EU के नए रुख के बाद ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आयरलैंड, स्पेन और एस्टोनिया ने भारत की कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता दे दी. इन देशों के अलावा स्विटजरलैंड और आइसलैंड ने भी कोविशील्ड को मान्यता दे दी.
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नई दिल्ली: ऐसा कहते हैं कि राजनयिक संबंधों में कई बार कड़े रुख से आप वो हासिल कर सकते हैं, जो शायद आप विनम्र होकर हासिल नहीं कर सकते. हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि, भारत की चेतावनी के बाद यूरोपियन यूनियन के 7 देशों के अलावा स्विटजरलैंड और आइसलैंड ने भी ग्रीन पास में कोविशील्ड वैक्सीन को शामिल कर लिया है.
कोरोना संक्रमण के बाद यूरोपियन यूनियन के 27 देशों ने एक डिजिटल कोविड सर्टिफिकेट तैयार किया, जिसे ग्रीन पास नाम दिया गया है. ये पास उन्हें मिलता है जो European Medicines Agency से मान्यता प्राप्त वैक्सीन ले चुके हैं और इससे यूरोपियन यूनियन के देशों में यात्रा करने पर यात्रियों को क्वारंटीन से छूट मिलती है.
ग्रीन पास में भारत की दोनों वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन को शामिल नहीं किया गया है. इसका मतलब ये है कि अगर भारत से कोई नागरिक यूरोपियन यूनियन के 27 देशों में से किसी देश की यात्रा करता है तो उसे कुछ दिनों तक उस देश में क्वारंटीन रहना पड़ेगा.
राजनयिक स्तर पर भारत लगातार कोशिश कर रहा था कि यूरोपियन यूनियन दोनों वैक्सीन को मान्यता दे और ग्रीन पास में शामिल कर ले, लेकिन यूरोपियन यूनियन ने जब ऐसा नहीं किया तो कल भारत सरकार ने कहा कि अगर यूरोपियन यूनियन भारत की वैक्सीन को अपने देशों में मंजूरी देता है तो भारत भी EU की वैक्सीन को मान्यता देगा, जिससे 27 देशों से भारत आने वाले लोगों को क्वारंटीन से छूट मिलेगी.
भारत की इस प्रस्ताव के बाद यूरोपियन यूनियन ने अपने रुख में बदलाव किया और कहा कि अगर यूरोपियन यूनियन के देश चाहें तो WHO से मान्यता प्राप्त भारत की वैक्सीन को अपने स्तर पर ग्रीन पास में शामिल कर सकते हैं.
EU के नए रुख के बाद ऑस्ट्रिया, जर्मनी, स्लोवेनिया, ग्रीस, आयरलैंड, स्पेन और एस्टोनिया ने भारत की कोविशील्ड वैक्सीन को मान्यता दे दी. इन देशों के अलावा स्विटजरलैंड और आइसलैंड ने भी कोविशील्ड को मान्यता दे दी.
यूरोपीय देश एस्टोनिया ने तो भारत की कोवैक्सीन को भी मान्यता दे दी है. यानी वैक्सीन लेने के बाद भारत से इन नौ देशों की यात्रा करने वालों को क्वारंटीन से छूट मिलेगी.