राजनिवास कार्यालय की तरफ से स्पष्ट जानकारी दी गई है कि LG हाउस से उन्हीं फाइलों को वापस किया गया है जिन पर केजरीवाल के हस्ताक्षर नहीं थे.
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नई दिल्लीः दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच एक बार फिर से विवाद शुरू हो गया है. दरअसल, LG विनय सक्सेना ने केजरीवाल की तरफ से हस्ताक्षरित नहीं की गई 47 फाइलों को वापस भेज दिया है. वहीं, राजनिवास कार्यालय की तरफ से स्पष्ट किया गया है कि इन सभी 47 फाइलों पर संवैधानिक मानदंडों के मुताबिक मुख्यमंत्री ने हस्ताक्षर कर नहीं भेजा था. इसलिए सभी फाइलों को वापस करना पड़ा.
खबरों की मानें तो अभी भी बिना हस्ताक्षर किए हुए फाइलों को LG हाउस भेजे जाने का सिलसिला लगातार जारी है. इस मामले में एलजी सक्सेना की तरफ से एक पत्र भी लिखा जा चुका है. जिसमें सभी फिलों पर सीएम के हस्ताक्षर किया जाना बेहद ही जरूरी बताया जा रहा है.
स्कूलों में क्लास रूम बनाने से जुड़े मामले में भी मांगी रिपोर्ट
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इतना ही नहीं उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना ने दिल्ली के मुख्य सचिव से सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त क्लास रूम बनाने से जुड़े मामले में भी रिपोर्ट मांगी है. बता दें कि उपराज्यपाल कार्यालय के मुताबिक, केन्द्रीय सतर्कता आयोग (CVC) से मिली रिपोर्ट पर सतर्कता विभाग की कार्रवाई में ढाई साल की देरी पर रिपोर्ट मांगी है.
CVC ने सतर्कता विभाग को सरकारी स्कूलों में अतिरिक्त क्लासरूम बनाने में हुए भ्रष्टाचार और अनियमितताओं पर 17 फरवरी, 2020 को रिपोर्ट सौंपी थी. दिल्ली के एलजी और केजरीवाल के बीच आबकारी नीति को लेकर पहले से ही टकराव चल रहा है. इस मामले में डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया जो आबकारी मंत्री भी हैं. उनके सरकारी आवास और दफ्तरों समेत 21 ठिकानों पर छापेमारी की जा चुकी है.