DNA ANALYSIS: कुंद्रा पर बॉलीवुड की चुप्पी वाली 'एकता', इस कहानी में आखिर कितने किरदार?
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DNA ANALYSIS: कुंद्रा पर बॉलीवुड की चुप्पी वाली 'एकता', इस कहानी में आखिर कितने किरदार?

जब राज कुंद्रा जैसा कोई व्यक्ति जेल जाता है तो बॉलीवुड के नामी गिरामी लोगों के मुंह पर ताला लग जाता है क्योंकि, इन्हें पता है कि अगर इन्होंने कुछ कहा तो बॉलीवुड का ये शक्तिशाली गैंग इन्हें काम नहीं करने देगा.

DNA ANALYSIS: कुंद्रा पर बॉलीवुड की चुप्पी वाली 'एकता', इस कहानी में आखिर कितने किरदार?

नई दिल्ली: आज हम शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा की गिरफ्तारी पर बॉलीवुड की चुप्पी वाली एकता का विश्लेषण करेंगे. कोविड के दौरान भारत में दवाओं की कमी हो गई, अस्पतालों की कमी हो गई, ऑक्सीजन की कमी हो गई, लेकिन अश्लील कंटेंट की कोई कमी नहीं हुई. पिछले डेढ़ साल में लॉकडाउन ने सब कुछ ठप करके दिया, लेकिन अश्लील कंटेंट अकेला ऐसा धंधा था, जिसे कोविड और लॉकडाउन भी रोक नहीं पाया.

  1. भारत में अश्लील कंटेंट दिखाने वाले OTT प्लेटफॉर्म्स की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है.
  2. अश्लील कंटेंट दिखाने वाले प्लेटफॉर्म्स की संख्या 10 से भी ज्यादा है.
  3. ये हिंदी और अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषाओं में भी ऐसा कंटेंट बनाते हैं. 

राज कुंद्रा मामले पर बॉलीवुड की चुप्पी

ऐसा ही ​कंटेंट बनाने के आरोप में शिल्पा शेट्टी के पति राज कुंद्रा तो गिरफ्तार हो गए हैं, लेकिन बॉलीवुड के कई नामी गिरामी प्रोड्यूसर्स अब भी कानूनों की कमियों का फायदा उठाकर, इसी कारोबार को आगे बढ़ा रहे हैं. ये ऐसे शक्तिशाली प्रोड्यूसर्स हैं, जिनका हिंदी फिल्म इंडस्ट्री पर बहुत ज्यादा प्रभाव है और शायद यही वजह है कि बॉलीवुड के ज्यादातर कलाकारों ने अभी तक इस मुद्दे पर एक शब्द तक नहीं कहा है.

जिन फिल्मों को हम भारत की सॉफ्ट पावर समझा करते थे वो अब सॉफ्ट पोर्न के मुनाफे वाले बिजनेस में बदलने लगी है और जब बात मुनाफे और लालच की आती है तो सारी नैतिकता को पीछे छोड़कर बॉलीवुड इस रेस में सबसे आगे निकल जाता है.

भारत में औसतन एक अच्छी और साफ-सुथरी फिल्म बनाने पर 40 से 50 करोड़ रुपये का खर्च आता है. इसके बाद भी ये गारंटी नहीं होती कि फिल्म चलेगी या नहीं? लेकिन इतने ही खर्च में दो ढाई हजार अश्लील फिल्में बनकर तैयार हो जाती हैं. अश्लील फिल्मों की 24 एपिसोड की एक पूरी वेब सीरीज बनाने पर ज्यादा से ज्यादा 50 लाख रुपये खर्च होते हैं, जबकि इनसे होने वाला मुनाफा डेढ़ से दो करोड़ रुपये तक जा सकता है.

इस कारोबार के अकेले खिलाड़ी नहीं राज कुंद्रा 

और शायद यही वजह है कि राज कुंद्रा अश्लील फिल्मों के बिजनेस में 8 से 10 करोड़ रुपये का निवेश करना चाहते थे. लेकिन राज कुंद्रा इस कारोबार के अकेले खिलाड़ी नहीं हैं. पुलिस इस मामले में अब तक 11 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है और इनमें से कई लोगों के बैंक अकाउंट भी फ्रीज किए जा चुके हैं. ये लोग कैसे अश्लील फिल्मों के जरिए हर रोज लाखों रुपये कमा रहे थे.

इसमें सबसे पहला नाम है यास्मीन रसूल का, जो राज कुंद्रा की तरह ही एक ऐसी मोबाइल ऐप की मालिक थी, जिस पर अश्लील फिल्में अपलोड करके बेची जाती थीं. पुलिस को यास्मीन के बैंक अकाउंट में करीब 35 लाख रुपये मिले हैं.

इसी तरह इस मामले में सबसे पहले गिरफ्तार हुईं एक्ट्रेस गहना वशिष्ठ के तीन अलग अलग बैंक अकाउंट्स में 15 लाख 45 हजार, 17 लाख 17 हजार और 3 लाख 96 हजार की रकम, पुलिस ने फ्रीज कर दी है.

