Kaithal News: ऑनलाइन अटेंडेंस और सरपंच के हाथ में 'बेहिसाब पावर' के विरोध में सफाईकर्मियों का प्रदर्शन
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Kaithal News: ऑनलाइन अटेंडेंस और सरपंच के हाथ में 'बेहिसाब पावर' के विरोध में सफाईकर्मियों का प्रदर्शन

Kaithal News: हरियाणा पंचायत विभाग द्वारा एक मोबाइल ऐप लाने की तैयारी की जा रही है, जिसमें ग्रामीण चौकीदारों, ग्रामीण सफाईकर्मियों और जलकर्मियों (पंचायत पंप ऑपरेटर) की इस मोबाइल ऐप से हाजिरी लगेगी. इसके विरोध में सफाई कर्माचारी हड़ताल पर हैं.

Kaithal News: ऑनलाइन अटेंडेंस और सरपंच के हाथ में 'बेहिसाब पावर' के विरोध में सफाईकर्मियों का प्रदर्शन

Kaithal News: कैथल में ग्रामीण सफाई कर्मचारी, चौकीदार एवं जलकर्मी (पंचायत पंप ऑपरेटर) सोमवार से ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध में धरने पर बैठे हैं. आज उनके धरना प्रदर्शन का दूसरा दिन है. वहीं कर्मचारियों ने आज हड़ताल को 7 मार्च तक बढाने का ऐलान किया है. इसके साथ ही सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांग नहीं मानी गई तो वह अनिश्चितकालीन धरने पर जा सकते हैं. 

प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण सफाई कर्मचारियों का कहना है कि पिछली बार हमने 51 दिन की हड़ताल की थी. उसके बाद कुछ मांग मुद्दों को लेकर हमारा सरकार के साथ समझौता हो गया था, लेकिन उन समझौतों को अभी तक लागू नहीं किया गया है. वहीं दूसरी ओर अब पंचायत विभाग हरियाणा द्वारा एक मोबाइल ऐप लाने की तैयारी की जा रही है. इस ऐप के आने के बाद ग्रामीण चौकीदारों, ग्रामीण सफाईकर्मियों और जलकर्मियों (पंचायत पंप ऑपरेटर) की इस मोबाइल ऐप से हाजिरी लगेगी.

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ऐप से हाजिरी (अटेंडेंस) लगने के बाद 3 दिन तक उस ऑनलाइन अटेंडेंस का सत्यापन ग्राम सचिव करेंगे तथा उसके बाद गांव के सरपंच उस ऐप के माध्यम से वेतन/मानदेय भुगतान की ऑनलाइन सिफारिश करेंगे. सरपंच की सिफारिश के बाद सरकार ने जिस प्राईवेट बैंक के साथ करार किया है वो बैंक उपरोक्त कर्मियों एवं चौकीदारों को ऑनलाइन मानदेय का भुगतान करेगा. इसका मतलब है कि इन सभी कर्मचारियों का वेतन जो अब तक बीडीपीओ कार्यालय के द्वारा भुगतान किया जाता था, अब सरपंचों के माध्यम से भुगतान कराया जाएगा. सफाई कर्मचारी पंचायत विभाग के इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, यही नहीं इसके विरोध में वो धरने पर भी बैठ गए हैं. 

प्रदर्शन कर रहे ग्रामीण सफाईकर्मियों, चौकीदारों तथा जलकर्मियों (पंचायत पंप ऑपरेटर) का कहना है कि इस नई व्यवस्था से हमें उनकी मनमानी का शिकार होना पड़ेगा. आपसी रंजिश में सरपंच अपने मन-मुताबिक मानदेय में कटौती कर सकते हैं. यही नहीं कर्मचारियों का ये भी कहना है कि सरपंच के हाथ में ये पॉवर आने के बाद लोगों को हटाने का सिलसिला भी शुरू हो जाएगा.

वहीं इसमें कुछ कर्मचारी ऐसे भी हैं, जिनके पास स्मार्ट फोन नहीं है. कम पढ़े-लिखे होने की वजह से कई लोगों को फोन चलाना भी नहीं आता, ऐसे में ऑनलाइन अटेंडेंस लागू होने के बाद कई लोग अपनी हाजिरी नहीं भर पाएंगे. सफाई कर्माचारी सरकार से इस पर रोक लगाने का मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार 5-6 गांव का एक जोन बनाकर सुपरवाइजर की नियुक्ति करें और रजिस्टर पर हाजिरी लगाई जाए. अपनी मांगों के नहीं माने जाने और ऑनलाइन ऐप पर हाजिरी लगवाने की स्थिति में सफाई कर्मचारियों ने अनिश्चितकालीन आंदोलन की भी चेतावनी दी है. 

Input- Vipin Sharma