नई दिल्ली: करनाल में पांच गांवों के चकबंदी का मामला एक बार फिर गर्मा गया है. रिकार्ड को ऑनलाइन किए जाने के विरोध में पांच गांवों के चकबंदी पीडित किसान एक बार फिर सड़कों पर उतर आए हैं. किसान प्रदर्शन करते हुए लघु सचिवालय पहुंचकर डीसी को ज्ञापन सौंपा. जहां उनकी पुलिस के साथ नोकझोंक हो गई.
बता दें कि रिकार्ड ऑनलाइन किए जाने के विरोध में पांच गांवों के चकबंदी पीडित किसानों ने सेक्टर-12 स्थित लघु सचिवालय पहुंचकर रोष प्रदर्शन किया और नारेबाजी की. किसानों ने आरोप लगाते हुए कहा कि प्रशासन की मिली भगत करके उनकी जमीनों पर कब्जा करना चाहता हैं, लेकिन किसान किसी भी किमत पर ऐसा नहीं होने देंगे.
पीडित किसानों का आरोप है कि भूमाफिया के साथ मिली भगत करके रिकार्ड को ऑनलाइन किया गया. जिसे किसान किसी भी किमत पर बर्दास्त नहीं करेंगे. अगर जल्द ही ऑनलाइन रिकार्ड को ब्लॉक नहीं किया गया तो वह आंदोलन को तेज करेंगे. चकबंदी पिडित किसानों ने प्रशासन को शुक्रवार तक का अल्टीमेटम दिया है.
मांग पूरी नहीं की गई तो अनिल विज के आवास पर देंगे धरना
संयोजक प्रदीप कालरम का कहना है कि अगर प्रशासन ने ऑनलाइन रिकार्ड को ब्लॉक नहीं किया तो पांच गांवों के किसान अपने घरों को ताला लगाकर अपने बच्चों सहित गृह मंत्री अनिल विज के आवास पर धरना देंगे.
किसान पहले भी कर चूके हैं प्रदर्शन
आपको बता दें कि चकबंदी पीडित किसानों की लड़ाई वर्ष 2012 से जारी है. किसानों ने जमीन वापिस लेने के लिए कई बार धरने प्रदर्शन किए. इतना ही नहीं प्रदेश सरकार और प्रशासनिक अधिकारियों की कार्यप्रणाली के विरोध में दो बार दिल्ली कूच किया. पहली बार वर्ष 2013 में ट्रेन से किसान दिल्ली पहुंचे थे. दूसरी बार वर्ष 2014 में किसानों ने अपने घरों की तालाबंदी कर ट्रैक्टर-ट्रॉलियों में अपना सामान लाद कर बच्चों के साथ दिल्ली की तरफ कूच कर दिया था.