DNA ANALYSIS: 'वेंटिलेटर' पर जाती दुनिया! कोरोना की 'लक्ष्मण रेखा' से खिलवाड़ क्यों?
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DNA ANALYSIS: 'वेंटिलेटर' पर जाती दुनिया! कोरोना की 'लक्ष्मण रेखा' से खिलवाड़ क्यों?

लगभग पूरा देश Lock Down है और देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में तो अब Curfew भी लगा दिया गया है. 

DNA ANALYSIS: 'वेंटिलेटर' पर जाती दुनिया! कोरोना की 'लक्ष्मण रेखा' से खिलवाड़ क्यों?

लगभग पूरा देश Lock Down है और देश की राजधानी दिल्ली समेत कई राज्यों में तो अब Curfew भी लगा दिया गया है. Corona Virus को रोकने का सबसे अच्छा उपाय Lock Down ही है और इसलिए हम भी आज घर से ही DNA कर रहे हैं. इस दौरान हमारा भी 50 प्रतिशत Staff ही काम कर रहा है. हम एहतियात बरत रहे हैं. क्योंकि ये सबकी सुरक्षा के लिए ज़रूरी है. यही वजह है कि आज का DNA मैं अपने घर से कर रहा है. मैं खुद दुबई से 7 मार्च को आया था. मैंने खुद कई दिनों तक घर पर ही रहा. मैंने इस डॉक्टर से भी बात की. मेरे भी टेस्ट हुए और सब सामान्य है. लेकिन कम स्टाफ के साथ और कम संसाधनों के साथ काम करना आसान नहीं होता.

इसलिए अगर आने वाले दिनों में आपको DNA में कुछ कमी नज़र आए या कोई तृटि रह जाए. तो आप हमें माफ कर दीजिएगा. क्योंकि इस दौरान हमारी पहली प्राथमिकता आपको इस संकट से जुड़ा हर Update देते रहना और उसका विश्लेषण करते रहना है. देश के सैनिक सिर्फ वो नहीं होते जो बॉर्डर पर लड़ते हैं. देश का एक एक नागरिक देश का सैनिक होता है.

हमारी और आपकी जिम्मेदारी तब और बढ़ जाती है, जब देश संकटकाल से गुज़रता है. आजकल कोरोना वायरस का संकटकाल है, जिससे हमें देश को निकाल कर ले जाना है. लेकिन ये तभी होगा जब आप इस संकट की गंभीरता को समझेंगे. कल देश ने कोरोना के खिलाफ संकल्प की आवाज़ पूरी दुनिया को सुनाई थी लेकिन आज कुछ लोग प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की संयम वाली बात भूल गए. उन्होंने Lockdown की परवाह नहीं की और सड़कों पर निकलने लगे.

प्रधानमंत्री को आज कहना पड़ा कि कुछ लोग Lockdown को अब भी गंभीरता से नहीं ले रहे हैं. वो खुद को बचाएं, अपने परिवार को बचाएं और सरकारी निर्देशों का गंभीरता से पालन करें. प्रधानमंत्री ने राज्यों से भी कहा कि वो कानूनी तौर पर Lockdown के नियम-कानून को लागू करें. इतने बड़े खतरे के बावजूद बहुत लोग ऐसे हैं, जो निर्देशों को मान नहीं रहे हैं.

आज की सबसे बड़ी खबर यही है कि राजधानी दिल्ली में भी कर्फ्यू लग गया है. केंद्र सरकार ने पहले ही राज्य सरकारों को कह दिया था कि जो Lockdown का उल्लंघन कर रहे हैं, उनके खिलाफ कड़े एक्शन लिए जाएं. दिल्ली से पहले महाराष्ट्र और पंजाब में भी राज्य सरकारों को कर्फ्यू लगाना पड़ा. इसके बाद चंडीगढ़ में भी कर्फ्यू लगाया गया. 21 राज्यों में पूरी तरह से Lockdown है. यानी ज़रूरी सेवाओं के अलावा किसी को सड़क पर बेवजह निकलने से मना किया गया है. कल आधी रात से घरेलू हवाई उड़ाने भी बंद कर दी जाएंगी.

