श्रद्धा मर्डर केस में आफताब को कल साकेत कोर्ट में किया जाएगा पेश, हथियार, बॉडी के पार्ट्स बरामद करना है बाकी
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श्रद्धा मर्डर केस में आफताब को कल साकेत कोर्ट में किया जाएगा पेश, हथियार, बॉडी के पार्ट्स बरामद करना है बाकी

दिल्ली में बीते सोमवार को एक ऐसी खबर सामने आई, जिसने सबको हिलाकर रख दिया. दिल्ली के छतरपुर इलाके में रहने वाला आफताब अमीन पूनावाला नाम के शख्स ने अपनी प्रेमिका श्रद्धा वाकर की हत्या करने के बाद उसके 35 टुकड़े कर दिया. इसके बाद उसने अपनी प्रेमिका के शरीर के टुकड़ों को महरौली के जंगलों में फेंकना शुरू कर दिया. 

श्रद्धा मर्डर केस में आफताब को कल साकेत कोर्ट में किया जाएगा पेश, हथियार, बॉडी के पार्ट्स बरामद करना है बाकी

Shraddha Murder Case: छतरपुर एरिया की CCTV मैपिंग कर रही है दिल्ली पुलिस. क्योंकि श्रद्धा की हत्या 6 महीने पहले हुई थी. इसलिए 6 महीने का रिकार्ड खंगालने में जुटी हुई है दिल्ली पुलिस, कुछ जगहों पर आफताब घर की तरफ आते जाते दिख रहा है, हालांकि ज्यादातर जगह 15 दिन की ही CCTV रिकार्डिंग होती है. ऐसे में 6 महीने पुराना रिकार्ड निकालना बेहद मुश्किल है, जिन CCTV कैमरों में आरोपी आफताब नजर आ रहा है.

जानकारी के मुताबिक, आफताब की लास्ट जॉब गुरुग्राम के किसी कॉल सेंटर में कर रहा था. जहां 6 से 7 दिन अचानक गायब होने की वजह से उसे टर्मिनेट कर दिया गया था. इतना ही नहीं आफताब का परिवार दिल्ली पुलिस के संपर्क में और लगातार पुलिस उनसे पूछताछ कर रही है. श्रद्धा के पिता का DNA सेंपल ले लिया गया है. जंगल से करीब 10 से 13 हड्डियां बरामद की गई है और उन्हें फोरेंसिक लैब भेज दिया गया है जिससे पता चलेगा कि वो श्रद्धा की हड्डियां है या किसी जानवर की. इतना ही नहीं, आफताब के घर से कुछ ब्लड के निशान भी मिले है.

18 मई को पहली बार कोई झगड़ा नही हुआ था. आफताब और श्रद्धा का तीन साल से झगड़ा चल रहा था. कई बार वो ब्रेकअप करने का प्लान कर चुके थे, एक बार ब्रेकअप कर भी लिया था. 18 मई को दोनों के बीच घर का सामान लेने को लेकर झगड़ा हुआ. एक दूसरे से कहते थे घर का खर्च और सामान कौन लाएगा. इस बात को लेकर आफताब को गुस्सा आया और 8 बजे से 10 बजे के बीच उसका गला दबाकर कत्ल किया.

रात भर बॉडी रूम में ही रखी और अगले दिन चाकू और फ्रीज खरीदने गया

फिलहाल, पुलिस की जांच लगातार जारी है, इस मामले में हथियार बरामद नहीं हुआ है और इसी के साथ श्रद्धा का मोबाइल भी पुलिस को नहीं मिला है. श्रद्धा का सर बरामद नहीं हुआ है. आफताब और श्रद्धा के हत्या के दिन पहने हुए कपड़े भी पुलिस के हाथ नहीं लगे हैं. मगर श्रद्धा का एक बैग मिला है आफताब के घर से, जिसमें से श्रद्धा का सामान मिला है उसकी पहचान करानी है श्रद्धा के परिवार से.

