DNA ANALYSIS: वायु प्रदूषण कोरोना मरीजों के लिए कैसे खतरनाक? जानिए क्या कहती है स्टडी
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DNA ANALYSIS: वायु प्रदूषण कोरोना मरीजों के लिए कैसे खतरनाक? जानिए क्या कहती है स्टडी

वायु प्रदूषण पूरे भारत के लिए एक बड़ी समस्या है. लेकिन अब वायु प्रदूषण की वजह से कोविड-19 के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. आने वाले कुछ महीनों में वायु प्रदूषण की वजह से कोरोना वायरस और ज्यादा लोगों की जान ले सकता है.

DNA ANALYSIS: वायु प्रदूषण कोरोना मरीजों के लिए कैसे खतरनाक? जानिए क्या कहती है स्टडी

नई दिल्ली: वायु प्रदूषण (Air Pollution)  पूरे भारत के लिए एक बड़ी समस्या है. लेकिन अब वायु प्रदूषण की वजह से कोविड-19 (COVID-19) के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है. आने वाले कुछ महीनों में वायु प्रदूषण की वजह से कोरोना वायरस (Coronavirus) और ज्यादा लोगों की जान ले सकता है.

कोरोना संक्रमित मरीजों पर असर
वायु प्रदूषण कोरोना संक्रमित मरीजों पर क्या असर डालेगा, इस पर हार्वर्ड यूनिवर्सिटी ने एक स्टडी की है. इस स्टडी के मुताबिक वातावरण में PM 2.5 कणों की मात्रा में थोड़ी वृद्धि से भी कोरोना से होने वाली मौतों की रफ्तार बढ़ सकती है. PM का मतलब होता है पार्टिकुलेट मैटर (Particulate Matter). PM 2.5 बहुत बारीक कण होते हैं जो सांसों के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश कर जाते हैं और हवा में PM 2.5 का स्तर बढ़ने से लोग बीमार हो जाते हैं.

- हार्वर्ड की स्टडी के मुताबिक ज्यादा वायु प्रदूषण वाले इलाके में रहने वाले कोविड 19 के मरीजों की मौत की आशंका कम वायु प्रदूषण वाले इलाके में रहने वाले मरीजों से ज्यादा है.

- इस स्टडी से पहली बार वायु प्रदूषण के स्तर और कोविड 19 के मरीजों की मौत के बीच एक सीधा संबंध दिखाई दे रहा है.

- अगर आप लंबे समय से प्रदूषित वायु वाले इलाके में रहते हैं तो कोरोना वायरस के संक्रमण से आपको गंभीर खतरा हो सकता है और ये स्टडी उन लोगों पर भी लागू होती है जो धूम्रपान करते हैं.

हालांकि ये स्टडी भारत में नहीं की गई है, लेकिन विशेषज्ञों के मुताबिक वायु प्रदूषण बढ़ने से अमेरिका के मुकाबले भारत में ज्यादा गंभीर परिणाम दिखाई देंगे.

PM 2.5 का स्तर तय किए गए मानकों से 20 गुना ज्यादा
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, एक वर्ष में PM 2.5 का स्तर औसतन 10 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर होना चाहिए. लेकिन भारतीय मानकों के आधार पर ये स्तर बढ़ाकर 40 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर तय किया गया है. दिल्ली में वर्ष 2019 में PM 2.5 का औसत स्तर 829 माइक्रोग्राम/क्यूबिक मीटर था. यानी तय किए गए मानकों से 20 गुना ज्यादा.

आशंका है कि सर्दियों में पार्टिकुलेट मैटर और हवा की रफ्तार बढ़ने से कोरोना वायरस का संक्रमण तेजी से ज्यादा बड़े इलाके में फैल सकता है. कोरोना वायरस सबसे पहले आपको Respiratory System यानी श्वास लेने वाली प्रणाली पर हमला करता है.

- देश में इस समय 4 करोड़ से ज्यादा लोगों को श्वांस संबंधी समस्याएं हैं और ऐसे लोगों के लिए कोरोना वायरस का इंफेक्शन घातक साबित हो सकता है.

- वायु प्रदूषण के असर से भारत में बच्चे, युवा और बुजुर्ग सभी गंभीर रूप से प्रभावित होते हैं. प्रदूषण लोगों के फेफड़ों को 30 प्रतिशत तक कमजोर हो चुका है और ऐसे लोगों के लिए कोविड-19 का संक्रमण जानलेवा हो सकता है.

ये पूरे देश को प्रभावित करने वाली खबर है. भारत में लगातार कोरोना वायरस के मामले बढ़ रहे हैं, इसलिए सभी राज्यों और केंद्र सरकार को गंभीरता से इस विषय पर विचार करना चाहिए.

पंजाब और हरियाणा में पराली जलानी शुरू कर दी गई
सुप्रीम कोर्ट की EPCA यानी Environment Pollution Prevention and Control Authority ने पंजाब और हरियाणा की सरकारों को पराली जलाने की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कहा है. लेकिन पिछले कुछ दिनों से पंजाब और हरियाणा में पराली जलानी शुरू कर दी गई है. अमेरिका की अंतरिक्ष एजेंसी NASA से आई सैटेलाइट तस्वीरों में पराली जलाने के संकेत दिखाई दिए हैं. भारत के नक्शे पर लाल निशान जैसे दिखाई दे रहे हैं और NASA के मुताबिक ये वो इलाके हैं जहां पर पराली जलाई जा रही है. ये घटना बहुत गंभीर है क्योंकि पराली जलाने की वजह से हर वर्ष सर्दियों में दिल्ली और आस-पास के इलाकों में वायु प्रदूषण खतरनाक स्तर तक पहुंच जाता है.

- वर्ष 2019 में सिर्फ पंजाब में ही पराली जलाने के 50 हजार मामले सामने आए थे. इसकी वजह से देश के उत्तरी इलाके में PM 2.5 यानी हवा में प्रदूषण के बारीक कणों की मात्रा 18 से 40 प्रतिशत तक बढ़ गई थी.

- इस वजह से दिल्ली और आस-पास के इलाकों में प्रदूषण का स्तर 44 प्रतिशत तक बढ़ गय.

- और इसकी वजह से ही पिछले वर्ष अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर महीने में दिल्ली में हवा सांस लेने लायक नहीं थी.

कोरोना संक्रमण के मामले में भारत इस समय अमेरिका के बाद दुनिया में दूसरे नंबर पर है. कल पिछले 24 घंटों में भारत में कोविड 19 के 81 हजार से ज्यादा मामले आए हैं. देश में कोरोना संक्रमितों का आंकड़ा 58 लाख से अधिक हो चुका है और 92 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है.

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