Delhi News: हिंदू धर्म में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का बड़ा धार्मिक महत्व होता है. इसीलिए हर साल ओडिशा के पुरी में स्थित जगन्नाथ मंदिर से बड़े धूमधाम और भव्यता के साथ रथ यात्रा निकाली जाती है, जिसमें लाखों की संख्या में लोग शामिल होते हैं. हालांकि, ओडिशा के अलावा भी कई राज्यों में भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा का आयोजन किया जाता है. उन्हीं में से एक है राजधानी दिल्ली के हौज खास स्थित भगवान जगन्नाथ का मंदिर. यहां से भी बड़ी धूमधाम के साथ रथ यात्रा निकाली जाती है. इस साल रथ यात्रा की शुरुआत 7 जुलाई से होने वाली है.


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प्रशासन कर रही पूरे इंतजाम 


इसी बार की रथ यात्रा की तैयारियों में हौज खास स्थित भगवान जगन्नाथ के मंदिर में प्रशासन लगा हुआ है. बता दें की हौज खास इलाके में स्थित यह मंदिर पुरी के मंदिर की तर्ज पर ही बनाया गया है. दिल्ली का ये मंदिर अपनी भव्यता और धार्मिक महत्व के लिए जाना जाता है. इस बार जगन्नाथ रथ यात्रा रविवार के दिन निकलने वाली है. वहीं रविवार होने के चलते इस बार रथ यात्रा में लाखों की संख्या में श्रद्धालु शामिल हो सकते हैं, जिसको देखते हुए मंदिर प्रशासन की ओर से तमाम सुरक्षा के इंतजाम किए जा रहे हैं.


सुरक्षा के हैं पुख्ता इंतजाम 


रथ यात्रा को लेकर इस बार तैयारियां थोड़ी अधिक की जा रही है, क्योंकि इस बार श्रद्धालु की भीड़ काफी संख्या में आने वाली है. दिल्ली पुलिस और अर्ध सैनिक बलों की तैनाती भी बड़ी संख्या में की जा रही है, ताकि रथ यात्रा में कोई खलल न पड़ सके. हौज खास स्थित जगन्नाथ मंदिर के सेक्रेटरी रवि प्रधान ने बताया कि रथ यात्रा 7 तारीख को निकलने जा रही है. पुलिस प्रशासन से तमाम परमिशन ले ली गई है. उनकी तरफ से काफी अच्छा सहयोग मिल रहा है. रथ यात्रा को देखते हुए हमने 500 से अधिक वॉलंटियर को लगाया है. सुरक्षा को देखते हुए 100 से अधिक CCTV कैमरे मंदिर के आसपास में लगाए गए हैं. इस बार मुख्य अतिथि के तौर पर मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत आने वाले हैं. साथ ही रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव के भी आने की उम्मीद है.


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क्यों निकाली जाती है रथ यात्रा 


हिंदू पंचांग के मुताबिक, हर वर्ष आषाढ़ मास की द्वितीय तिथि को भगवान जगन्नाथ की रथ यात्रा निकाली जाती है. इसको निकालने के पीछे कई मान्यताएं हैं. कहा जाता है कि इस दिन भगवान जगन्नाथ अपने भाई बलराम के साथ बहन सुभद्रा को नगर की शैर पर ले जाते हैं. इस दिन को मनाने के पीछे की कहानी यह है कि भगवान जगन्नाथ की बहन सुभद्रा ने नगर घुमने की इच्छा जाहिर की थी. तब भगवान जगन्नाथ ने तीन रथ मंगवाया और सुभद्रा को घुमाने के लिए ले गए. सबसे पहले भगवान बलराम का रथ था, बीच में सुभद्रा का रथ और सबसे पीछे भगवान जगन्नाथ का रथ था. इस यात्रा में भगवान जगन्नाथ अपनी मौसी के घर गुड़िचा भी जाते हैं और वहां 7 दिन रुकते हैं. इसके बाद से ही इस रथ यात्रा को हर वर्ष निकालने की परंपरा चली आ रही है. 


इनपुट- Mukesh Singh


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