बता दें कि आफताब सितंबर के महीने में मुंबई गया था पुलिस के बुलाने पर, इस दौरान उसने पुलिस को बताया कि श्रद्धा उससे झगड़ा करके चली गई है. एक बार वापस आई थी और अपना सामान लेकर चली गई है. मगर मुंबई पुलिस को आफताब पर शक हुआ, जिसके चलते उन्होंने ये केस DCP साउथ से संपर्क कर महरौली थाने में केस ट्रासंफर कर दिया. आफताब को नार्को टेस्ट के लिए अर्जी दी गई है. कोर्ट का इस मामले में कोई जवाब सामने नहीं आया है. आफताब को कल साकेत कोर्ट में पेश किया जाएगा और दिन की कस्टडी लेने की एप्लिकेशन मूव करेगी, क्योंकि अभी हथियार, बॉडी के पार्ट्स काफी चीजें बरामद करनी बाकी है.

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क्यों किया जाता है नार्को टेस्ट

नार्को टेस्ट के समय व्यक्ति को सोडियम पेंटोथल इंजेक्शन (sodium pentothal injection) की कम डोज दी जाती है. इससे व्यक्ति एक तरह से ऐसी नींद में चला जाता है जिसमें सामने वाले कि बात सुन सकता है और उसका जवाब दे सकता है, लेकिन इस समय व्यक्ति का दिमाग ठीक से काम नहीं करता, जिसकी वजह से वो व्यक्ति झूठ बोल कर तथ्यों को मैनिपुलेट नहीं कर पाता और जो भी बोलता है सच बोलता है.

हालांकि, जिसका नार्को टेस्ट हो रहा है वो चीजों को मैनिपुलेट तो नहीं कर रहा है, सच बोल रहा है इसके लिए नार्को टेस्ट के दौरान व्यक्ति के EEG (electroencephalogram) को लगातार मॉनिटर किया जाता है कि दिमाग से कैसी इलेक्ट्रिक waves निकल रही है. अगर waves सामान्य रहती हैं तो माना जाता है व्यक्ति सच बोल रहा है और नार्को टेस्ट सही दिशा में जा रहा है, लेकिन अगर waves ऊपर-नीचे होने लगती हैं, छलांग मारती है तो माना जाता है कि व्यक्ति अपने दिमाग का इस्तेमाल कर रहा है और शायद तथ्यों को मैनिपुलेट कर रहा है. इसीलिए ये नार्को टेस्ट हमेशा एक्सपर्ट्स की निगरानी में होते हैं.

नार्को टेस्ट में दिया जाने वाले इंजेक्शन कुछ बीमारियों में ICU में भर्ती मरीजों को हाई डोज में दिया जाता है. जबकि नार्को टेस्ट में डोज low रहती है, जिस वजह से उस व्यक्ति की सेहत पर कोई खास असर नहीं पड़ता है. किसी भी व्यक्ति कैसा है, क्या काम करता है इसके पीछे psycological science के मुताबिक दो चीजे काम करती है. "Nature" और "Nurture" नेचर पर तो व्यक्ति का बस नहीं होता, क्योंकि यह चीजे से genes में मिली होती हैं.

लेकिन, Nurture एक बड़ी चीज होती है और श्रद्धा के हत्यारे के मामले में साफ दिख रहा है कि उसका रहन सहन, परवरिश ही शायद ऐसे वातावरण में हुई है जिससे उसने ऐसा जघन्य काम किया, जिसके बारे में आम व्यक्ति सोच ही नहीं सकता है. ऐसे लोगों की मानसिक दशा ऐसी होती है जिसमें शायद किसी चीज से ये लोग influence होते हैं. brain wash होते हैं जिसमें दिन रात ये सिर्फ क्रूरता के बारे में ही सोचते हैं. ऐसी क्रूरता करने के लिए प्रेरणा वह व्यक्ति खुद ही अपने दिमाग के भीतर विकसित कर लेता है, जिस तरह से एक अमेरिकी सीरिज की भी बात चल रही थी कि वो इससे inspire था, ऐसे मूवीज भी व्यक्ति के दिमाग पर गहरा असर डालती हैं. जहां वो उस मूवी के किरदार के तरह ही खुद को बनाने के बारे में सोचता है और उसकी तरह ही करने की कोशिश करता है.

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