Fatehabad News: आशा वर्करों ने देवेंद्र बबली के आवास पर डाला डेरा, सरकार पर लगाया बेटियों के शोषण का आरोप
Fatehabad News: हरियाणा के फतेहाबाद में आशा वर्करों ने आपनी मांगों को लेकर पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के आवास के बाहर डेरा डाल दिया है. उन्होंने कहा कि एक तरफ सरकार बेटी बचाओ बेची पढ़ाओ का नारा देती है. वहीं दूसरी तरफ हमसे 24-24 घंटे काम कराकर हमारा शोषण कर रही है.
Fatehabad News: अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रही आशा वर्कर्स ने पंचायत मंत्री के आवास पर हल्ला बोल दिया है. उन्होंने पंचायत मंत्री के आवास पर एक दिन के लिए डाला पड़ाव. आशा वर्करों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी कर उनकी मांगे पूरी करने की मांग की. साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार एक तरफ बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ का नारा देती है. दूसरी तरफ बेटियों के हो रहे शोषण के प्रति संवेदनशील नहीं है. आशा वर्कर पिछले 76 दिनों से हड़ताल पर चल रही हैं. इसके बाद भी सरकार ने कोई निर्णय नहीं लिया है.
अपनी मांगों को लेकर पिछले 76 दिनों से हड़ताल कर आंदोलन कर रही आशा वर्कर्स द्वारा बुधवार को प्रदेश के विकास एवं पंचायत मंत्री देवेंद्र बबली के ऑफिस के बाहर पड़ाव डाला. सैंकड़ों आशा वर्कर्स ने मंत्री कार्यालय के बाहर धरना देते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और मंत्री से आशा वर्कर्स की मांगों का समाधान करवाने की मांग की.
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वर्कर्स ने कहा कि एक तरफ तो सरकार कह रही है 'बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ', लेकिन दूसरी तरफ बेटियों से 24 घंटे काम लेकर उनका शोषण किया जा रहा है. उनसे बातचीत करने के लिए सरकार के पास टाइम नहीं है. कर्मचारी नेताओं ने कहा कि प्रदेशभर की 20 हजार आशा वर्कर न्यूनतम वेतन 26 हजार लागू करने, सरकारी कर्मचारी का दर्जा देने, ईएसआई व ईपीएफ का लाभ देने, रिटायरमेंट की उम्र 65 साल कर पेंशन के लाभ देने, ऑनलाईन काम न करवाने की मांग को लेकर गत 8 अगस्त से हड़ताल पर हैं.
उन्होंने आगे कहा कि मुख्यमंत्री मनोहर लाल बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओं व महिला सशक्तिकरण पर लंबे चौड़े भाषण तो देते हैं, परंतु बेटियों व महिलाओं की बात तक नहीं सुनते. सरकार की इस तानाशाही से वर्कर्स में सरकार के खिलाफ गुस्सा है. आशा वर्कर्स ने कहा कि विभाग द्वारा आशा वर्कर्स पर ऑनलाइन काम करने का दबाव बनाया जा रहा है. ऑनलाइन काम करने से इंकार करने पर नौकरी से हटा देने की धमकियां दी जा रही हैं. उन्होंने कहा कि आशा वर्कर के मानदेय में 4 साल से कोई बढ़ोतरी नहीं की गई है, जबकि महंगाई लगातार बढ़ रही है. उन्होंने प्रदेश सरकार से यूनियन से बातचीत कर आशा वर्कर्स की मांगों को पूरा करने की मांग की है.
Input: Ajay Mehta