DNA ANALYSIS: जब एक कॉन्स्टेबल ने मरीज की जान बचाने के लिए लगाई 2 Km तक दौड़
Advertisement
trendingNow1780544

DNA ANALYSIS: जब एक कॉन्स्टेबल ने मरीज की जान बचाने के लिए लगाई 2 Km तक दौड़

आज हम कर्तव्य की इसी खूबी का विश्लेषण करेंगे क्योंकि हमारे देश में लोगों को अपने अधिकार तो याद रहते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग कभी अपना कर्तव्य निभाना नहीं चाहते. कर्तव्य की अहमियत समझने के लिए आपको सबसे पहले हैदराबाद से आई एक तस्वीर को देखना चाहिए.

DNA ANALYSIS: जब एक कॉन्स्टेबल ने मरीज की जान बचाने के लिए लगाई 2 Km तक दौड़

नई दिल्ली: भारत के पूर्व राष्ट्रपति और महान वैज्ञानिक डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम ने कहा था कि अगर आप अपनी ड्यूटी यानी कर्तव्य को सैल्यूट करेंगे तो आपको कभी किसी और व्यक्ति को सैल्यूट करने की जरूरत नहीं पड़ेगी. आज हम कर्तव्य की इसी खूबी का विश्लेषण करेंगे क्योंकि हमारे देश में लोगों को अपने अधिकार तो याद रहते हैं. लेकिन ज्यादातर लोग कभी अपना कर्तव्य निभाना नहीं चाहते. कर्तव्य की अहमियत समझने के लिए आपको सबसे पहले हैदराबाद से आई एक तस्वीर को देखना चाहिए.

fallback

इस तस्वीर में एक ट्रैफिक पुलिस कॉन्स्टेबल सड़क पर दौड़ता हुआ ट्रैफिक को क्लियर कर रहा है. इस ट्रैफिक कॉन्स्टेबल ने ऐसा इसलिए किया क्योंकि इसके पीछे पीछे एक एंबुलेंस आ रही थी और शाम के समय भारी ट्रैफिक की वजह से एंबुलेंस को जगह नहीं मिल रही थी. इस ट्रैफिक कॉन्स्टेबल का नाम जी बाबजी है. जी बाबजी इस हफ्ते सोमवार की शाम एंबुलेंस को रास्ता दिलाने के लिए ट्रैफिक से भरी सड़क पर करीब 2 किलोमीटर तक दौड़े.

जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को आसानी से जाते हैं भूल 
इस एंबुलेंस में एक मरीज था जिसे समय से अस्पताल पहुंचाना बहुत जरूरी था. हमारे देश में जब भी आप खाकी वर्दी को देखते हैं तो मन में डर और भ्रष्टाचार की भावना आती है. इसके लिए हमारी फिल्में जिम्मेदार हैं जो अक्सर ये दिखाती हैं पुलिस कभी समय पर नहीं पहुंचती और पुलिस वाले भ्रष्ट होते हैं. लेकिन इस कॉन्स्टेबल की पूरे देश में तारीफ हो रही है. जब हमने इस कॉन्सेटबल से बात की तो उन्होंने एक महत्वपूर्ण बात कही और वो ये कि जब वो ट्रैफिक पुलिस में भर्ती होने की ट्रेनिंग ले रहे थे तो इन्होंने पढ़ा था कि किसी भी VIP की गाड़ी को रास्ता देने से भी ज्यादा महत्वपूर्ण एंबुलेंस को रास्ता देना होता है. जिस देश में ज्यादातर पुलिस वाले और VIP जनता के प्रति अपने कर्तव्यों को आसानी से भूल जाते हैं. उन्हें आज इस कॉन्स्टेबल की बातों को बहुत ध्यान से सुनना चाहिए.

लोग एंबुलेंस को रास्ता देने का अपना कर्तव्य नहीं निभाते
जब आप सड़क पर किसी एंबुलेंस को रास्ता नहीं देते तो उसका नतीजा क्या होता है. इसे आपको एक आंकड़े के जरिए समझना चाहिए.

वर्ष 2016 में देशभर में 1 लाख 46 हजार से ज्यादा लोग सड़क दुर्घटनाओं में मारे गए थे और इनमें से 30 प्रतिशत लोगों की मौत इसलिए हुई थी क्योंकि इन्हें अस्पताल ले जाने वाली एंबुलेंस ट्रैफिक में फंस गई थी. इसी तरह भारत में हार्ट अटैक के 50 प्रतिशत मामलों में मरीज सिर्फ इसलिए देर से अस्पताल पहुंचते हैं क्योंकि या तो उन्हें समय पर एंबुलेंस नहीं मिलती और अगर एंबुलेंस मिल भी जाती है तो वो ट्रैफिक में फंस जाती है. यानी लोग एंबुलेंस को रास्ता देने का अपना कर्तव्य नहीं निभाते और हर घंटे एक न एक व्यक्ति की इस वजह से रास्ते में ही मौत हो जाती है.

