कोरोना के केस बढ़ रहे पर घबराएं नहीं, इन लोगों को चौथी बूस्टर डोज लेने की जरूरत नहीं
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कोरोना के केस बढ़ रहे पर घबराएं नहीं, इन लोगों को चौथी बूस्टर डोज लेने की जरूरत नहीं

Corona Booster Dose: देश में एक बार फिर कोविड 19 के केस बढ़ते जा रहे हैं. ऐसे में लोगों के मन में सवाल उठ रहे हैं कि क्या बचाव के लिए उन्हें एक और बूस्टर डोज लेनी चाहिए या नहीं.  हालांकि देश में अभी चौथी बूस्टर डोज को लेकर कोई गाइडलाइंस नहीं हैं.

कोरोना के केस बढ़ रहे पर घबराएं नहीं, इन लोगों को चौथी बूस्टर डोज लेने की जरूरत नहीं

Covid19 WHO Alert: दिल्ली-एनसीआर समेत देश के कई हिस्सों में कोरोना के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. शनिवार को देशभर में कोरोना वायरस के 2994 केस रिपोर्ट हुए और कुल कोरोना मरीजों की संख्या 16354 पहुंच गई. 7 लोगों की मौत हो गई, जिसमें से दिल्ली, कर्नाटक और पंजाब से दो-दो और एक गुजरात से दर्ज की गई.  

आज 9981 लोगों ने कोविड वैक्सीन का टीका लगवाया.  इसमें से 1050 लोग ऐसे थे, जिन्होंने वैक्सीन की पहली डोज ली. हालांकि अभी कुछ लोग वैक्सीन से डरे हुए हैं तो बहुत से लोग ऐसा भी सोच रहे हैं कि क्या चौथी बूस्टर डोज लगवा लेनी चाहिए. इस बारे में WHO ने स्थिति थोड़ी सी साफ की है. स्ट्रैटजिक एडवाइजरी ग्रुप ऑफ एक्सपर्ट्स ऑन इम्यूनिजेशन (SAGE) ने इस बारे में गाइडलाइंस जारी की हैं.

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इसकी एक रिपोर्ट के मुताबिक स्वस्थ लोगों को बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है. सबसे पहले तो ऐसे लोग जो स्वस्थ हैं, जिन्हें कोई बीमारी नहीं है और उम्र 60 साल से कम है उन्हें चौथी बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है. हालांकि डोज लेने से कोई नुकसान नहीं होगा लेकिन फायदा होता भी नहीं दिखेगा. चौथी बूस्टर की जरूरत के हिसाब से WHO ने लोगों को तीन कैटेगरी में बांट दिया है. ये कैटेगरी हैं-हाई (High risk), मीडियम (Medium risk) और लो रिस्क (low risk). 

हाई रिस्क वालों को दें चौथी बूस्टर डोज
SAGE की सिफारिश के मुताबिक गंभीर बीमारी के शिकार, बेकाबू डायबिटीज के मरीज, HIV या ऐसी बीमारियों जो इम्यून सिस्टम को बेहद कमजोर कर देती हैं. ऐसे लोगों को बूस्टर डोज ले लेनी चाहिए। गर्भवती महिलाओं और हेल्थ केयर वर्कर्स जो सीधे कोविड मरीज के संपर्क में आ रहे हैं वो भी एक्स्ट्रा बूस्टर डोज ले सकते हैं.

इन लोगों को पहली डोज है जरूरी
मीडियम रिस्क (Medium risk) वाले लोग जो स्वस्थ हैं और 60 वर्ष से कम हैं, ऐसे किशोर और बच्चे जिन्हें कोई बीमारी है, इन्हें पहली बूस्टर ले लेनी चाहिए.  इसके बाद इन्हें बूस्टर डोज की जरूरत नहीं है.

इस उम्र के लोगों पर असर नहीं
लो रिस्क  (low risk) वाले लोगों में 6 महीने से 17 साल के स्वस्थ बच्चे शामिल होते हैं. इस आयु वर्ग को कोरोना ने सबसे कम प्रभावित किया है. इस ग्रुप की वैक्सीनेशन का फैसला देश को अपने हालात से करने का सुझाव दिया गया है.

गर्भवतियों के लिए बूस्टर कितनी जरूरी
6 महीने से कम उम्र के बच्चों और गर्भ में पल रहे बच्चों को कोरोना से खतरा बाकी बच्चों के मुकाबले थोड़ा ज्यादा बताया गया है. ऐसे मामलों में गर्भवती महिला को दूसरी डोज के 6 महीने बाद एक बूस्टर लेने की सलाह दी गई है जो बच्चे को भी सुरक्षा दे सकती है.

कितने समय में ले सकते हैं बूस्टर डोज
आमतौर पर भारत में दूसरी कोविड वैक्सीन के 9 महीने बाद आप बूस्टर डोज ले सकते हैं. हेल्थकेयर एक्सपर्ट्स, बहुत बीमार लोग और 60 साल से ज्यादा वाले लोगों के लिए बूस्टर जरूरी है. कई देशों में कोरोना की चौथी बूस्टर डोज को मंजूरी मिल चुकी है. अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा इन देशों में शामिल हैं. लेकिन भारत में अभी चौथी बूस्टर डोज को लेकर कोई गाइडलाइंस नहीं हैं.