Haryana News: गुजरानी की ग्राम पंचायत ने युवाओं के कच्छा या निक्कर पहनकर घर से बाहर सरेआम घूमने पर रोक लगा दी है. अगर कोई युवा ऐसा करता है तो उस पर कार्रवाई की जाएगी. गांव गुजरानी की जिस ग्राम पंचायत ने यह आदेश दिया है उसकी सरपंच महिला हैं. महिला सरपंच रेणु के ससुर सुरेश कामकाज देखते हैं.


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गांव में लड़कों को निक्कर पहनकर घूमने पर रोक 
सरपंच प्रतिनिधि का कहना है कि गांव के युवा अक्सर गलियों में कच्छा या निक्कर पहनकर घूमते हैं, जिससे गांव की बहन-बेटियों को शर्मिंदा होना पड़ता है. उन्होंने बताया कि गांव में अगर कोई पंचायत के आदेश की अवहेलना करता है तो पहले उसके घर जाकर परिजनों से बात की जाएगी. इसके बावजूद भी नहीं मानता है तो उसके खिलाफ पंचायत फैसला करेगी व पुलिस में आवारगर्दी करने की FIR दर्ज कराई जाएगी. इसके अलावा पंचायत उस समय जो जुर्माना या सजा निर्धारित करेगी वह भी उस व्यक्ति पर प्रभाव से लागू की जाएगी. गांव में मुनादी करा दी गई है, आदेश के बाद गुजरानी गांव में 60 प्रतिशत युवाओं ने कच्छा या निक्कर पहनकर घूमना बंद कर दिया है.


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निक्कर पहननी है तो घुटने से नीचे तक वाली निक्कर पहने
सरपंच प्रतिनिधि सुरेश कुमार ने कहा कि घर में गांव के युवक जैसे भी रहें मगर जब वह सार्वजनिक स्थानों, दूसरों के घर या मोहल्ले में जाएं तो इज्जत के साथ जाएं. ऐसे में महिलाओं को शर्मिंदा होना पड़ता है. आदेश के बाद दूसरी पंचायतों के भी फोन आने लगे. वह भी अपने गांव में ऐसे फैसले लागू करने के लिए राजी हो गए हैं. सरपंच प्रतिनिधि सुरेश का कहना है कि गांव में कच्छा ही नहीं घुटने से ऊपर निक्कर पहनने पर भी रोक लगा दिया गया है. युवाओं को अगर निक्कर पहननी है तो घुटने से नीचे तक आने वाली निक्कर पहनी होगी. वहीं, गांव गुजरानी के सरपंच प्रतिनिधि के आदेश की पूरे गांव ही नहीं आसपास के गांवों में भी चर्चा बनी हुई है. बता दें कि गांव गुजरानी की आबादी करीब 7 हजार है. इस गांव में करीब 1,250 घर हैं. वहीं ग्रामीण ने भी इस प्रतिबंध का समर्थन किया है. उन्होंने कहा है कि यह गांव के भले के लिए सही है. 


Input- NAVEEN SHARMA