Uttar Pradesh News: ई-कोर्ट के माध्यम से सुनवाई में जुड़ने के लिए पक्षकारों को नियत सुनवाई तिथि से 2 दिन पहले रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर और ई-मेल आईडी पर लिंक भेज दिया जाएगा जिसपर क्लिक करके पक्षकार किसी भी स्थान से सुनवाई में जुड़ सकते हैं.
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Uttar Pradesh News: उ.प्र. रेरा ने लखनऊ, वाराणसी, मथुरा, आगरा सहित कई अन्य जनपदों में स्थित परियोजनाओं के प्रोमोटर्स को उनसे जुड़ी 21 शिकायतों में आने वाले माह की विभिन्न तिथियों पर निर्धारित पीठों (बेंच) की ऑनलाइन सुनवाई में उपस्थित होने एवं अपना पक्ष रखने के लिए समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना जारी की है. उ.प्र. रेरा की विभिन्न पीठों की सुनवाई में कई तिथियों पर उपस्थित न होने वाले पक्षकारों को समाचार पत्रों में सार्वजनिक सूचना के जरिए उपस्थित होने का अंतिम मौका दिया जाता है. सुनवाई में उपस्थित न होने से शिकायतकर्ता/ पक्षकार की समस्या का समाधान नहीं हो पाता है तथा उनकी सुनवाई अगली तिथि के लिए निर्धारित करनी पड़ती है जो रेरा अधिनियम के उद्देश्यों के विपरीत एवं आवंटी या अन्य हिस्सेदारों के हितों के प्रतिकूल है.
दिसंबर 2023 से मई 2024 तक तय है तारीख
ये शिकायतें एफटेक डेवलपर्स प्रा. लि., अग्रणी होम्स प्रा. लि., वसुंधरा लोटस इंफ्राटेक प्रा. लि., आशियाना इंफ्राप्रोमोटर्स प्रा. लि., मान्या इंफ्रा बिल्डवेल प्रा. लि., एस जे पी ग्लोबल लिमिटेड, वांशिक ग्रुप, ब्लू हॉर्स बिल्डर्स प्रा. लि., बसेरा हाऊसिंग, लक्ष्य रियलइंफ्रा प्रा. लि., शाइन सिटी इंफ्रा प्रोजेक्ट्स प्रा. लि., श्री बाँके बिहारी बिल्डर्स प्रा. लि. तथा श्री ओम इंफ्रा लैंड्स प्रा. लि. शामिल है. इनकी सुनवाई दिसम्बर 2023 से मई 2024 के मध्य निर्धारित की गई है.
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ई-कोर्ट के माध्यम से सुनवाई
ई-कोर्ट के माध्यम से सुनवाई में जुड़ने के लिए पक्षकारों को नियत सुनवाई तिथि से 2 दिन पहले रजिस्टर्ड मोबाईल नम्बर और ई-मेल आईडी पर लिंक भेज दिया जाएगा जिसपर क्लिक करके पक्षकार किसी भी स्थान से सुनवाई में जुड़ सकते हैं. ज्ञातव्य है कि उ.प्र. रेरा ई-कोर्ट मॉडल के अनुरूप घर खरीदारों के शिकायतों की सुनवाई ऑनलाइन माध्यम से कर रहा हैं, जिसमे किसी भी पक्ष को उ.प्र. रेरा के कार्यालय आने की आवश्यकता नहीं है.
सुनवाई में उपस्थित न होने पर ये होगा
यदि प्रोमोटर इस सार्वजनिक सूचना के बाद भी सुनवाई में उपस्थित नहीं होते हैं तो रेरा अधिनियम के प्राविधानों के तहत पीठों द्वारा शिकायतकर्ता/ आवंटियों के हितों का ध्यान रखते हुए एकतरफा फैसला दे दिया जाएगा, जिसके जिम्मेदार स्वयं प्रोमोटर होंगे.