प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को फिर से मीडिया के सामने आकर यहां तक कह दिया कि कांग्रेस को इस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की जरूरत नहीं है. उन्होंने पंजाब में लीडरशिप में बदलाव की वकालत भी की है. बाजवा ने पंजाब में महंगी बिजली के मुद्दे पर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देकर भी नसीहत दी.
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चंडीगढ़ : पंजाब कांग्रेस में एक बार फिर से सांसद प्रताप बाजवा और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच की तकरार ने गृह युद्ध छेड़ दिया है. प्रताप सिंह बाजवा ने बुधवार को फिर से मीडिया के सामने आकर यहां तक कह दिया कि कांग्रेस को इस समय मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की जरूरत नहीं है. उन्होंने पंजाब में लीडरशिप में बदलाव की वकालत भी की है. बाजवा ने पंजाब में महंगी बिजली के मुद्दे पर दिल्ली में अरविंद केजरीवाल का उदाहरण देकर भी नसीहत दी.
उधर, प्रताप बाजवा के बुधवार के प्रहार पर सबसे पहले यूथ कांग्रेस मुख्यमंत्री के समर्थन में खड़ी नजर आई और उलटा प्रताप बाजवा को ही अनुशासन की नसीहत दी. हालांकि इस लड़ाई में हमेशा की तरह मुख्यमंत्री की तरफ से अभी तक कोई बयान नहीं आया है.
दरअसल, सांसद प्रताप बाजवा और मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह के बीच के तकरार ने ताजा रफ्तार बीते दिवस उस समय पकड़ी जब प्रताप बाजवा ने कैप्टन पर पंजाब में महंगी बिजली और बेअदबी मामलों में कार्रवाई ना करने के मुद्दे पर सवाल उठाए और मुख्य मंत्री की अगुवाई में काम ना करने की बात तक कह दी. बाजवा के तीखे प्रहारों से आहत कैप्टन की टीम में कैप्टन के समर्थन में मंगलवार को ही मोर्चा संभाल लिया था. मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक से पहले अनौपचारिक बातचीत में मंत्रियों ने प्रताप बाजवा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की.
उधर, प्रताप बाजवा बुधवार को फिर सामने आए और सबसे पहले ZEE मीडिया से कहा कि इस समय कांग्रेस को कैप्टन अमरिंदर सिंह की जरूरत नहीं है. बल्कि कैप्टन को कांग्रेस की जरूरत है. प्रताप बाजवा यहीं नहीं रुके बल्कि पंजाब में लीडरशिप बदलाव की भी खुल कर वकालत की. बाजवा ने यह भी कहा कि कांग्रेस की सरकार के तीन साल पुरे हो रहे हैं जबकि जनता के साथ किये गए वादे ज्यों के त्यों पड़े हैं.
पंजाब में महंगी बिजली के मामले में मुख्यमंत्री को घेरते हुए प्रताप बाजवा ने दिल्ली के मुख्य मंत्री अरविन्द केजरीवाल का उद्धारहण दिया और कहा कि दिल्ली में भी अरविंद केजरीवाल ने निजी बिजली कंपनियों को बिजली सस्ती करने की चेतावनी दी थी, जिसके बाद दिल्ली में लोगों को बिजली सस्ती मिली जबकि पंजाब में बिजली इतनी मंहगी है कि आने वाले समय में लोग अपने घरों से बिजली के कनेक्शन काटने लगेंगे.
प्रताप बाजवा ने बेअदबी के मामलों पर भी करवाई ना करने को लेकर मुख्यमंत्री की नीयत पर सवाल उठाए. बाजवा के अनुसार बीते दिवस उनके (प्रताप बाजवा) खिलाफ कई मंत्रियों के स्टेटमेंट मंत्रियों की बिना सहमति के जारी कर दिए गए, जिनमें मंत्रियों ने बाजवा के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई करने की मांग की थी.
उधर, प्रताप बाजवा के बयानों पर मुख्यमंत्री के समर्थन में सबसे पहले यूथ कांग्रेस ने मोर्चा संभाला. पंजाब युथ कांग्रेस के अध्यक्ष बरिंदर ढिल्लों ने कहा कि पार्टी की अंदरूनी बातें या फिर कोई शिकायत पार्टी फॉर्म में ही उठाई चाहिए. उन्होंने कहा कि मुख्य मंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह सक्षम है और उनकी अगुवाई में पंजाब कांग्रेस बेहतरीन काम कर रही है. हालांकि मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह की तरफ से अभी तक प्रताप बाजवा के बयानों पर कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है, मगर जिस तरह से मुख्यमंत्री की टीम और प्रताप बाजवा आमने सामने हुए हैं. उसने कांग्रेस के अंतर्कलह को एक बार फिर स्तह पर ला दिया है. बहरहाल, कांग्रेस के इस ग्रह क्लेश ने विपक्षियों को अपनी राजनैतिक रोटियां सेंकने का एक मौका और दे दिया है.
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