Delhi News: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजधानी में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत से कथित फर्जी भुगतान, टेंडर दरों में बढ़ोतरी, नालों की सफाई में फर्जी बिलिंग को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप की जांच ACB से कराने के आदेश जारी किए हैं.
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Delhi LG VK Saxena: दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने राजधानी में पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत से कथित फर्जी भुगतान, टेंडर दरों में बढ़ोतरी, नालों की सफाई में फर्जी बिलिंग को लेकर भ्रष्टाचार के आरोप की जांच ACB से कराने के आदेश जारी किए हैं. नजफगढ़ के वार्ड 127 के पार्षद और अधिवक्ता अमित खरखरी की ओर से एलजी को शिकायत की गई थी.
80 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान का आरोप
वहीं इसमें आरोप लगाया गया था कि पीडब्ल्यूडी के इंजीनियरों और अधिकारियों की मिलीभगत से 2021-22 से 2024-25 के दौरान पीडब्ल्यूडी के महज दो डिवीजनों में एक ही ठेकेदार को तकरीबन 80 करोड़ रुपये का फर्जी भुगतान किया गया था. वहीं बीजेपी पार्षद खरखरी ने अपनी इस शिकायत में दिल्ली की सरकार द्वारा कथित फर्जी भुगतान (टेंडर दरों में बढ़ोतरी, नालों की सफाई में कथित फर्जी बिलिंग) का आरोप लगाया गया था.
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बीजेपी के पार्षद ने की एलजी वीके सक्सेना से शिकायत
बीजेपी के पार्षद अमित खरखरी ने एलजी वीक सक्सेना से शिकायत की थी. दिल्ली के पालम क्षेत्र में नालों की सफाई से संबंधित तकरीबन 80 करोड़ रुपये के कथित हेरफेर के मामले में एलजी ने एसीबी को जांच के आदेश दे दिए है. खरखरी द्वारा की गई शिकायत में कई मुद्दों को रेखांकित किया गया है, जिसमें टेंडर की दर में जरूरत से ज्यादा बढ़ोतरी और गाद हटाने की गतिविधियों के लिए फर्जी बिलिंग शामिल है. जिससे सार्वजनिक फंड को काफी नुकसान हुआ है. इसमें यह भी बताया गया है कि ठेकेदार द्वारा मैनुअल स्कैवेंजर्स को गैरकानूनी तरीके से काम पर रखा गया है, जबकि सुपर-सकर मशीनों का इस्तेमाल किया जाना चाहिए था.
शिकायतकर्ता ने जिन भी अधिकारियों पर ये आरोप लगाए हैं. इनमें कार्यकारी अभियंता अशीष गुप्ता, सहायक अभियंता धर्म सिंह मीणा, कनिष्ठ अभियंता अजय कुमार मीणा, ठेकेदार सुरेंद्र सिंह और पीडब्ल्यूडी के दूसरे कर्मचारी भी इसमें शामिल हैं.