Sonipat Farmer: इस तरह खेती करने से किसान की हो रही चांदी, सब्जियों की घर-घर बढ़ रही है डिमांड
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Sonipat Farmer: इस तरह खेती करने से किसान की हो रही चांदी, सब्जियों की घर-घर बढ़ रही है डिमांड

Sonipat News: प्रदेश की सरकार लगातार किसानों को जहर मुक्त खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए ट्रेनिंग देने का भी प्रावधान किया गया है. इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य रासायनिक खादों को छोड़कर जहर मुक्त खेती करना है.

Sonipat Farmer: इस तरह खेती करने से किसान की हो रही चांदी, सब्जियों की घर-घर बढ़ रही है डिमांड

Sonipat News: आधुनिकता के इस युग में जहां बेशुमार रासायनिक खाद खेतों में डाले जा रही हैं, जिससे लोगों के स्वास्थ्य पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है और ऐसे में नेचुरल और जहर मुक्त खेती करने वाले किसान विजय सरोहा मिसाल बने हुए हैं और आसपास के क्षेत्र में सीजन की सब्जियां डिमांड पर बिक रही हैं. बाजार में बिकने वाले भाव पर ही अपनी सब्जियां दे रहे हैं, हालांकि लौकी और तोरी समेत कई प्रकार की फसल उगा रखी हैं, मौजूदा समय में जहां खेतों में बारिश और बाढ़ से काफी फसलें तबाह हुई है ऐसे में आधुनिक तकनीक से बांस बेल चढ़ाकर खेती से काफी मुनाफा कमा रहे हैं.

प्रदेश की सरकार लगातार किसानों को जहर मुक्त खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रही है और इसके लिए प्रदेश की सरकार ने किसानों के लिए ट्रेनिंग देने का भी प्रावधान किया गया है. जानकारी के मुताबिक, अलग-अलग जिलों में इस प्रकार के किसानों को चिह्नित करके उन्हें आधुनिक तकनीक के माध्यम से कम लागत में अधिक मुनाफा कमाने को लेकर ट्रेनिंग करवाई जा रही है. इस ट्रेनिंग का मुख्य उद्देश्य रासायनिक खादों को छोड़कर जहर मुक्त खेती करना है.

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अब धीरे-धीरे किसान जहर मुक्त खेती की तरफ अग्रसर हो रहे हैं, जिसका जीता-जागता उदाहरण सोनीपत के गांव बैयापुर के रहने वाले विजय सरोहा है. विजय सरोहा ने 4 साल पहले जहर मुक्त और नेचुरल खेती के लिए अपने खेत में 2 एकड़ भूमि पर शुरुआत की थी. शुरुआती तौर पर कई साल बीत जाने के बाद भी उत्पादन ज्यादा नहीं हो पाया, लेकिन किसान विजय की मेहनत और लगन ने आज उसे जहर मुक्त खेती से अच्छा मुनाफा देना शुरू किया है.

आज हर कोई अच्छी और जहर मुक्त खेती की सब्जियां खाना पसंद कर रहा है. बशर्ते लोग कोई भी कीमत देने के लिए तैयार हो जाते हैं. क्योंकि आधुनिकता के इस युग में लोग बीमारियों से ज्यादा घिर रहे हैं. इसका बड़ा कारण रासायनिक खादों से तैयार फसलें भी हैं और इसी वजह से लगातार मामले बढ़ते जा रहे हैं और वहीं लोगों का स्वास्थ्य अच्छा रहे,  एक अच्छी सोच के साथ विजय सरोहा आधुनिक और जहर मुक्त खेती कर रहे हैं.

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एक तरफ जहां गांव में धान की फसल उगाते थे, जिसके कारण काफी पानी की खपत होती थी. ऐसे में प्रदेश सरकार की मुहिम मेरा पानी मेरी विरासत को सार्थक करते हुए धान की खेती छोड़कर आधुनिक और जहर मुक्त खेती की तरफ अग्रसर हुए हैं और ऐसे में किसान विजय सरोहा अपने खेतों में दिन रात मेहनत करते हैं और तब जाकर बिना रासायनिक खादों के नेचुरल खेती कर रहे हैं. हालांकि, नेचुरल खेती में मेन पावर की ज्यादा जरूरत होती है.

क्योंकि खेतों में खरपतवार को हटाने के लिए मजदूरों को लगाना पड़ता है. इसीलिए लोगों का भी विजय सरोहा की खेती के लिए आकर्षण बढ़ रहा है और विजय सरोहा को क्षेत्र से बाहर बाजार में जाकर अपनी सब्जियां नहीं बेचनी पड़ती है, बल्कि लोग उनके फार्म हाउस से ही लौकी और तोरी जैसी सब्जियां खरीद कर ले जाते हैं और इससे न केवल लोगों का स्वास्थ्य सुधार हो रहा है बल्कि विजय सरोहा समाज में एक नई क्रांति लेकर आ रहे हैं.

इसी वजह से अन्य किसान भी नेचुरल फार्मिंग की तरफ धीरे-धीरे अग्रसर हो रही है. वही नेचुरल फार्मिंग के कारण किसान मित्र कीटों व अन्य जीव-जंतुओं की संख्या भी खेतों में देखी जा सकती है और इससे किसानों की खेती में फसल के नुकसान दायक है. अब खेत में किसान मित्र जीव जंतु आना शुरू कर गए हैं.

(इनपुटः सुनिल कुमार)