्सेना की तरफ से मनोनीत किए गए सभी 10 सदस्य BJP के हैं. अगर इन्हें वोटिंग का अधिकार मिलता है तो MCD चुनाव हारने के बाद भी BJP अपना मेयर बना सकती है.
AAP का प्रदर्शन
आम आदमी पार्टी की तरफ से BJP पर मेयर चुनाव न होने देने का आरोप लगाया जा रहा है, जिसके विरोध में आज AAP भाजपा कार्यालय के बाहर प्रदर्शन करेगी.