कर्तव्य का बोध अनुशासन से आता है
कर्तव्य का बोध अनुशासन से आता है. भारत में भले ही इस अनुशासन की कमी हो लेकिन दुनिया के कई देश ऐसे हैं, जहां ऐसा नहीं है. उदाहरण के लिए आप चीन से आई एक तस्वीर के बारे में बताते हैं. ये तस्वीर वर्ष 2018 की है जब चीन के जिनहुआ शहर की एक सुरंग में गाड़ियों की लंबी कतार लगी थी. शाम का समय था और इस वजह से ट्रैफिक ज्यादा था, तभी सुरंग से गुजर रहे लोगों को एंबुलेंस की आवाज सुनाई दी और लोगों ने अपनी गाड़ियों को सुरंग के दोनों किनारों पर लगाना शुरू कर दिया.

कहते हैं जो व्यक्ति कर्तव्य से मुंह मोड़ लेता है, वो बलवान होकर भी निर्बल रह जाता है, धनवान होकर भी निर्धन रह जाता है और ज्ञानी होकर भी अज्ञानी ही कहलाता है. हमारे देश में ज्यादातर पढ़े लिखे लोग ही अनुशासन तोड़ते हैं और अपने कर्तव्यों को भूल जाते हैं.

हैदराबाद के ट्रैफिक कॉन्स्टेबल को अपना कर्तव्य याद रहा. लेकिन अब हम आपको उन लोगों की कहानी दिखाएंगे तो अपने कर्तव्य-बोध को कूड़ा समझकर अपने मन से बाहर फेंक देते हैं.

एक कहानी कर्नाटक के मशहूर पर्यटन स्थल कुर्ग की भी
ये कहानी कर्नाटक के मशहूर पर्यटन स्थल कुर्ग से आई है. कुर्ग के लोग पिछले कुछ समय से अपने शहर को साफ रखने के लिए मुहिम चला रहे हैं. लेकिन 30 अक्टूबर को कुर्ग की एक सड़क से गुजरते हुए कुछ लोगों ने देखा कि सड़क पर पिज़्ज़ा के कुछ खाली डिब्बे पड़े हैं. ये देखकर इन लोगों को बहुत गुस्सा आया. लोग कूड़ा फैलाने वाले व्यक्ति को ढूंढना चाहते थे और उसे उसका कर्तव्य याद दिलाना चाहते थे. किस्मत से पिज़्ज़ा के इस खाली डिब्बे में एक बिल था. इस बिल पर पिज़्ज़ा ख़रीदने वाले व्यक्ति का नाम और फोन नंबर लिखा था. इसके बाद लोगों ने इस नंबर पर कॉल किया और कूड़ा फैलाने वाले व्यक्ति से प्रार्थना की. लोगों ने उनसे कहा कि वो वापस आकर इस कूड़े के उठा लें. लेकिन कूड़ा फैलाने वाले ने ऐसा करने से मना कर दिया और कहा कि वो बहुत दूर निकल चुका है.

इसके बाद स्थानीय अधिकारियों ने भी चिराग नाम के इस व्यक्ति को फोन किया. लेकिन वो कूड़ा उठाने के लिए वापस नहीं आया. इसके बाद सोशल मीडिया का सहारा लिया गया और इस कूड़े का वीडियो बनाकर कूड़ा फैलाने वाले व्यक्ति के नाम और फोन नंबर के साथ इसे वायरल कर दिया गया, इसके बाद चिराग नाम के इस व्यक्ति को देशभर से कॉल आने लगे और लोग इस व्यक्ति को इसका कर्तव्य याद दिलाने लगे. हालांकि तब तक कूड़ा फैलाने वाला ये व्यक्ति कुर्ग से 80 किलोमीटर दूर निकल चुका था. लेकिन सोशल मीडिया और लोगों के दबाव में इसे 80 किलोमीटर दूर से वापस आना पड़ा और फिर इसने अपना फैलाया हुआ कूड़ा खुद उठाया.

चिराग तीन लोगों के साथ कुर्ग घूमने आया था. उसने और उसके दोस्तों ने कुर्ग की खूबसूरती का आनंद लिया होगा. लेकिन यहां से वापस जाते समय उन्होंने इसे गंदा कर दिया. लेकिन कुर्ग के लोगों ने कूड़ा फैलाने वालों के खिलाफ सोशल मीडिया पर सत्याग्रह किया और गलती करने वाले को उसका कर्तव्य याद दिलाया.

