Kidnapping : 14 साल 'वनवास' के बाद परिवार की तलाश में युवक पहुंचा पानीपत, भटक रहा दर-दर
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Kidnapping : 14 साल 'वनवास' के बाद परिवार की तलाश में युवक पहुंचा पानीपत, भटक रहा दर-दर

24 साल के हो चुके मनोज को अपहरण के बाद कुछ लोग उसे राजस्थान के जोधपुर ले गए थे, जहां उससे खेतों में जबरन काम कराया जाता था. अब उसे घर, गांव या परिजनों के नाम कुछ याद नहीं. याद है तो बस इतना कि उसके पिता किसी दुकान पर काम करते थे और तीन बहनों का वह इकलौता भाई है.

पानीपत पहुंचा मनोज (मध्य में)

राकेश भयाना/पानीपत :  एक परिवार का 10 साल का बच्चा अचानक लापता हो जाता है. काफी तलाश के बाद भी जब बच्चा नहीं मिलता तो घर वाले इस कड़वी हकीकत को स्वीकार कर जीवन में आगे बढ़ जाते हैं, लेकिन अचानक एक करिश्मा तब होता है, जब 24 साल का युवक पानीपत वापस आकर बताता है कि वह वही बच्चा है जो खो गया था. 

इन 14 साल में युवक अपने गांव और पिता का नाम भूल चुका है. केवल याद है तो इतना कि उसके पिता किसी दुकान पर काम करते थे और वह तीन बहनों का इकलौता भाई है. भला हो उस इंसान का, जिसने युवक को एक पर्ची बनाकर राजस्थान से पानीपत के लिए ट्रेन में बैठाकर रवाना कर दिया. पानीपत पहुंचने पर युवक ई रिक्शा एसोसिएशन के लोगों से मिला, तब एसोसिएशन ने युवक की सहायता कर सामजिक संगठन से मुलाकात करवा दी. 

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ई रिक्शा एसोसिएशन के प्रधान संजीव ने बताया कि लगभग सुबह 10 बजे रेलवे स्टेशन से युवक आ रहा था. उसने हमसे बस स्टैंड जाने का रास्ता पूछा तो हमने पूछा कि कहां जाना है, तब उसने बताया कि 14 साल पहले इसका अपहरण हो गया था और उसे जोधपुर (राजस्थान) ले जाया गया था. 

युवक के अनुसार उसके साथ मारपीट की जाती थी. संजीव ने बताया कि किसी भले मानुष में पर्ची बनाकर युवक को ट्रेन में बैठा दिया था और उससे पानीपत उतरने के लिए कहा था. उन्होंने बताया कि युवक को अपने गांव व माता-पिता के बारे में कुछ नहीं पता. वह सब कुछ भूल चुका है. केवल इतना याद है कि उसकी तीन बहनें है. संजीव ने बताया कि युवक बस स्टैंड पर इसलिए जा रहा था कि किसी गांव की आवाज सुनकर शायद उसे अपने गांव के नाम याद आ जाए, लेकिन हमने युवक को सामाजिक संगठन को सौंप दिया है. 

दर्दभरी कहानी सुनकर लोग हो गए भावुक 
14 साल बाद पानीपत लौटे युवक मनोज ने बताया कि जोधपुर गांव का कोई किसान उसका अपहरण कर जोधपुर ले गया था. उसने बताया कि वह मुझसे खेतों पर काम करवाते थे. इस दौरान पड़ोसी ने मेरी मदद कर मुझे ट्रेन में बैठाकर पानीपत रवाना कर दिया. मनोज ने बताया कि पानीपत जिले का रहने वाला हूं लेकिन मुझे अपने गांव और माता पिता का पता नहीं है. पीड़ित युवक ने बताया कि उसे अपने माता-पिता का नाम नहीं पता केवल इतना जानता हूं , पिता किसी दुकान पर काम करते हैं और तीन बहनों का इकलौता भाई हूं.

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सामाजिक संगठन के प्रधान चमन गुलाटी ने बताया कि ई रिक्शा एसोसिएशन के लोगों ने 14 साल पहले अपहरण हुए युवक को हमें सौंपा है. मेरी गुजारिश है कि अगर 14 साल पहले किसी के घर से कोई बच्चा गायब हुआ है और इसकी पहचान बताता है तो आशियाने में आकर ले सकता है. सभी कानूनी कार्रवाई के अनुसार ही बच्चे को उसके माता-पिता के हवाले किया जाएगा. प्रधान चमन गुलाटी ने बताया कि इसके माता-पिता को खोजने में इसकी सहायता करेंगे और जब तक कि हमारे पास रहना चाहेगा, तब तक इसे अपने आशियाने में रखेंगे. 

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