मेवात (Mewat) कैसे अपराध के एक बड़े केंद्र में बदल गया है. इस रिपोर्ट से आपको अपराध का मेवात मॉडल (Mewat Model) अच्छी तरह समझ में आ जाएगा.
Trending Photos
नई दिल्ली: तौसीफ का संबंध जिस राजनैतिक परिवार से है, उसका प्रभाव हरियाणा के मेवात (Mewat) इलाके पर कई दशकों से है और निकिता की हत्या करने के बाद तौसीफ मेवात में ही जाकर छिप गया था. इसलिए आज आपको ये भी समझना होगा कि अपराध और कट्टर इस्लाम के मामले में मेवात इतना कुख्यात क्यों हो चुका है.
मेवात भारत के सबसे पिछड़े जिलों में से एक
मेवात की आबादी की बात की जाए तो यहां 80 प्रतिशत मुसलमान रहते हैं जबकि सिर्फ 20 प्रतिशत आबादी हिंदुओं की है. वर्ष 2013 में आई एक रिपोर्ट में दावा किया गया था कि हरियाणा के 500 गांवों में से 103 गांव ऐसे हैं जहां अब एक भी हिंदू नहीं बचा है, जबकि 82 गांव ऐसे हैं जहां सिर्फ चार से पांच हिंदू परिवार बचे हैं.
NITI आयोग की एक रिपोर्ट के मुताबिक मेवात भारत के सबसे पिछड़े जिलों में से एक है. वर्ष 2011 की जनगणना के मुताबिक मेवात की जनसंख्या 10 लाख है. इनमें से सिर्फ आधे लोग ही पढ़ना और लिखना जानते हैं और साक्षरता दर के मामले में पूरे हरियाणा में मेवात की स्थिति सबसे खराब है.
अपराधियों के 100 से ज्यादा गैंग सक्रिय
मेवात में इस समय अपराधियों के करीब 100 से ज्यादा गैंग सक्रिय हैं और आज जब Zee News की टीम मेवात पहुंची तो हमें पता चला यहां कैसे बहुत संगठित तरीके से अपराधों को अंजाम दिया जाता है.
हमें यहां पहुंचकर पता चला कि मेवात इलाके में अपराधियों द्वारा लोगों की जमीन पर बड़े पैमाने पर अवैध कब्जा किया जा रहा है. देश के अलग-अलग हिस्सों से यहां लोगों को सस्ती सेकंड हैंड गाड़ियां खरीदने के लिए बुलाया जाता है और फिर उन्हें बंधकर बनाकर उनके साथ लूट पाट की जाती हैं.
- ये इलाका गौ तस्करी का भी एक बड़ा सेंटर बन गया है. मेवात से राजस्थान बॉर्डर की दूरी सिर्फ 2 किलोमीटर है. अक्सर मेवात के गौ तस्कर हरियाणा में अपराध करके राजस्थान में छिप जाते हैं.
- दिल्ली और आस पास के इलाकों से चोरी की गई गाड़ियां, मेवात में बिना नंबर प्लेट लगाए इस्तेमाल की जाती हैं. लूटपाट से लेकर गायों की तस्करी के लिए इन्हीं गाड़ियों का इस्तेमाल होता है.
- माना जाता है कि आस पास के शहरों से ATM मशीनों को चोरी करके मेवात में ही लाया जाता है. यानी अपराधियों को यहां पर पुलिस और कानून का डर बिलकुल नहीं है.
- और अगर पुलिस मेवात के किसी इलाके में छापा मारने के लिए या किसी अपराधी को गिरफ्तार करने के लिए आती है तो पूरा गांव उनके खिलाफ खड़ा हो जाता है, वहां की औरतें ही पुलिवालों पर हमला कर देती हैं यानी पुलिस के लिए ये काम Mission Impossible बन जाता है.
गाड़ियों की चोरी, जानवरों की तस्करी, अपराधियों के करीब 100 से ज्यादा गैंग और लगभग हर गैरकानूनी काम के लिए बदनाम इलाका.