ये सब इसलिए किया जा रहा है क्योंकि लोग लापरवाही कर रहे हैं. आज कई जगहों पर ऐसा देखा गया कि Lockdown के बावजूद लोग बाहर निकले. लोग घर पर ही रहने और social distancing की अपील को मान नहीं रहे. लोग समझने को तैयार नहीं कि ये वक्त कितना मुश्किल है. कोरोना से लड़ाई कितनी लंबी है. हो सकता है कि आज आपका कोई ज़रूरी काम रहा हो, इसलिए आप घर से बाहर निकले, लेकिन अब आप ऐसा बिल्कुल ना करें.क्योंकि इस तरह की लापरवाही देश पर भारी पड़ सकती है.

अगर आप इसी तरह से बिना वजह बाहर निकलेंगे. Lockdown के नियमों का पालन नहीं करेंगे, तो आप अपने साथ साथ, अपने परिवार, अपने समाज और देश के साथ खिलवाड़ करेंगे. अगर आपको अंदाज़ा नहीं है कि खतरा कितना बड़ा है और चुनौती कितनी मुश्किल है. तो आपको पिछले एक महीने में दुनिया भर का हाल देख लेना चाहिए.

इटली में एक महीने पहले यानी 23 फरवरी को कोरोना वायरस के सिर्फ 76 मामले थे. आज इटली में 59 हज़ार से ज़्यादा लोग संक्रमित हैं. इटली में करीब साढ़े पांच हज़ार लोगों की जान जा चुकी है. अमेरिका में एक महीने पहले कोरोना वायरस के सिर्फ 35 मामले थे. आज अमेरिका में 35 हज़ार से भी मामले आ चुके हैं. अमेरिका में 471 लोगों की मौत हो चुकी है. स्पेन में एक महीने पहले सिर्फ 2 मामले थे.

आज स्पेन में 33 हज़ार से भी ज़्यादा मामले आ चुके हैं. स्पेन में 2 हज़ार से भी ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. जर्मनी में 23 फरवरी को 16 मामले ही थे. आज जर्मनी में 26 हज़ार से भी ज़्यादा मामले आ चुके हैं. जर्मनी में 111 लोगों की जान जा चुकी है. ईरान में 23 फरवरी को सिर्फ 28 positive केस थे. आज ईरान में 23 हज़ार से ज़्यादा positive केस आ चुके हैं. और 18 सौ से ज़्यादा लोगों की जान जा चुकी है

ये चीन के बाहर दुनिया के Top Five देश हैं, जो कोरोना वायरस से सबसे ज़्यादा प्रभावित हैं. हमने इनके बारे में आपको इसलिए बताया कि आप खतरे को समझ सकें. क्योंकि कोरोना वायरस किसी देश की सीमा में नहीं बंधा है. ना उस पर कोई सामाजिक बंधन है. वो ना गरीब देखता है, ना अमीर देखता है. ये वायरस ना जाति देखता है, ना धर्म देखता है. कोरोना वायरस के सामने सिर्फ यही मायने रखता है कि हम इससे बचने के लिए क्या कर रहे हैं. World Health Organisation के मुताबिक

कोरोना से संक्रमित व्यक्ति एक दिन में औसतन 2.6 (2 दशमलव 6) लोगों में संक्रमण फैलाता है. अगर यही Cycle 5 से 6 दिन तक चलती रहे तो कुछ ही दिनों में ये संक्रमण 3500 लोगों में फैल जाता है. कोरोना वायरस से लड़ाई में सबसे पहले यही ज़रूरी है कि आप इसी खतरे को समझे. किसी तरह की लापरवाही ना करें. सरकार और सिस्टम का साथ दें और कोरोना वायरस से देश की रक्षा में देश के सैनिक बनें.

हमारी चुनौती यही है कि हम सब मिलकर खुद को दूसरे देशों जैसे हाल में जाने से बचाएं. ये मुश्किल लड़ाई है लेकिन नामुमकिन नहीं है. दुनिया भर में कोरोना वायरस के अब तक साढ़े 3 लाख से भी ज़्यादा मामले आ चुके हैं और 15 हज़ार से ज़्यादा लोगों की मौत हो चुकी है. भारत में अभी कोरोना वायरस के 467 मामले ही हैं और अब तक सिर्फ 8 मौतें हुई हैं. अगर हम नागरिक के तौर पर पूरी जिम्मेदारी निभाएंगे तो देश को इस संकटकाल से निकाल ले जाएंगे. इसके लिए ज़रूरी है कि आप Lockdown की लक्ष्मण रेखा को पार ना करें.

