DNA Analysis: मीटिंग के वक्त गाड़ी चला रहे थे MP, धोखा देने के लिए बदला Background; पर यूं फंस गए
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DNA Analysis: मीटिंग के वक्त गाड़ी चला रहे थे MP, धोखा देने के लिए बदला Background; पर यूं फंस गए

कई लोग गाड़ी चलाते हुए भी मोबाइल फोन इस्तेमाल करने से बाज नहीं आते. इसकी वजह वे हर वक्त खुद के साथ ही दूसरों के लिए भी बड़ा खतरा बने रहते हैं. 

DNA Analysis: मीटिंग के वक्त गाड़ी चला रहे थे MP, धोखा देने के लिए बदला Background; पर यूं फंस गए

नई दिल्ली: वर्ष 1970 में एक मशहूर फ़िल्म आई थी, जिसका नाम था 'मेरा नाम जोकर' और इस फ़िल्म के एक गाने के बोल थे
ए भाई, ज़रा देख के चलो
आगे ही नहीं, पीछे भी
दायें ही नहीं, बायें भी
ऊपर ही नहीं, नीचे भी

  1. सीट बेल्ट से फंस गया सांसद
  2. चलती गाड़ी में मोबाइल से बातचीत
  3. गाड़ी पर नहीं रहता कंट्रोल

ये गाना 51 वर्ष पुराना है लेकिन ऐसा लगता है कि इसे आज ही के लिए लिखा गया था. इस बात को आप एक वीडियो से समझ सकते हैं. ये वीडियो अमेरिका के Ohio राज्य का हैं.

सीट बेल्ट से फंस गया सांसद

वहां के एक सांसद ने एक वर्चुअल मीटिंग के दौरान अपना Background बदल कर ये दिखाने की कोशिश कि वो दफ़्तर में है लेकिन असल में वो मीटिंग के दौरान ड्राइविंग कर रहा था. सबसे दिलचस्प बात ये है कि ये Virtual Meeting गाड़ी चलाने के दौरान मोबाइल फोन इस्तेमाल करने वाले लोगों के ख़िलाफ़ कड़े क़ानून बनाने को लेकर चल रही थी.

बड़ी बात ये है कि इस दौरान वो ये भूल गए कि Background तो App के ज़रिए बदल जाएगा लेकिन सीट बेल्ट का वो क्या करेंगे. यानी सीट बेल्ट की वजह से उनकी चोरी पकड़ी गई और इस विषय पर बुलाई गई मीटिंग में वहां के सांसद ख़ुद ऐसा ही करते हुए नज़र आए. आज कल ये काफ़ी आम बात हो गई है.

 

चलती गाड़ी में मोबाइल से बातचीत

आपने देखा होगा कि हमारे देश में भी लोग ऐसा ही करते हैं. अक्सर जब हम गाड़ी या दुपहिया वाहन चला रहे होते हैं और किसी का फोन आ जाता है तो हम गाड़ी या मोटरसाइकल को रोकते नहीं हैं बल्कि गर्दन को टेढ़ी करके कान के नीचे फोन फंसा लेते हैं और फ़ोन पर बात करते हुए ही गाड़ी चलाते रहते हैं. 

ऐसा करते समय कई बार हमारा ध्यान रास्ते पर नहीं रहता और इस वजह से सड़क दुर्घटनाएं भी खूब होती हैं. यानी हम नज़र हटी, दुर्घटना (Accident) घटी जैसे मुहावरे तो खूब इस्तेमाल करते हैं लेकिन हमारी नज़र अक्सर ग़लत दिशा में होती है.

समझने वाली बात ये है कि जब इन लोगों को कोई टोक देता है तो वो यही कहते हैं कि कुछ नहीं होता. या कहते हैं कि अरे मेरी ड्राइविंग पर शक कर रहे हो. मैं चला लूंगा.

गाड़ी पर नहीं रहता कंट्रोल

लेकिन हमारा मानना है कि एक समय में आप एक ही चीज़ चला सकते हैं. या तो गाड़ी चला सकते हैं या मोबाइल फ़ोन चला सकते हैं. क्योंकि अगर दोनों चीज़ें एक साथ चलाईं जाएं तो सम्भव है कि उस व्यक्ति के सामने ये लिखना पड़ जाए ''चल बसे''.. यानी ऐसा करते हुए जान भी जा सकती है. इसीलिए आज हम इस विषय को लेकर आपसे चर्चा करना चाहते हैं.