मेवाती गैंग्स के अपराध का नया मॉडल
दिल्ली से सिर्फ 100 किलोमीटर दूर मौजूद मेवात की आजकल यही पहचान है. ये जगह आतंकवादियों को शरण देने से लेकर लूटपाट, डकैती, अपहरण और हत्या जैसे अपराधों के लिए भी कुख्यात है. इस समय मेवात में फर्जी रजिस्ट्री करके जमीन पर अवैध कब्जा करने की कोशिशें हो रही हैं. आप इसे मेवाती गैंग्स के अपराध का नया मॉडल भी कह सकते हैं.
किसी भी किसान के लिए उसकी खेती की जमीन पर कब्जा होने का मतलब है उसकी रोजी-रोटी बंद होना. मेवात के ये गैंग्स इस इलाके में गायों की तस्करी में भी शामिल हैं. हरियाणा और राजस्थान का बॉर्डर होने की वजह से इन अपराधियों के लिए पुलिस से बचना आसान होता है. ये अपराधी आसानी से बॉर्डर पार कर लेते हैं, लेकिन कानूनी उलझनों की वजह से हरियाणा पुलिस के लिए इनका पीछा करना मुश्किल होता है.
इस इलाके में चलने वाली कई गाड़ियों पर नंबर प्लेट नहीं लगी होती है और इनका इस्तेमाल गो तस्करी जैसे गैरकानूनी कामों के लिए किया जाता है.
80 प्रतिशत मुस्लिम आबादी वाले मेवात की सीमाएं राजस्थान और उत्तर प्रदेश से भी मिलती है. यानी यहां की बहुसंख्यक आबादी मुसलमान है. हालांकि दुख इस बात का है कि यहां के कुछ लोगों की वजह से पूरे इलाके का नाम खराब हो रहा है.
मेवात में क्राइम रेट पूरे हरियाणा में सबसे कम है, लेकिन यहां पर एक्टिव 100 में से 30 अपराधियों के बड़े गैंग्स हैं. मेवात के ये अपराधी दिल्ली, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस के लिए बड़ी मुसीबत बने हुए हैं. लंबे समय से ये गैंग्स हाईवे पर होने वाली डकैती और किडनैपिंग जैसे अपराधों में शामिल रहे हैं. इन अपराधियों की मदद इनके गांव वाले भी करते हैं. मेवात में कई इलाके ऐसे हैं जहां छापा मारना और अपराधियों को पकड़ना पुलिस के लिए भी मुश्किल होता है.
कुछ अपराधियों की वजह से पूरे इलाके को दोष देना ठीक नहीं है. हालांकि इनकी वजह से ही मेवात का नाम पूरे देश में बदनाम हो रहा है. देश की राजधानी के करीब ऐसे इलाके हमारे सिस्टम के लिए एक चुनौती हैं क्योंकि, मेवात जैसी जगहों में अक्सर देश का कानून नहीं चलता है.
निकिता की हत्या पर देश की महिलाओं में गुस्सा
निकिता तोमर की हत्या के बाद पूरे देश की महिलाएं गुस्से में हैं. इनमें से ज्यादातर महिलाओं का कहना है कि तौसीफ जैसे अपराधियों का इलाज सिर्फ एनकाउंटर है और महिलाओं के साथ जबरदस्ती और उनका शोषण करने वालों को सीधे गोली मार देना चाहिए. भारत संविधान से चलने वाला एक लोकतांत्रिक देश है और यहां अपराधियों को भी न्याय हासिल करने का पूरा अधिकार है. लेकिन जिस तरह से देश की महिलाओं की सब्र का बांध टूट रहा है उसके बाद सब यही सवाल पूछ रहे हैं कि क्या ऐसे अपराधियों का अंत हैदराबाद में हुए एनकाउंटर की तर्ज पर होना चाहिए?