नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान (Farmers Protest) संगठन आज विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों को ज्ञापन सौंप रहे हैं.
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नई दिल्ली: नए कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान (Farmers Protest) संगठन आज विभिन्न राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के राज्यपालों और उपराज्यपालों को ज्ञापन सौंप रहे हैं. वहीं पुलिस ने देशभर में सुरक्षा तैनाती बढ़ा दी है.
हरियाणा के पंचकूला में किसानों और पुलिस के बीच झड़प हो गई. चंडीगढ़ में हरियाणा के राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने के लिए हजारों किसान पंचकूला से निकले थे. रास्ते में पुलिस ने उन्हें रोकने के लिए बैरिकेड्स लगा रखे थे. गुस्साए किसानों ने बैरिकेड्स उखाड़ फेंके और आगे बढ़ गए. वहीं किसानों को रोकने के लिए बड़ी मात्रा में खड़ी पुलिस कुछ नहीं कर पाई.
#WATCH | Farmers push barricades aside in Haryana's Panchkula as they march towards Governor's residence in Chandigarh to submit a memorandum seeking repeal of new farm laws pic.twitter.com/6uNRo9cn28
— ANI (@ANI) June 26, 2021
किसान नेताओं ने दिल्ली के एलजी अनिल बैजल को भी अपनी मांगों से जुड़ा मेमोरेंडम दिया. किसान नेताओं ने कहा कि दिल्ली में चल रहे उनके आंदोलन (Farmers Protest) को 7 महीने से ज्यादा हो चुके हैं. इसके बावजूद सरकार ने अब तक उनकी सुनवाई करना जरूरी नहीं समझा है. इससे सरकार की नीयत का पता चलता है. किसानों के प्रदर्शन की आशंका को देखते हुए दिल्ली पुलिस ने एलजी भवन के आसपास सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं.
वहीं दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर जमे आंदोलनकारी किसानों (Farmers Protest) का कहना है कि अगर तीनों नए कृषि कानून वापस नहीं लिए जाते हैं तो जो आंदोलन 7 महीनों से चल रहा है. वो अगले 7 साल तक भी चलता रहेगा. इससे पहले बीकेयू अध्यक्ष नरेश टिकैत करीब 600 किसानों के साथ मुजफ्फरनगर से ट्रैक्टर चलाकर दिल्ली के गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचे और आंदोलन को लंबा चलाने की घोषणा की.
बताते चलें कि कि किसान आंदोलन (Farmers Protest) के सात महीने पूरे होने के मौके पर संयुक्त किसान मोर्चा ने राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद से दखल देने की मांग की है. किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार को तीन कृषि कानूनों को वापस लेने का निर्देश दिया जाए. किसानों का आरोप है कि ये तीनों कानून किसान विरोधी हैं और इससे कृषि का कोई भला नहीं होने वाला.
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