ध्रुवास्त्र तीसरी जनरेशन की ‘दागो और भूल जाओ’ किस्म की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल प्रणाली है, जिसे एडवांस लाइट हैलीकॉप्टर पर तैनात किया गया है.
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नई दिल्ली: मेक इन इंडिया मुहिम के तहत देश की सेना को लगातार मजबूत किया जा रहा है. सेना की ताकत में एक और नाम जुड़ गया. ओड़ीसा की एंटरिम टेस्ट रेंज (आईटीआर) में एंटी टैंक 'ध्रुवास्त्र' मिसाइल का सफल परीक्षण किया गया है. ये मिसाइल दुश्मन को पूरी तरह से ध्वस्त करने का माद्दा रखती है.
रिपोर्ट्स के मुताबिक हैलीकॉप्टर लॉन्च्ड नाग मिसाइल (HELINA), जिसका नाम बदलकर अब एंटी टैंक गाइडेट मिसाइल ‘ध्रुवास्त्र’ कर दिया गया है. इसका परीक्षण डायरेक्ट और टॉप अटैक मोड में 15 और 16 जुलाई को किया गया था.
ये परीक्षण बिना हैलीकॉप्टर के किया गया.
#WATCH Trials of Helicopter-launched Nag Missile (HELINA), now named Dhruvastra anti-tank guided missile in direct and top attack mode. The flight trials were conducted on 15&16 July at ITR Balasore (Odisha). This is done without helicopter. pic.twitter.com/Jvj6geAGLY
— ANI (@ANI) July 22, 2020
ध्रुवास्त्र तीसरी जनरेशन की ‘दागो और भूल जाओ’ किस्म की एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल प्रणाली है, जिसे एडवांस लाइट हैलीकॉप्टर पर तैनात किया गया है.
इस प्रणाली में हर मौसम में यहां तक कि रात में भी अटैक करने की क्षमता है. ये ना केवल पारंपरिक रक्षा कवच वाले युद्धक टैकों को बल्कि विस्फोटकों से बचाव के कवच वाले टैंकों को भी नष्ट कर सकती है.
ध्रुवास्त्र मिसाइल ना केवल दोनों तरह से अपने टारगेट पर अटैक कर सकती है, बल्कि टॉप अटैक मोड में भी काम करती है. डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन (डीआरडीओ) ने पिछले साल पोखरण फायरिंग रेंज में नाग मिसाइल के 3 सफल परीक्षण किए थे. ये तब किया गया था जब डिफेंस एक्विजीशन काउंसिल ने डीआरडीओ द्वारा डिजाइन और डेवलप किए गए नाग मिसाइल सिस्टम (NAMIS) को 524 करोड़ रुपये की कीमत पर खरीदने की इजाजत दे दी थी.
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इस सिस्टम में एक थर्ड जनरेशन एंटी टैंक गाइडेड मिसाइल नाग के साथ, मिसाइल कैरियर ह्वीकल (NAMICA) भी है.
भारतीय सेना में नाग के सफलतापूर्वक शामिल होने के बाद से उम्मीद की जा रही है कि शत्रु सेना के मुकाबले आर्मी की क्षमताओं में कई गुना इजाफा होगा.