Trending Photos
नई दिल्ली: देश को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने 10 अहम बातें कहीं. पहली बात ये है कि लॉकडाउन (Lockdown) नहीं लगाया जाएगा. सरकार नहीं चाहती कि इससे मजदूरों और गरीबों की आजीविका प्रभावित हो. प्रधानमंत्री ने लॉकडाउन को अंतिम विकल्प बताया और इससे देश को बचाने की अपील की.
दूसरी बात, प्रधानमंत्री ने माना कि देश में ऑक्सिजन की मांग बढ़ी है और हर मरीज को ऑक्सिजन मिले. सरकार इसकी पूरी कोशिश कर रही है. तीसरी बात, अस्पतालों में Beds की संख्या बढ़ाने का काम किया जा रहा है और नए कोविड अस्पताल भी बनाए जा रहे हैं.
चौथी बात, ज्यादा से ज्यादा क्षेत्रों और लोगों तक वैक्सीन पहुंचाई जाएगी. पांचवीं बात, टेस्टिंग और ट्रैकिंग की सुविधा को बढ़ाने पर सरकार को जोर है. छठी बात, प्रधानमंत्री ने देश के सभी Frontline Workers की प्रशंसा की और उन्हें धन्यवाद दिया.
सातवीं बात, लोग अफवाह और गलत जानकारियों से दूर रहें. आठवीं बात, बच्चे कोरोना वायरस को लेकर अपने परिवार को जागरुक करें और उन्हें उनकी जिम्मेदारी याद दिलाएं.
ये भी पढ़ें- मजदूरों को 5 हजार रुपये देगी दिल्ली सरकार, Lockdown में नहीं होगी परेशानी
नौवीं बात, 45 वर्ष से ऊपर के लोगों के लिए वैक्सीनेशन चलता रहेगा, सरकारी अस्पतालों में मुफ्त वैक्सीन मिलती रहेगी. और आखिरी बात ये कि प्रधानमंत्री ने दवाई भी और कड़ाई भी का मूल मंत्र फिर से दोहराया.
VIDEO
प्रधानमंत्री ने ये भी कहा कि जीवन बचाना जरूरी है लेकिन ये भी जरूरी है कि आर्थिक गतिविधियां देश में सही से चलती रहें और लोगों की आजीविका प्रभावित ना हो. प्रधानमंत्री ने प्रवासी मजदूरों से अपील की है कि वो उन्हीं राज्यों में रहें, जहां अभी वो हैं और वहीं रह कर वैक्सीन लगवाएं. लेकिन दिल्ली समेत कई बड़े शहरों में बस अड्डों और रेलवे स्टेशन पर प्रवासी मजदूरों की भीड़ लगी हुई है.
कोरोना के बढ़ते खतरे और पाबंदियों की वजह से प्रवासी मजदूरों का पलायन तेज हो गया है. इस समय दिल्ली में आनंद विहार बस अड्डे पर स्थिति काफी खराब है क्योंकि यहां बड़ी संख्या में मजदूर अपने घर लौटने के लिए इकट्ठा हो रखे हैं. दूसरे शहरों का भी यही हाल है.
उत्तर प्रदेश सरकार ने भी एक बड़ा फैसला लिया. सरकार ने ऐलान किया कि वो 18 साल से ऊपर के लोगों को मुफ्त में वैक्सीन लगवाएगी. केन्द्र सरकार ने एक दिन पहले ही इस श्रेणी के लोगों को वैक्सीन लगाने की अनुमति दी थी. और बताया था कि ये वैक्सीन राज्य सरकारों और प्राइवेट अस्पतालों द्वारा लगाई जाएगी. यानी 18 से 45 साल तक के लोग राज्य सरकारों के द्वारा वैक्सीन लगवाएंगे. और उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन गया है जिसने इस श्रेणी के लोगों को मुफ्त वैक्सीन लगाने की बात कही है.
ये भी पढ़ें- दिल्ली के बाद अब महाराष्ट्र में लगेगा संपूर्ण लॉकडाउन? सीएम उद्धव ठाकरे आज करेंगे घोषणा
देश में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने भी एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें उन्होंने तीन बड़ी बातें कहीं. पहली ये कि देश में ऑक्सिजन और दवाइयों की कोई कमी नहीं है. दूसरी ये कि पहली लहर की तुलना में कोरोना से होने वाली मौतों की दर 1.18 प्रतिशत हो गई है, जो काफी कम है.
तीसरी बात ये कि इस समय कुल मरीजों में से केवल 1.75 प्रतिशत मरीज ही ICU Beds पर हैं और सरकार ICU Beds की संख्या और बढ़ाने पर भी काम कर रही है.
