DNA ANALYSIS: जानिए LOC पर 73 सालों से पाकिस्तान कैसे कर रहा आतंक के इस रास्ते का इस्तेमाल?
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DNA ANALYSIS: जानिए LOC पर 73 सालों से पाकिस्तान कैसे कर रहा आतंक के इस रास्ते का इस्तेमाल?

सबसे पहले वर्ष 1947 के युद्ध में भी भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच राजौरी, नौशेरा और पुंछ में भीषण लड़ाई हुई थी. इसके बाद वर्ष 1965 में पाकिस्तान ने कश्मीर को देश से काटने के लिए जम्मू पर हमला किया था. पाकिस्तान के आतंकवादियों के लिए ये इलाका भारत में घुसपैठ का सबसे आसान रास्ता है.

DNA ANALYSIS: जानिए LOC पर 73 सालों से पाकिस्तान कैसे कर रहा आतंक के इस रास्ते का इस्तेमाल?

नई दिल्ली: आप अक्सर Line of Control यानी LoC पर पाकिस्तान के सीज़फायर उल्लंघन की ख़बरें सुनते होंगे. आपको ये भी बताया गया होगा कि भारतीय सेना ऐसे किसी भी हमले के जवाब में कड़ा प्रहार करती है और कई बार तो पाकिस्तान की Posts को Rocket Launchers और Anti Tank Missiles की मदद से नष्ट भी कर देती है. आप सोचते होंगे कि ये कौन सा रास्ता है जिसका इस्तेमाल करके पाकिस्तान पिछले 73 वर्षों से भारत में घुसपैठ कर रहा है. इस वर्ष नवंबर तक पाकिस्तान ने 4 हज़ार से ज़्यादा बार सीज़फायर का उल्लंघन किया है, जो पिछले 17 वर्षों में सबसे ज्यादा है.

सबसे पहले वर्ष 1947 के युद्ध में भी भारत और पाकिस्तान की सेना के बीच राजौरी, नौशेरा और पुंछ में भीषण लड़ाई हुई थी. इसके बाद वर्ष 1965 में पाकिस्तान ने कश्मीर को देश से काटने के लिए जम्मू पर हमला किया था. पाकिस्तान के आतंकवादियों के लिए ये इलाका भारत में घुसपैठ का सबसे आसान रास्ता है. ये रास्ता दिखाने के लिए हम आपको जम्मू-कश्मीर के राजौरी में LoC से सिर्फ 600 मीटर दूर, भारतीय सेना की एक पोस्ट पर लेकर चलेंगे. जहां पर इन दिनों भी पाकिस्तान आतंकवादियों को भेजने की कोशिश कर रहा है.

हम यहां भारतीय सेना के बंकर के बारे में आपको बताना चाहते हैं. इस बंकर से Pakistan Occupied Kashmir यानी PoK की दूरी सिर्फ 680 मीटर है. 

-PoK के एक आतंकवादी लॉन्च पैड, नकयाल की दूरी 18 किलोमीटर है.

-PoK में आतंकवादियों के ट्रेनिंग सेंटर, कोटली से इस Post की दूरी लगभग 50 किलोमीटर है.

-इस बंकर से PoK का मीरपुर, करीब 114 किलोमीटर दूर है, जो आतंकवादियों का Recruiting सेंटर है.

-पाकिस्तान की फौज के Headquarter रावलपिंडी की दूरी 178 किलोमीटर है.

-और पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद Well Within Reach यानी भारतीय सेना की पहुंच में है.

-कुल मिलाकर मुश्किल हालात के बाद भी LoC पर भारतीय सैनिकों का जोश कम नहीं है.

आतंकवाद को खत्म करने का युद्ध 

यहां पर हमारे सैनिक हर दिन पाकिस्तान को मात देकर भारत को जीत दिलाते रहते हैं और उनके इसी शौर्य को दिखाने के लिए हमने LoC से एक Special Ground Report तैयार की है. इसे आपको ध्यान से देखना चाहिए, क्योंकि ये वो जगह है, जहां पर आतंकवाद को खत्म करने का युद्ध कभी खत्म नहीं होता है.

