Haryana Weather: एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शहर का तापमान 7 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया. ठंड से आम जनजीवन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ठंड से विशेष रुप से गरीब मजदूर, फुटपाथ एवं झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग कठिन दौर से गुजर रहे हैं.
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Haryana Weather: इन दिनों पूरे उत्तर भारत में कड़ाके की ठंड पड़ रही है, जिस का असर आम जनमानस पर देखने को मिल रहा है. लोग सर्दी के कारण ठिठुरने को मजबूर हैं. लोग अपने घरों मे हीटर का सहारा लेते हुए रजाई में दुबके हुए हैं. वहीं ठंड और कोहरे की वजह से सबसे ज्यादा परेशानी घर से बाहर काम पर जाने वाले मजदूरों और सड़क किनारे गुजर-बसर करने वालों लोगों को हो रही है और साथ ही सर्दी का सितम झेलना पड़ रहा है.
एक सप्ताह से पड़ रही कड़ाके की ठंड से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. शहर का तापमान 7 डिग्री से नीचे दर्ज किया गया. ठंड से आम जनजीवन को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. ठंड से विशेष रुप से गरीब मजदूर, फुटपाथ एवं झुग्गी-झोपड़ी में रहने वाले लोग कठिन दौर से गुजर रहे हैं. जब ऐसे ठंड के समय में आर्थिक रूप से संपन्न लोग अपने घरों में गर्म कपड़े पहन कर, हीटर चला, कंबल रजाई में ठंड से बचाव कर रहे हैं.
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तो वहीं, कुछ ऐसे भी लोग हैं जो सड़क पर झुग्गियों में रहते हुए ठंड की मार झेल रहे हैं. उनके पास केवल अलाप जलाकर ठंड से बचने का एकमात्र सहारा है. ऐसे में जब जी मीडिया संवाददाता ने उनके बीच जाकर उनकी परेशानियों के बारे में बातचीत की तो उन्होंने बताया कि वह पिछले लगभग 30 साल से यहां सड़क पर झुग्गी बनकर रह रहे हैं.
ठंड और बरसात के समय काफी समस्याओं का सामना करना पड़ता है विशेष कर ठंड के दिनों में।उनके पास आधार कार्ड,वोटर आईडी कार्ड भी है। चुनाव के समय नेता वोट मांगने आते हैं। एक छत का वादा भी करते हैं लेकिन वह वादे आज तक पूरे नहीं किए गए. बच्चों को काफी ठंड लगती है. बीमार भी हो जाते हैं, लेकिन मजबूरी है यहां सड़क पर रहना मजबूरी है.
वहां मौजूद महिला ने बताया कि ठंड की रफ्तार यही रही तो हम लोगों को खाना पीना भी दुश्वार हो जाएगा. ठंड की वजह से हमलोग मजदूरी नहीं कर पा रहे हैं, जिससे परिवार चलाना भी मुश्किल हो रहा है. प्रतिदिन मजदूरी के भरोसे हमलोगों के परिवार का भरण पोषण होता है. गर्म कपड़े के अभाव में अलाव के सहारे जीवन यापन करने को विवश हैं. सर्दी के कारण काम भी नहीं है, वहीं दूसरी तरफ नगर निगम की तरफ उनकी झुग्गी हटाने का डर हमेशा बना रहता हैं. अब ऐसे हालात में छोटे-छोटे बच्चों को लेकर कहां जाएं.
(इनपुटः अमित चौधरी)