प्रदूषण के लिए पटाखे कितने जिम्मेदार? जानें किन चीजों से सबसे ज्यादा खराब होती है हवा
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प्रदूषण के लिए पटाखे कितने जिम्मेदार? जानें किन चीजों से सबसे ज्यादा खराब होती है हवा

Delhi Pollution After Diwali: दिल्ली के पूसा इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स 999 रिकॉर्ड किया गया. दिवाली के बाद हवा का स्तर बेहद खराब तक पहुंच गया है.

दिल्ली में छाया स्मॉग.

नई दिल्ली: सवाल ये है कि प्रदूषण (Pollution) किस चीज की वजह से होता है, क्या सिर्फ दिवाली (Diwali) के पटाखों की वजह से होता है. जान लें कि गाड़ियों के धुएं की वजह से करीब 28 प्रतिशत, धूल-मिट्टी के कारण 17 फीसदी, कारखाने की गंदगी के कारण 30 प्रतिशत, खुले में कचरा जलाने के कारण 4 फीसदी, डीजल जनरेटर की वजह से 10 प्रतिशत और पावर प्लांट के कारण 11 फीसदी प्रदूषण होता है. बाकी के 364 दिन पटाखे नहीं जलते लेकिन इन कारणों को अनदेखा करके सभी का फोकस सिर्फ दिवाली के पटाखों पर होता है.

  1. नोएडा में भी प्रदूषण का स्तर 400 के पार
  2. गाड़ियों के धुएं की वजह से 28 प्रतिशत प्रदूषण
  3. धूल-मिट्टी के कारण 17 फीसदी प्रदूषण

दिल्ली बनी गैस चैंबर

दिवाली के बाद दिल्ली समेत कई इलाकों में प्रदूषण का स्तर बढ़ गया है. दिल्ली-एनसीआर में पटाखों पर प्रतिबंध था. इसके बावजूद खूब आतिशबाजी हुई और इसका परिणाम ये हुआ कि आज पूरी दिल्ली एनसीआर गैस चेंबर बन चुकी है. दिल्ली और एनसीआर में हवा की गुणवत्ता बहुत ज्यादा खराब हो गई है. दिल्ली के कई इलाकों के साथ ही नोएडा और गाजियाबाद के भी कई इलाकों में एयर क्वॉलिटी इंडेक्स (AQI) तेजी से बढ़ता हुआ नजर आया. सुबह दिल्ली के ITO में हवा की गुणवत्ता बेहद खराब थी. वहीं दिल्ली के पूसा इलाके में AQI 999 रिकॉर्ड किया गया और अक्षरधाम इलाके में AQI 810 के आसपास रहा.

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दिल्ली के आसपास भी हवा का स्तर खराब

हर साल की तरह इस बार भी दिल्ली समेत आसपास के कई इलाकों की वही तस्वीर देखने को मिली जब रोशनी के त्योहार के बाद हवा का स्तर बेहद खराब हो जाता है. इस दिवाली दिल्ली में पटाखों के इस्तेमाल पर बैन था, सरकार भी अपनी ओर से कोशिश कर रही थी कि दिवाली पर बिना प्रदूषण के ही काम बन जाए लेकिन ऐसा हो ना सका.

मनाही के बावजूद भी लोग पटाखे जलाते नजर आए और सरकारी आदेश पटाखों की धुंध में खो गया. लोगों की लापरवाही का नतीजा ये रहा कि राजधानी दिल्ली समेत आसपास के कई इलाके गैस चेंबर में तब्दील हो गए. नोएडा, गुरुग्राम और गाजियाबाद का प्रदूषण स्तर भी 400 के पार पहुंच गया जो कि वाकई चिंता का विषय है.

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आतिशबाजी के पहले ही खराब हो गया था हवा का स्तर

दिवाली पर कई लोग ऐसे भी थे जिन्होंने पटाखे ना जलाने का फैसला लिया था ताकि प्रदूषण को रोकने में कुछ योगदान दिया जा सके. अब सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या दिल्ली में प्रदूषण का स्तर पटाखे फोड़ने से बढ़ा है? गुरुवार सुबह 9 बजे दिल्ली का AQI 339 था और ये पटाखों के फूटने से पहले का डेटा है. शाम 6 बजे AQI 387 तक पहुंच गया था. लेकिन रात 11 बजे दिल्ली का AQI 388 रिकॉर्ड किया गया और ये पटाखे फूटने के बाद का लेखा-जोखा है. वहीं दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने दिल्ली की इस हालत के लिए बीजेपी को जिम्मेदार ठहरा कर पल्ला झाड़ लिया.

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