Line of Control से आई तस्वीरों में जम्मू-कश्मीर से आई ग्राउंड रिपोर्ट का पूरा सच मौजूद है. लेकिन पाकिस्तान के किसी भी अटैक को फेल करने के लिए भारतीय सैनिकों के पास एंटी टैंक मिसाइल, रॉकेट लॉन्चर और मीडियम मशीन गन जैसे तीन घातक हथियार हैं.

आपने इन पुरानी तस्वीरों में पाकिस्तान के बंकरों पर किया गया सटीक हमला देखा होगा. इसका निशाना अचूक है और रफ्तार ऐसी की पलक झपकते ही टारगेट ध्वस्त. ये अटैक एंटी टैंक मिसाइलों से किया जाता है और 5 किलोमीटर की दूरी तक ये मजबूत बंकरों को भी तबाह कर सकती है. भारतीय सैनिकों का दूसरा हथियार है, रॉकेट लॉन्चर. ये लगभग 1 किलोमीटर तक हमला करने की जबरदस्त फायरपावर देते हैं. इसके अलावा भारतीय जवान मीडिया मशीन गन के साथ चौबीसों घंटे तैनात रहते हैं. इनका निशाना पाकिस्तान की तरफ और उंगलियां ट्रिगर पर होती हैं. यहां से पाकिस्तान की चौकी सिर्फ 600 मीटर दूर है और ये मीडियम मशीन गन ढाई किलोमीटर की दूरी तक निशाना लगा सकती है.

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सिर्फ हथियार ही नहीं, निगरानी के लिए इन सैनिकों के पास स्वदेशी ड्रोन भी हैं. ये Technology आतंकवादियों को खबर दिए बिना उन पर नज़र रखती है और इनकी मदद से ही पाकिस्तान के आतंक पर सटीक हमला भी होता है. इस महीने की शुरुआत में भारतीय सेना ने पाकिस्तान के आतंकियों की घुसपैठ को फेल कर दिया था और तब वहां पर मेड इन पाकिस्तान बिस्किट और जूस के पैकेट मिले थे.

अगर इसके बाद भी कोई आतंकवादी गलती से भारत की सीमा में घुस जाए तो यहां मौजूद हमारे सैनिक जंगलों में ही उन्हें खत्म कर देते हैं. घने जंगलों के बीच ये भारतीय जवान मानो सुरक्षा की एक दीवार है और इनकी लगातार सतर्कता की वजह से पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम यानी BAT और आतंकियों के लिए ये इलाका कब्रगाह बन गया है.

इस पटका का वजन दो किलो और बुलेटप्रूफ जैकेट का वजन 10 किलो है.

भारत में घुसने का सबसे आसान रास्ता

73 वर्षों से पीर पंजाल रेंज का ये दक्षिणी हिस्सा आतंकियों के लिए भारत में घुसने का सबसे आसान रास्ता है. सर्दियों की बर्फबारी के बाद पाकिस्तानी इसी रास्ते से आतंकवादियों को भेजकर हर वर्ष भारत के साथ छल करता है और सीज़फायर का उल्लंघन करके पाकिस्तान भी इन आतंकवादियों की पूरी मदद करता है.

पाकिस्तान के इस सीज़फायर उल्लंघन का शिकार LoC के पास मौजूद गांवों में निर्दोष लोग बनते हैं. इन गांवों में हर महीने लगभग 7 से 8 बार शेलिंग होती है. यहां के लोग हर पल मौत के डर में जीते हैं और सीमा पार की गोलाबारी से घायल होकर कई लोग हाथ और पैर गंवा चुके हैं.

भारतीय सेना आपको सुरक्षित रखने के लिए इन आतंकवादियों का खात्मा करती है. लेकिन आतंकवाद के खिलाफ ये महायुद्ध आपकी मदद के बिना पूरा नहीं होगा. इसलिए जरूरत के समय सेना से सबूत मांगने वालों का साथ देने के बदले इन वीर योद्धाओं का समर्थन जरूर कीजिएगा.

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