नूंह के SDM दीपक बने हाफ आयरनमैन एंड यंगेस्ट IAS, 620 अधिकारियों को पछाड़कर जीता खिताब
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नूंह के SDM दीपक बने हाफ आयरनमैन एंड यंगेस्ट IAS, 620 अधिकारियों को पछाड़कर जीता खिताब

हरियाणा के नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका के एसडीएम SDM दीपक बाबूलाल करवा ने हाफ आयरनमैन एंड यंगेस्ट IAS का खिताब हासिल किया है. इस दौरान प्रतियोगिता में 620 IAS, IPS, IRS अधिकारियों ने भाग लिया था. 

नूंह के SDM दीपक बने हाफ आयरनमैन एंड यंगेस्ट IAS, 620 अधिकारियों को पछाड़कर जीता खिताब

कासिम खान/नूंह: मन में कुछ कर गुजरने की क्षमता हो तो बड़ी से बड़ी बाधा भी आपकी कामयाबी में रुकावट नहीं बन सकती. सुबह से शाम तक जिन अधिकारियों के पास जनता की सुनवाई से लेकर फाइल निपटाने के लिए समय की भारी कमी हो और उसके बावजूद भी कुछ अधिकारी दुनियाभर के लिए मिसाल बने तो उनकी जितनी तारीफ की जाए उतनी कम है. ऐसा ही एक कारनामा नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका उपमंडल के एसडीएम दीपक बाबूलाल करवा आईएएस ने कर दिखाया है. आज उनकी कामयाबी का हर इंसान कायल है.

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देश के सबसे पिछड़े जिलों में शामिल नूंह जिले के फिरोजपुर झिरका उपमंडल में कार्यरत दीपक बाबूलाल करवा एसडीएम आईएएस ने अपना और अपने क्षेत्र का ही नहीं बल्कि दुनियाभर में नूंह जिले का नाम रोशन किया है. देश के सबसे पिछड़े जिले नूंह के फिरोजपुर झिरका एसडीएम ने गोवा में आयोजित एक दिवसीय प्रतियोगिता में हाफ आयरनमैन एवं यंगेस्ट आईएएस का खिताब जीता है. उनके अलावा उनके दोस्त अभिनव गोपाल आईएएस एसडीएम कानपुर सदर यूपी केडर ने भी बेहतरीन प्रदर्शन किया है. इस प्रतियोगिता में पहली बार आईएएस अधिकारियों ने शिरकत कर, पहली ही बार में रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया. यंगेस्ट आईएएस बनने पर दीपक बाबूलाल करवा एसडीएम फिरोजपुर झिरका को बधाई देने वालों का तांता लगा हुआ है. 

फिरोजपुर झिरका शहर के लोगों ने भी एसडीएम को शॉल व फूलों का गुलदस्ता देकर सम्मानित किया. मुंबई में जन्मे राजस्थान के नागौर जिले के 30 वर्षीय दीपक बाबूलाल करवा 2020 आईएएस बैच के अधिकारी हैं. उन्हीं के बैच के अभिनव गोपाल और उन्होंने पढ़ाई के दौरान ही तकरीबन 2 साल पहले आईआईटी मद्रास में स्विमिंग, साइकलिंग तथा रेस की प्रैक्टिस शुरू की थी. उसके बाद इन दोनों अधिकारियों ने पीछे मुड़कर नहीं देखा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की फिट इंडिया मुहिम को भी बल दे दिया. दीपक बाबूलाल करवा तथा उनके दोस्त अभिनव गोपाल आईएएस के कामयाबी की चर्चा अब पूरे देश भर में हो रही हैं. गोवा में गत 13 नवंबर 2020 को एक दिवसीय प्रतियोगिता आयोजित हुई थी, जिसमें 70. 3 स्विमिंग, साइकलिंग तथा रेस के क्षेत्र में उन्होंने तकरीबन साढ़े 8 घंटे की इस प्रतियोगिता में बेहतरीन प्रदर्शन कर नंबर एक मुकाम हासिल कर लिया.

पत्रकारों से बातचीत के दौरान दीपक बाबूलाल करवा आईएएस फिरोजपुर झिरका एसडीएम ने कहा कि अभी वह हाफ आयरनमैन की उपाधि तक पहुंच पाए हैं. फुल आयरनमैन बनने के लिए अब वह अपने दोस्त अभिनव गोपाला आईएइस के साथ कजाकिस्तान जाने की तैयारी कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि जिंदगी की भाग दौड़ के बावजूद भी अगर व्यक्ति के मन में आगे बढ़ने की इच्छा हो तथा युवाओं को प्रेरणा देने की ठान ली हो तो व्यस्तता के बावजूद भी आप दुनिया के लिए मिसाल बन सकते हैं. खेलों से न केवल इंसान पूरी तरह से स्वस्थ रहता है बल्कि नाम भी खूब कमाता है.

रोजाना डेढ़ घंटे करते हैं वर्कआउट
इस दौरान दीपक बाबूलाल करवा आईएएस ने कहा कि उन्होंने करीब 2 साल कड़ी मेहनत पढ़ाई के दौरान की थी, जो आज भी भागदौड़ भरी जिंदगी के बावजूद उनकी प्रैक्टिस लगातार जारी है. सुबह के समय वह तकरीबन डेढ़ घंटे का समय प्रैक्टिस के लिए निकालते हैं और छुट्टी के दिन उस समय में बढ़ोतरी कर पसीना बहा लेते हैं. साथ ही इतनी कड़ी मेहनत करने के लिए उनका खानपान पर भी विशेष ध्यान रहता है ताकि शरीर में एनर्जी पूरी तरह से बनी रहे और वह किसी भी मुकाम को हासिल करने के लिए आगे बढ़ते रहें. इस प्रतियोगिता में आईएएस, आईपीएस, आईआरएस इत्यादि तकरीबन 620 अधिकारियों ने भाग लिया था, जिसमें उन्हें यंगेस्ट आईएएस का खिताब मिला है. उन्हें इस मुकाम को हासिल करने के बाद लगातार बधाई मिल रही हैं.

कोरोना के बाद इस साल हुई प्रतियोगिता
फिरोजपुर झिरका एसडीएम इन दिनों दिल्ली मुंबई एक्सप्रेस-वे पर साइकिलिंग की प्रैक्टिस करते हैं. उन्होंने कहा कि पूरी तरह से आयरनमैन का खिताब लेने के लिए उन्हें और कड़ी मेहनत की जरूरत है, लेकिन बतौर एसडीएम कामकाज संभालने के बाद भी उनको अब अभ्यास करने की आदत बन चुकी है. यही आदत उन्हें आगे ले जा रही है. दीपक बाबूलाल करवा एसडीएम ने खास बातचीत के दौरान कहा कि कोई भी अधिकारी गोवा में आयोजित होने वाली इस प्रतियोगिता में आवेदन कर सकता है. तकरीबन 28000 रुपये से इसकी एंट्री फीस शुरू होती है. उन्होंने कहा कि सिर्फ अधिकारी ही इस प्रतियोगिता में भाग लेते हैं, लेकिन कोरोना काल के चलते वर्ष 2020 तथा वर्ष 2021 में यह प्रतियोगिता आयोजित नहीं हो सकी थी. इस साल कोरोना महामारी कम हुई तो यह प्रतियोगिता आयोजित हुई, जिसमें उन्होंने अपनी मेहनत व लगन के दम पर यह मुकाम हासिल कर लिया.