महिलाओं पर अत्याचार के मामले खत्म करने के लिए अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस मनाने की शुरुआत साल 2000 से की गई थी. वहीं नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 17.9% महिलाएं पतियों का अत्याचार रहती हैं.
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Women Violence: 25 नवंबर को दुनिया अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाती हैं. इस दिन की शुरुआत 1960 में 3 बहनों की हत्या किए जाने पर की गई. तभी से आज तक इस दिन को महिलाओं पर हो रहे अत्याचारों को संवेदना देने के लिए मनाया जा रहा है. जानकारी के अनुसार इस दिन को मनाने का लक्ष्य है कि महिलाओं पर अत्याचार के मामले रुक जाएं.
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वहीं हमारे देश भारत की बात करें तो यहां पति को परमेश्वर माना जाता है, लेकिन कभी वो पति परमेश्वर महिला के लिए राक्षस बन जाता है. इसकी एक रिपोर्ट नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे (2019-2021) ने निकाली है, जिसमें हरियाणा में सबसे ज्यादा ऐसा मामले देखे गए, जहां पति ने पत्नि को शारीरिक और यौन हिंसा का शिकार बनाया है.
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार हरियाणा में 17.9% महिलाओं पर पतियों द्वारा अत्याचार होता है. वहीं पंजाब में 11.6% महिलाएं पति द्वारा किए जाने वाले शारीरिक व यौन हिंसा की शिकार हैं. वहीं चंडीगढ़ 9.7% और हिमाचल में 8.6% महिलाओं की स्थिति थोड़ी ठीक है.
नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार पंजाब व हरियाणा में भावनात्मक हिंसा भी ज्यादा है. महिलाओं को अपशब्द व रिश्तेदारों से संबंधित ताने व छींटाकशी भी सुनना. इन सभी चीजों को लेकर महिलाओं को प्रताणित किया जाता है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट के मुताबिक दुनिया में हर 3 में से 1 लड़की जो कि 15 साल से बड़ी है, वो किसी न किसी रूप से हिंसा का शिकार हो रही है. 2021 में महिलाओं पर अत्याचार के 74 करोड़ से अधिक मामले आए थे.
ऐसे हुई इस दिन की शुरुआत
बता दें कि पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल और एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल ने डोमिनिकन शासक राफेल ट्रुजिलो की तानाशाही का विरोध किया था. इसके बाद आज के दिन यानी 25 नवंबर 1960 को डोमिनिकन शासक राफेल ट्रुजिलो के आदेश पर 3 बहनों, पैट्रिया मर्सिडीज मिराबैल, मारिया अर्जेंटीना मिनेर्वा मिराबैल और एंटोनिया मारिया टेरेसा मिराबैल की हत्या कर दी गई थी. इसके बाद 1981 से इस दिन को स्मृति दिवस के रूप में मनाया जाने लगा. वहीं 1999 में संयुक्त राष्ट्र महासभा में प्रस्ताव पारित कर हर साल 25 नवंबर को अंतरराष्ट्रीय महिला हिंसा उन्मूलन दिवस के रूप में मनाने का फैसला लिया. साल 2000 में इसे मनाने की शुरुआत हुई थी.