Delhi NCR में प्रदूषण पर NHRC ने चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब
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Delhi NCR में प्रदूषण पर NHRC ने चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब

दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने 4 राज्यों के मुख्य सचिवों को 10 नवंबर को उपस्थित होने के निर्देश जारी किए हैं. 

Delhi NCR में प्रदूषण पर  NHRC ने चार राज्यों के मुख्य सचिवों को किया तलब

नई दिल्ली: दिल्ली और एनसीआर में प्रदूषण का स्तर दिन प्रतिदिन खराब होता जा रहा है. जिसको लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supereme Court) में याचिका दायर की गई थी. इसी कड़ी में दिल्ली एनसीआर में बढ़ते प्रदूषण को लेकर राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग (National Human Rights Commission) सख्त नजर आ रहा है. NHRC ने 4 राज्यों के मुख्य सचिवों को 10 नवंबर को उपस्थित होने को कहा है.

जानिए कौन हैं वो चार राज्य
बढ़ते प्रदुषण को देखते हुए राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने पंजाब (Punjab), हरियाणा (Haryana), उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) और दिल्ली (Delhi) के मुख्य सचिवों को उपस्थित होने को कहा है. आयोग ने इन चारों मुख्य सचिवों को 10 नवंबर को उपस्थित होने को कहा है.

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आयोग ने राज्यों को दिए दिशा-निर्देश
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग इन चारों राज्य की सरकारों के वायु प्रदूषण (Air Pollution) रोकने को लेकर अभी तक के किए गए कामों से संतुष्ट नहीं है. आयोग ने यह भी कहा कि आयोग  इन राज्यों के मुख्य सचिवों से अपेक्षा करता है कि वे इस चर्चा से पहले एक सप्ताह के भीतर अपनी-अपनी सरकारों द्वारा अपने क्षेत्रों में पराली जलाने से रोकने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में सकारात्मक रूप से सूचित करेंगे. आयोग ने आगे कहा कि सचिवों की रिपोर्ट में स्मॉग टावर्स (Smog Towers) और एंटी-स्मॉग गन (Anti Smog Guns) के बारे में भी जानकारियां होनी चाहिए. 

पंजाब और हरियाणा को अतिरिक्त निर्देश
इतना ही नहीं आयोग ने यह भी कहा कि  पंजाब और हरियाणा की रिपोर्ट में फसल अवशेषों के प्रबंधन की योजना के प्रभाव के बारे में भी से सूचित किया जाना चाहिए. बता दें कि बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए आयोग फसल अवशेषों और पराली की समस्या पर सख्त रुप अपनाया हुआ है. 

मूकदर्शक नहीं रह सकते: NHRC
National Human Rights Commission यानी राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने ये भी कहा कि एनएचआरसी (NHRC) देश का प्रमुख मानवाधिकार निकाय होने के नाते, देश के आम नागरिकों के मानवाधिकारों (Human Rights)को प्रभावित करने वाली स्थिति का मूकदर्शक बन कर नहीं रह सकता है.