हालांकि दिल्ली सरकार ने बताया कि कई अस्पतालों में अब इतनी ही ऑक्सीजन बची है, जो 6 से 12 घंटे तक चल पाएगी. दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हाथ जोड़ कर केन्द्र सरकार से ऑक्सीजन की कमी को पूरा करने के लिए मदद मांगी. इससे पहले जब इस मामले में दिल्ली हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तो केन्द्र सरकार ने अपने जवाब में कहा कि दिल्ली में ऑक्सीजन पर्याप्त मात्रा में है. यानी दिल्ली में ऑक्सिजन संकट पर दिल्ली सरकार का पक्ष अलग है और केन्द्र सरकार का पक्ष अलग है.
प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी ने वैक्सीन बनाने वाली कम्पनियों के साथ वर्चुअल बैठक की. इस बैठक से पहले सरकार ने पुणे के Serum Institute of India को 3 हजार करोड़ रुपये और Biotech को 1500 करोड़ रुपये देने का ऐलान किया. ये दोनों कम्पनियां ही Covishield और Co-vaxin बना रही हैं.
सरकार ने Advance के रूप में कुल 4,500 करोड़ रुपये इन कम्पनियों को दिए हैं. यहां हम ये स्पष्ट कर दें कि ये राशि Grant यानी अनुदान के तौर पर नहीं दी गई है. सरकार ने कहा है कि इन पैसों से ये कम्पनियां वैक्सीन का उत्पादन बढ़ाएंगी.
Serum Institute of India जुलाई महीने तक Covishield की 20 करोड़ डोज उपलब्ध कराएगा जबकि Bharat Biotech इस अवधि में 9 करोड़ वैक्सीन की डोज का उत्पादन करेगी. वैक्सीन की एक डोज़ की क़ीमत 150 रुपये ही होगी.
सरकार ने ये ऐलान उस फैसले के बाद किया है, जिसमें 18 वर्ष से ऊपर के लोगों को 1 मई से वैक्सीन लगाने की अनुमति दी गई है.
एक और बड़ी खबर ये है कि उत्तर प्रदेश के जिन पांच शहरों में इलाहाबाद हाई कोर्ट ने 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का निर्देश दिया था, उस पर सुप्रीम कोर्ट ने रोक दी है. राज्य की योगी सरकार ने इस फ़ैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया, जिसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने ये माना कि लॉकडाउन लगाने का फ़ैसला प्रशासनिक है.
महत्वपूर्ण बात ये है कि हाई कोर्ट के फ़ैसले पर रोक लगने के बाद योगी सरकार ने उन सभी ज़िलों में नाइट कर्फ्यू लगा दिया, जहां कोरोना वायरस से संक्रमित मरीज़ों की संख्या 500 से ज़्यादा है. इसके अलावा शनिवार और रविवार को सरकार ने वीकेंड लॉकडाउन भी लगा दिया है. उत्तर प्रदेश में पिछले 24 घंटे में कोरोना वायरस से 29 हज़ार 754 नए मरीज़ संक्रमित हुए हैं और ये आंकड़ा पिछले दिनों के मुक़ाबले काफ़ी ज़्यादा है.
उत्तर प्रदेश के अलावा तमिलनाडु में भी रात 10 बजे से सुबह 4 बजे तक नाइट कर्फ्यू लगा दिया गया है. केरल में भी पाबंदी लगाई गई है, हालांकि वहां नाइट कर्फ्यू का समय रात 9 बजे से सुबह 6 बजे तक है. और छत्तीसगढ़ के सभी 28 जिलों में मंगलवार से लॉकडाउन लागू हो गया है. जबकि झारखंड में 22 अप्रैल से 29 अप्रैल का लॉकडाउन लगाने का ऐलान हुआ है. यानी ये राज्य लॉकडाउन की तरफ़ चले गए हैं. जबकि प्रधानमंत्री ने कहा कि लॉकडाउन अंतिम विकल्प होना चाहिए.
कोरोना के ख़तरे की वजह से UGC-NET की परीक्षा भी टाल दी गईं. इस बीच दिल्ली हाई कोर्ट का भी एक फ़ैसला आया है, जिसका आपके जीवन पर असर पड़ेगा. हाई कोर्ट ने कहा है कि कोरोना टेस्ट को लेकर भेदभाव नहीं किया जा सकता. अगर किसी व्यक्ति का पहले टेस्ट किया जाता है तो उसकी रिपोर्ट भी समय पर आनी चाहिए. अभी दिल्ली में कई जगहों से ऐसी ख़बरें आई हैं, जहां VIP लोगों को कोरोना टेस्ट की रिपोर्ट कुछ ही घंटों में मिल जा रही है, जबकि आम लोगों को इसके लिए दो दो दिन तक इंतज़ार करना पड़ रहा है.