Delhi Water Crisis: सौरभ भारद्वाज ने बताया कि यमुना का जलस्तर बेहद निचले पायदान पर है और इसकी सबसे बड़ी वजह है खनन माफिया. ये यमुना के पानी को रोककर खनन का कारोबार करते हैं. लिहाजा यमुना में जितना पानी आना चाहिए उतना नहीं आ पा रहा.
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Delhi Water Crisis: दिल्ली जल बोर्ड के उपाध्यक्ष सौरभ भारद्वाज ने वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट का औचक निरीक्षण किया. साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिया कि दिल्ली वासियों को जल संकट का सामना न करना पड़े. दरअसल यमुना में जल स्तर 671.7 फीट तक पहुंच गया है, जो वजीराबाद बैराज पर 674.5 फीट के सामान्य स्तर से लगभग 2.8 फीट नीचे है. इस विषय में 25 फरवरी को दिल्ली जल बोर्ड द्वारा पहला अलर्ट जारी किया गया है.
मीडिया से बातचीत के दौरान सौरभ भारद्वाज ने कहा आज दिल्ली में जलापूर्ति का संकट छाया हुआ. यमुना में पानी ना होने की वजह से जो हालात पिछले साल मई के महीने में थे वो हालात 23 फरवरी से ही दिखना शुरू हो गए हैं. अगर हालात इसी तरह रहे तो आने वाले दिनों में स्थिति और खराब हो सकती है. यमुना में जल का स्तर बेहद निचले पायदान पर है और इसकी सबसे बड़ी वजह है खनन माफिया. क्योंकि खनन माफिया की वजह से यमुना के पानी को रोककर खनन का कारोबार किया जा रहा है. लिहाजा यमुना में जितना पानी आना चाहिए उतना नहीं आ पा रहा. यही वजह है कि दिल्ली में जल संकट गहराता जा रहा है.
सौरभ भारद्वाज की हरियाणा सरकार से अपील
सौरभ भारद्वाज ने खनन माफियाओं को लेकर हरियाणा सरकार से भी अपील की. सौरभ भारद्वाज ने कहा कि हरियाणा सरकार भी इस दिशा में काम करें ताकि दिल्ली को जल संकट से निजात मिल सके. यह लड़ाई केवल आम आदमी पार्टी (AAP) की नहीं है, इसे राजनीति के चश्मे से नहीं बल्कि दिल्लीवासियों के चश्मे से देखने की जरूरत है.
DJB के अधिकारी ने बताई यमुना में पानी कम होने की वजह
DJB के अधिकारी से मिली जानकारी के अनुसार यमुना में हरियाणा से खराब पानी आ रहा है, जिसकी वजह से वजीराबाद तालाब में पानी की भारी कमी हो गई है.साथ ही खराब पानी आने की वजह से दोनों मुख्य वाटर ट्रीटमेंट प्लांट (वजीराबाद और चंद्रावल) की काम करने की क्षमता पर भी असर हुआ है. मिली जानकारी के अनुसार वजीराबाद वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 60% क्षमता और चंद्रावल वाटर ट्रीटमेंट प्लांट 75% क्षमता पर काम कर रहा है.
दिल्ली को कहां से मिलता है पानी
दिल्ली की यमुना को हरियाणा से 40% कच्चा पानी मिलता है. इसके अलावा उत्तर प्रदेश की गंगा और पंजाब के भाखड़ा नांगल से पानी मिलता है. इन सबसे मिलने वाले पानी को वाटर ट्रीटमेंट प्लांट में ट्रीट करके पीने लायक बनाया जाता है.