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नई दिल्ली: राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में नई आबकारी नीति (New Excise Policy) के तहत मौजूदा सरकारी शराब की 372 दुकानें 16 नवंबर तक ही वैलिड हैं. इसके बाद ये सभी बंद हो जाएंगे और 17 नवंबर से शराब की नई 849 दुकानें खुलनी है, लेकिन इस बीच आशंका जताई जा रही है कि शुरू के कुछ दिनों तक नई दुकानें कम ही खुल पाएंगी. इसके साथ ही जो दुकानें खुलेंगी, उनमें भी लोगों को अपनी पसंद की शराब मिलने की कोई गारंटी नहीं है.
बता दें कि 1 अक्टूबर से शराब की सभी प्राइवेट दुकानें बंद हो गई थीं. दिल्ली सरकार की नई आबकारी नीति (Delhi Govt New Excise Policy) के तहत 266 प्राइवेट शराब की दुकानों सहित सभी 849 शराब की दुकानें टेंडर के जरिए निजी कंपनियों को दे दी गई हैं. नए लाइसेंस धारक शराब की खुदरा बिक्री 17 नवंबर से शुरू करेंगे. इस दौरान सिर्फ राज्य सरकार द्वारा संचालित शराब की दुकानें खुली ही खुली थीं, जो 16 नवंबर के बाद बंद हो जाएंगी.
एनबीटी की रिपोर्ट के अनुसार, 17 नवंबर से नई शराब की दुकानें खुलने में कई तरह की परेशानियां सामने आ रही हैं. अभी तक अधिकतर नई दुकानें तैयार नहीं हैं और जिनकी दुकानें तैयार भी हो गई हैं, उन्हें लाइसेंस मिलने में परेशानी आ रही है. हालांकि, सूत्रों का कहना है कि आबकारी विभाग की ओर से कहा जा रहा है कि जो दुकानें तैयार हैं, वह अपनी दुकान की फोटो और वीडियो बनाकर संबंधित अधिकारी को भेजते रहे. फिलहाल उन्हें अस्थायी लाइसेंस जारी कर दिए जाएंगे, ताकि वह अपनी दुकानें खोल सकें. इसके बदा जैसे ही दुकानों की विजिट होगी, उन्हें स्थायी लाइसेंस जारी कर दिए जाएंगे.
दिल्ली में प्रदूषण पर काबू पाने के लिए 17 नवंबर तक निर्माण कार्यों पर रोक लगी हुई है और इस वजह से नई शराब की दुकानों के कंस्ट्रक्शन वर्क रोकने पड़े हैं. ऐसे में इन दुकानों को तैयार होने पर समय लगेगा. वहीं अगर कंस्ट्रक्शन वर्क्स पर लगी रोक आगे बढ़ाई जाती है तो शराब की दुकानें खुलने में ज्यादा समय लग सकता है.
मामले से जुड़े जानकारों के मुताबिक, नई शराब की दुकानें खुलने के बाद शराब और बीयर की पूरी वैरायटी नहीं मिल पाएगी, क्योंकि शराब और बीयर के देसी-विदेशी ब्रांड रजिस्टर्ड होने में डिले हो रहा है. इस वजह से लोगों को उनकी पसंदीदा शराब की वेराइटी मिलने में मुश्किल होगी.
दिल्ली सरकार ने स्वतंत्र रेस्टोरेंट (किसी भी कॉरपोरेट से जुड़ा नहीं) में शराब परोसने के लिए जरुरी चार अलग-अलग लाइसेंसों का विलय कर दिया है. इस तरह 17 नवंबर लागू होने जा रही नई आबकारी नीति के तहत रेस्टोरेंट्स में शराब परोसने के लिए अब एक ही लाइसेंस की जरुरत होगी. अधिसूचना के अनुसार मौजूद एल-17, एल-17 एफ, एल-18 और एल-18 एफ लाइसेंस का संयुक्त विलय एल-17 लाइसेंस के रूप में कर दिया जाएगा. एल-17 लाइसेंस की जरुरत स्वतंत्र रेस्टोरेंट में भारतीय शराब परोसने, जबकि एल-17 एफ लाइसेंस की जरुरत विदेशी शराब परोसना के लिए होती है. वही एल-18 और एल-18 एफ लाइसेंस भारतीय रेस्टोरेंट में वाइन, बीयर और एल्कोपॉप के साथ भारतीय और विदेशी शराब परोसने के लिए हैं.
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