हमारे बहुत दर्शकों को शायद Lock Down और कर्फ्यू का अंतर नहीं पता होगा. हम आपको इसका अंतर समझा देते हैं.
Lockdown एक Emergency Measure या स्थिति होती है, जिसमें किसी खतरे की वजह से लोगों को किसी जगह से बाहर आने या अंदर जाने के लिए अस्थाई तौर पर रोक दिया जाता है. वर्ष 1897 के Epidemic Disease Act के तहत किसी ज़िले के District Magistrate या फिर Cheif Medical Officer को अपने इलाके में Lockdown करने का अधिकार मिलता है. 

जबकि कर्फ़्यू में लोगों को घरों से बाहर सड़कों पर ना निकलने का आदेश दिया जाता है. और कर्फ़्यू लगते ही किसी ज़िले के सारे अधिकार वहां के DM या फिर पुलिस कमिश्नर को मिल जाते हैं. Indian Penal Code यानी IPC की धारा 144 में कर्फ़्यू लगाने का प्रावधान है.

Lockdown के दौरान जरूरी सेवाओं पर रोक नहीं लगाई जाती है. इसलिए Departmental Stores, दूध और सब्जी की दुकानें खुली रहती हैं. और जरूरी काम के लिए लोगों को घर से बाहर निकलने की छूट भी मिलती है.

कर्फ्यू के दौरान भी जरूरी सेवाओं पर रोक नहीं लगाई जाती है लेकिन बिना कर्फ्यू पास के कोई भी व्यक्ति घर से बाहर नहीं निकल सकता है. और अस्पताल जैसी जरूरी सुविधाओं के अलावा ज्यादातर दुकानें बंद रहती हैं. कुल मिलाकर कर्फ्यू का मतलब ही होता है सब कुछ बंद.

अगर कोई व्यक्ति Lockdown का पालन नहीं करता है तो अक्सर पुलिस उन्हें समझा कर वापस भेज देती है. और बेहद जरूरी हालात में ही किसी व्यक्ति पर कार्रवाई करती है. लेकिन कर्फ्यू तोड़ने पर पुलिस के पास तुरंत गिरफ्तार करने का अधिकार होता है. यानी जिनके पास कर्फ्यू पास नहीं होता है उनके खिलाफ पुलिस को कार्रवाई करने की छूट होती है.

Lockdown की स्थिति में सबसे पहले लोगों पर घर से बाहर निकलने की पाबंदी लगा दी जाती है. लोगों को सिर्फ आपात स्थिति में ही बाहर निकलने की इजाजत होती है. या फिर तब जब उन्हें दवाई, राशन, सब्जियों या दूध जैसी वस्तुएं खरीदने बाहर निकलना होता है. Lockdown के दौरान नियम तोड़ने वालों पर कानूनी कार्रवाई के प्रावधान भी किये जाते हैं. जिसमें जुर्माने से लेकर जेल की सजा भी हो सकती है.

ज्यादातर राज्यों ने Epidemic Disease Act के तहत प्रतिबंध लगाए जाते हैं और सरकारी नियम ना मानने वालों को 6 महीने की सजा हो सकती है या उनपर एक हजार रुपए का जुर्माना लगाया जा सकता है या फिर ये दोनों सजाएं एक साथ दी जा सकती है.

इसलिए आप भी Lockdown का सम्मान कीजिए और जबतक बहुत जरूरी काम ना हो अपने घर में ही रहिए. और जिन राज्यों में Curfew लागू हो गया है..वहां तो बाहर निकलना अब एक गंभीर अपराध माना जाएगा.

यहां आप ये भी समझ लीजिए कि दूसरे देशों में Lockdown तोड़ने पर क्या सज़ा और क्या नियम है.
फ्रांस में Lockdown का नियम तोड़ने वालों के खिलाफ जो नया Act पास किया है. उसमें छह महीने की जेल और 3700 यूरो यानी करीब तीन लाख रुपये तक का जुर्माना लगाया जा सकता है. स्पेन में ये जुर्माना 60 हजार यूरो से लेकर 6 लाख यूरो यानी करीब 5 करोड़ रुपये तक है. इसके अलावा तीन महीने से एक साल तक की सजा का भी प्रावधान है. इटली में Lockdown के नियम तोड़ने वालों को तीन महीने की जेल और 206 यूरो यानी करीब साढ़े 16 हजार रुपये का जुर्माना वसूला जा रहा है.

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