राइट टू हेल्थ के विरोध में हरियाणा के कई जिलों में प्रदर्शन, निजी डॉक्टरों ने बंद रखीं स्वास्थ्य सेवाएं
Advertisement
trendingNow0/india/delhi-ncr-haryana/delhiharyana1639061

राइट टू हेल्थ के विरोध में हरियाणा के कई जिलों में प्रदर्शन, निजी डॉक्टरों ने बंद रखीं स्वास्थ्य सेवाएं

Right To Health: इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने बिल में शामिल कई प्रावधानों को सरकार वापस ले. निजी डॉक्टरों का कहना है कि राइट टू हेल्थ प्राइवेट हॉस्पिटल और डॉक्टर को बर्बादी की कगार पर लाने वाला बिल है.

राइट टू हेल्थ के विरोध में हरियाणा के कई जिलों में प्रदर्शन, निजी डॉक्टरों ने बंद रखीं स्वास्थ्य सेवाएं

गुरुग्राम/ सिरसा : राजस्थान में लागू किए गए राइट टू हेल्थ (Right To Health) बिल के विरोध की आग आज गुरुग्राम और सिरसा में भी दिखी. राजस्थान के चिकित्सकों को समर्थन देने और बिल के खिलाफ सभी प्रकार की निजी चिकित्सा सेवाएं 24 घंटे के लिए बंद कर दी गई हैं.

मंगलवार को सैकड़ों डॉक्टरों ने साइबर सिटी की सड़कों पर राजस्थान सरकार के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. निजी डॉक्टर कल सुबह 6 बजे तक काम नहीं करेंगे. इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) ने राइट टू हेल्थ बिल में शामिल कई प्रावधानों को सरकार वापस ले. निजी डॉक्टरों का कहना है कि राइट टू हेल्थ प्राइवेट हॉस्पिटल और डॉक्टर को बर्बादी की कगार पर लाने वाला बिल है.

राजस्थान सरकार के फैसले को बताया चुनावी हथकंडा

fallback

 

इधर सिरसा से 30 डॉक्टरों का एक दल राजस्थान में हो रही हड़ताल को समर्थन देने के लिए रवाना हो गई.आईएमए हरियाणा  के पैटर्न डॉ वेद बेनीवाल ने कहा कि इस तरह के बिल को हरियाणा सहित पूरे देश के डॉक्टर बर्दाश्त नहीं करेंगे. बेनीवाल ने कहा कि राजस्थान सरकार का राइट टू हेल्थ बिल न तो डॉक्टर के हित में है और न ही लोगों के हित में है. यह बिल केवल चुनाव के मद्देनजर एक जुमला ही है, जिससे डॉक्टरों में काफी रोष है.

ये भी पढ़ें: हरियाणा समेत कई राज्यों से जुड़े ये 28 गैंगस्टर्स जल्द पहुंचाए जाएंगे अपने सही अंजाम, MHA पहुंची लिस्ट

 

डॉ वेद बेनीवाल ने कहा कि सरकार की तरफ से प्राइवेट डॉक्टर पर प्रेशर बनाने की बजाय सरकार द्वारा दिए जाने वाले हेल्थ सिस्टम को ठीक करने की जरूरत है. राजस्थान सरकार के  सरकारी हॉस्पिटल का बुरा हाल है, लेकिन वे प्राइवेट डॉक्टर पर प्रेशर बनाने की कोशिश कर रहे हैं. डॉ वेद बेनीवाल ने कहा कि हरियाणा आईएमए एसोसिएशन ने आज 1 दिन की हड़ताल की है, उसके बाद भी अगर सरकार ने बिल वापस नहीं लिया तो जिस तरह से आगे राजस्थान सरकार का जो रवैया रहेगा, उसी हिसाब से हरियाणा के डॉक्टर निर्णय लेंगे.

फतेहाबाद में भी ओपीडी-इमरजेंसी सेवा रही बाधित 
 फतेहाबाद जिले में भी निजी डॉक्टरों ने आज ओपीडी और इमरजेंसी सेवाएं बंद रखी.चिकित्सकों के हड़ताल पर होने के कारण दूर दराज के गांवों से इलाज करवाने के लिए आए चिकित्सक और उनके परिजन परेशान नजर आए. आईएमए से जुड़े डॉक्टर्स का एक प्रतिनिधिमंडल उपायुक्त से भी मिला और उन्हें अपनी मांगों के समर्थन में ज्ञापन भी सौंपा. ज्ञापन में राइट टू हेल्थ बिल को वापस लेने की मांग की गई. 

दरअसल राजस्थान में लागू इस बिल के मुताबिक कोई भी डॉक्टर और अस्पताल इलाज के लिए मरीज को इनकार नहीं कर सकता. इमरजेंसी में आने वाले मरीजों के पास यदि पैसा नहीं है या उनके पास चिरंजीवी बीमा भी नहीं है तो भी उनका इलाज किया जा सकेगा और इसमें लगे पैसे का भुगतान राज्य सरकार करेगी.

Trending news