एक अनुमान के मुताबिक़ अगर आप 70 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से गाड़ी चला रहे हैं और तभी आप अपने मोबाइल फ़ोन पर एक Message पढ़ने के लिए सिर्फ़ 5 सेकेंड के लिए अपनी नज़रें सड़क से हटाते हैं तो इस दौरान आपकी गाड़ी एक क्रिकेट स्टेडियम जितनी दूरी तय कर चुकी होती है. यानी इन 5 सेकेंड में गाड़ी पर आपका कोई नियंत्रण नहीं होता और अगर इस दौरान कोई दूसरी गाड़ी सामने आ जाए तो भीषण दुर्घटना (Accident) भी हो सकती है.

अमेरिका में एक साल में 3 हजार की मौत

इसे आप कुछ आंकड़ों से समझ सकते हैं. वर्ष 2019 में अमेरिका में 3 हज़ार 142 लोगों की मौत Distracted Driving की वजह से हुई जबकि 4 लाख लोगों को इस दौरान गम्भीर चोटे आईं. एक NGO के मुताबिक़ पूरी दुनिया में हर चार में से एक कार दुर्घटना (Accident) Distracted Driving की वजह से होती है. यानी ड्राइवर का ध्यान सड़क पर कम और दूसरी चीज़ों पर ज़्यादा होता है.

जैसे गाड़ी चलाते समय मोबाइल फ़ोन चलाना, गाड़ी चलाते समय खाना खाना, Audio System पर गाने चेंज करना या शराब और सिगरेट पीना. जब आप गाड़ी चलाते हुए ये सब करते हैं तो समझ लीजिए कि सड़क दुर्घटना (Accident) होने की सम्भावना उतनी ही बढ़ जाती है. 

WHO की एक रिपोर्ट के मुताबिक़ Distracted Driving के दौरान हमारा रिएक्शन टाइम ज़्यादा हो जाता है. जैसे ब्रेक लगाने में एक व्यक्ति औसतन 2 सेकेंड लेता हैं लेकिन जब वो इसी दौरान मोबाइल फ़ोन चला रहा होता है या कोई और काम करता है तो ये समय 4 से 6 सेकेंड भी हो सकता है. मतलब इसकी वजह से कोई व्यक्ति समय समय पर गाड़ी का ब्रेक नहीं लगा पाता और इसीलिए सड़क दुर्घटनाएं (Accident) होती हैं.

कैब ड्राइवर भी करते हैं लापरवाही

हालांकि इसके बावजूद इस बात को नज़रअन्दाज़ किया जाता है. आप Uber Taxi के ड्राइवर्स को देखते होंगे, वो हर समय गाड़ी चलाते वक़्त मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल कर रहे होते हैं. पहले ग्राहक से ओटीपी के लिए मोबाइल इस्तेमाल करते हैं, फिर Navigation के लिए मोबाइल फ़ोन देखते हैं और पेमेंट के लिए भी उन्हें मोबाइल चलाना पड़ता है.

Save Life Foundation नाम के एक भारतीय NGO ने वर्ष 2017 में इस पर एक सर्वे किया था. इस सर्वे में भी चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए थे. तब इसमें में पाया गया कि 47 प्रतिशत लोग भारत में गाड़ी चलाते समय मोबाइल फ़ोन पर बात करते हैं. 41 प्रतिशत लोग दफ़्तर जाते समय ऑफ़िस से जुड़ा काम करते हैं, जैसे ईमेल पढ़ना और Messages भेजना इत्यादि. 60 प्रतिशत भारतीयों ने माना था कि वो कॉल उठाने के लिए गाड़ी नहीं रोकते और 20 प्रतिशत लोगों ने बताया था कि मोबाइल फोन के इस्तेमाल की वजह से उनका Accident होते होते बचा है.

ब्रिटेन में ढाई लाख रुपये जुर्माना

ये हालात तब है, जब इसे लेकर हमारे देश में सख्त क़ानून है. भारत में Motor Vehicles Act 2019 के तहत गाड़ी चलाते समय मोबाइल फ़ोन का इस्तेमाल सिर्फ़ Navigation के लिए हो सकता है. अगर कोई व्यक्ति इस दौरान फोन पर बात करता है तो क़ानून में 5 हज़ार रुपये के जुर्माने का प्रावधान है. ब्रिटेन में तो ये क़ानून और भी कड़ा है. वहां अगर कोई व्यक्ति गाड़ी चलाते समय मोबाइल फ़ोन पर बात करता है तो उस पर ढाई हज़ार Pound यानी ढाई लाख रुपये जुर्माना लगाया जाता है.

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अब अगर आपके पास बहुत सारे पैसे हैं और ये जुर्माना आपके लिए मामूली है तो भी आपको गाड़ी चलाते समय अपनी नज़रें रास्ते पर ही रखनी चाहिए क्योंकि जान से ज़्यादा क़ीमती कुछ नहीं होता. आप सबकुछ ख़रीद सकते हैं, लेकिन अपनी ज़िन्दगी को नहीं ख़रीद सकते.

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