सिरसा में किसानों पर दर्ज केस खत्म करने के लिए डीसी ने सरकार को लिखा पत्र
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सिरसा में किसानों पर दर्ज केस खत्म करने के लिए डीसी ने सरकार को लिखा पत्र

11 जुलाई 2021 को किसान आंदोलन के दौरान चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी आए हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा की कार पर पथराव कर दिया था. पुलिस ने इस मामले में 100 के खिलाफ मामला दर्ज किया था. 

पिछले साल डिप्टी स्पीकर की कार पर हुआ था हमला

विजय कुमार/सिरसा : हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर गंगवा की गाड़ी पर हुए पथराव के मामले में अब सिरसा जिला प्रशासन ने किसानों पर दर्ज मामलों को रद्द करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. इसके लिए सिरसा के डीसी डॉ अजय तोमर ने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. तोमर ने यह पत्र 29 जून को लिखा था. 

बीते दिनों सिरसा में किसानों ने डीसी अजय तोमर से मुलाकात कर मामला रद्द करने की मांग की थी. इससे पहले किसानों ने हरियाणा के कैबिनेट मंत्री चौधरी रणजीत सिंह चौटाला के नेतृत्व में हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा से भी मुलाकाट कर केस वापस लेने की मांग की थी. अब इस मामले को रद्द करने के लिए जिला प्रशासन ने प्रक्रिया शुरू कर दी है. 

क्या है पूरा मामला 

पिछले साल तीनों कृषि कानूनों के विरोध को लेकर हरियाणा और पंजाब में किसान तीनों कृषि कानूनों का विरोध कर रहे थे. 11 जुलाई 2021 को किसान आंदोलन के दौरान हरियाणा के डिप्टी स्पीकर रणबीर सिंह गंगवा सिरसा की चौधरी देवीलाल यूनिवर्सिटी में किसी कार्यक्रम में शिरकत करने आए थे. इसी बीच कुछ किसानों ने गंगवा की गाड़ी पर हमला कर दिया था, जिससे उनकी गाड़ी के शीशे टूट गए थे. रणबीर सिंह गंगवा की गाड़ी पर हुए हमले के मामले में सिरसा पुलिस ने 100 किसानों पर मामला दर्ज किया था. 

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डीसी डॉ अजय तोमर ने बताया कि किसान आंदोलन के दौरान सिरसा जिले में किसानों पर 23 मामले दर्ज किए गए थे, जिनमें से 22 को वापस ले लिया गया है. उन्होंने कहा कि रणबीर सिंह गंगवा की गाड़ी पर हुए हमले के मामले को भी वापस लेने के लिए गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा गया है.

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों सिरसा के किसानों ने गंगवा की गाड़ी पर हुए हमले के मामले को वापस लेने की मांग की थी. उन्होंने गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. उन्होंने कहा कि सिरसा में भाईचारे को कायम रखने के लिए हरियाणा सरकार से इस मामले को वापस लेने के लिए गुजारिश की गई है.