वर्ष 1934 में महात्मा गांधी पहली बार कुर्ग गए थे और तब उन्होंने यहां लोगों के बीच एक सभा में कुर्ग की खूबसूरती की तारीफ की थी. हमारे देश में जो स्वच्छता अभियान चलाया जाता है वो भी साफ सफई को लेकर गांधी जी के विचारों से प्रेरित है और इन्हीं विचारों से प्रभावित होकर कुर्ग के लोग अपने शहर को भारत के सबसे साफ- सुथरे शहरों में शामिल करा चुके हैं. लेकिन बाहर से आए एक व्यक्ति ने इनकी मेहनत पर पानी फेरने की कोशिश की.

अपने देश को कूड़ेदान बनाने से लोग पीछे नहीं हटते
हैरानी की बात ये है कि जब यही लोग किसी दूसरे देश में घूमने जाते हैं तो इनकी वहां के साफ- सफाई के नियमों को तोड़ने की हिम्मत नहीं होती. लेकिन अपने देश को कूड़ेदान बनाने से ये लोग पीछे नहीं हटते. कूड़े को लेकर भारत में लोगों की एक सोच ये है कि इसे हटाने की जिम्मेदारी तो किसी और की है और इसे लेकर हमें अपना कोई कर्तव्य निभाने की जरूरत नहीं है.

भारत के शहरी मामलों के मंत्रालय के एक आंकड़े के मुताबिक भारत में हर दिन लोग 13 करोड़ किलोग्राम कूड़ा पैदा करते हैं. भारत में कम जगह में ज्यादा लोग रहते हैं इसी वजह से इस कूड़े के लिए पर्याप्त जगह नहीं बचती और लोग जहां तहां कूड़ा फेंकने लगते हैं. लेकिन दुनिया के दूसरे देशों में ऐसा नहीं होता.

सबक सिखाने के लिए एक जबरदस्त मुहिम
थाईलैंड के खाओ याई नेशनल पार्क ने कूड़ा फैलाने वाले लोगों को सबक सिखाने के लिए एक जबरदस्त मुहिम शुरू की है. इस नेशनल पार्क को UNESCO की वर्ल्ड हेरिटेज साइट World Heritage Site का दर्जा हासिल है. लेकिन इसके बावजूद लोग यहां कूड़ा फैला देते हैं. लेकिन अब ये नेशनल पार्क कूड़ा फैलाने वालों को उनके द्वारा फैलाया गया कूड़ा, कूरियर के जरिए उनके घर भेज रहा है. इस कूरियर के साथ एक नोट भी चिपकाया जाता है जिस पर लिखा होता है कि आप अपना कुछ सामान भूल गए थे.

ब्रिटेन में कूड़ा फैलाने पर 96 हजार रुपए का जुर्माना लग सकता है. हॉन्ग कॉन्ग में कूड़ा फैलाने पर 2 हजार रुपये का जुर्माना लगता है. सिंगापुर में ऐसा करने पर लोगों को 16 हजार रुपए का जुर्माना देना पड़ता है.

200 रुपये से 10 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान
भारत में भी कूड़ा फैलाने वालों से 200 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक का जुर्माना वसूले जाने का प्रावधान है. लेकिन लोग साफ सफाई के प्रति अपने कर्तव्यों के साथ साथ जुर्माने के डर को भी कूड़ेदान में डाल देते हैं और सब ऐसे ही चलता रहता है.

ये हाल तब है जब स्वच्छता नाम के मोबाइल फोन App पर भारत सरकार को हर महीने कूड़े और गंदगी से संबंधित 2 लाख शिकायतें मिलती हैं लेकिन आप सोचिए अगर इतने लोग शिकायत कर रहे हैं तो फिर कूड़ा कौन फैला रहा है.जाहिर है ज्यादातर लोग शिकायत दूसरे द्वारा फैलाए गए कूड़े की करते हैं और खुद के द्वारा फैलाए गए कूड़े को चलता है... वाली सोच के साथ सड़क पर फेंककर आगे बढ़ जाते हैं.

लेकिन अगर आपके आस पास कोई व्यक्ति कूड़ा फैला रहा है तो आप इसकी शिकायत अपने स्थानीय नगर निगम या नगर पालिका से कर सकते हैं और नगर निगम के अधिकारी कूड़ा फैलाने वाले पर हाथ के हाथ 5 हजार रुपए तक का जुर्माना लगा सकते हैं.

Breaking News in Hindi और Latest News in Hindi सबसे पहले मिलेगी आपको सिर्फ Zee News Hindi पर. Hindi News और India News in Hindi के लिए जुड़े रहें हमारे साथ.

TAGS

Trending news