ऐसे ही अरविंद कुमार श्रीवास्तव और हर्षिता श्रीवास्तव नाम के दो आरोपियों के बैंक अकाउंट्स में जमा एक करोड़ 81 लाख और 2 करोड़ 32 लाख रुपये से ज्यादा की रकम जमा थी. कुल मिलाकर पुलिस ने अब तक 16 बैंक खातों को फ्रीज किया है, जिनमें 7 करोड़ 31 लाख रुपये पुलिस को मिले हैं.

राज कुंद्रा की गिरफ्तारी के मामले में पुलिस का दावा है कि वो और उनकी टीम महिलाओं को वेब सीरीज में रोल देने का वादा करती थी और फिर बाद में उनसे अश्लील फिल्मों की शूटिंग कराई जाती थी, जब कोई महिला इससे इनकार करती थी तो उससे शूटिंग पर खर्च हुआ पैसा वापस मांगा जाता था और उन्हें डराया धमकाया जाता था, जिसके बाद कई महिलाएं मजबूरी में इन फिल्मों में काम करने के लिए तैयार हो जाती थीं और यही इन लोगों का बिजनेस मॉडल बन गया था.

आज हमने एक ऐसी ही महिला से बात की, जिनका आरोप है कि उन्हें भी राज कुंद्रा और उनकी टीम ने ऐसी फिल्मों में काम करने के लिए मजबूर किया था.

हमारे पास राज कुंद्रा द्वारा बनाए गए वाट्सऐप ग्रुप के कुछ और चैट्स की डिटेल है, जिन्हें पढ़कर आपको समझ आ जाएगा कि राज कुंद्रा अश्लील फिल्मों के कारोबार के कितने बड़े खिलाड़ी थे. इस Whatsapp Group का नाम है HS, जिसके एडमिन खुद राज कुंद्रा हैं.

इस ग्रुप के नए चैट्स पढ़ने से पता चलता है कि राज कुंद्रा को इस बात का अंदाजा था कि पुलिस और सरकार अश्लील कंटेंट दिखाने वाले मोबाइल एप्स पर कार्रवाई कर सकती है. इसलिए राज कुंद्रा ने प्लान बी तैयार कर रखा था.

प्लान B क्या था?

18 नवंबर 2020 के एक ऐसे ही चैट में जब राज कुंद्रा का रिश्तेदार और बिजनेस पार्टनर उन्हें बताता है कि Google Play Store पर उनका ऐप बैन कर दिया गया है तो राज कुंद्रा इसके जवाब में कहते हैं कि अब प्लान बी को एक्टिवेट करने का समय आ गया है. इसके बाद इस ऐप की डिजिटल मार्केटिंग देखने वाला रॉब कहता है कि क्या तब तक के लिए हम ऐप से बोल्ड फिल्मों को हटा सकते हैं?

राज कुंद्रा का ये प्लान B क्या था अब आप वो भी समझिए.

10 नवंबर 2020 को वाट्सऐप पर ही राज कुंद्रा और उनकी टीम के साथी उमेश कामत के बीच एक चैट होती है और इस दौरान एक अखबार की एक खबर का लिंक भेजा जाता है, जिसमें इस बात का जिक्र है कि महाराष्ट्र की साइबर पुलिस ने सात ऐसे ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को समन भेजा है, जो अश्लील फिल्मों का प्रसारण कर रहे थे. इस पर राज कुंद्रा कहते हैं कि भगवान का शुक्र है कि तुमने BF का प्लान तैयार किया हुआ है.

यहां BF का मतलब है Bolly Frame. ये भी एक मोबाइल फोन ऐप था, जिसे प्लान B के तहत तैयार किया गया था, ताकि अगर पहला वाला ऐप बंद हो जाए तो इस ऐप को लॉन्च किया जा सके. इसके बाद उमेश कामत जो खुद इस मामले में गिरफ्तार हो चुका है, वो कहता है कि जब तक ये नया ऐप शुरू नहीं होता, तब तक पुराने ऐप को बचाकर रखने की कोशिश की जाए. इसके बाद वो सुझाव देता है कि कुछ समय के लिए पहले वाले ऐप से अश्लील ​कंटेंट को हटा दिया जाए.

इस चैट के आखिर में राज कुंद्रा कहते हैं कि उन्हें शक है कि पुलिस Alt Balaji को बैन कर पाएगी. इस पर उमेश कामत कहता है कि ये इतना गंभीर मामला नहीं है, ज्यादा से ज्यादा इन OTT प्लेटफॉर्म्स के हेड्स को आपत्तिजनक कंटेंट हटाने के लिए कहा जा सकता है.

Alt Balaji का नाम क्यों आया?

राज कुंद्रा और उमेश कामत की चैट में Alt Balaji का नाम आया था. Alt Balaji का नाम इस बातचीत में इसलिए आया क्योंकि, इस OTT प्लेटफॉर्म पर भी ये आरोप लगते रहे हैं कि इस पर दिखाया जाने वाला कंटेंट बहुत अश्लील है. इस मामले में Alt Balaji के खिलाफ मध्य प्रदेश, पंजाब और महाराष्ट्र समेत देश भर में कई एफआईआर दर्ज हो चुकी हैं.

इस ओटीटी प्लेटफॉर्म की मालिक और मैनेजिंग डायरेक्टर एकता कपूर हैं, जिन्हें सास-बहू और पारिवारिक रिश्तों पर आधारित सीरियल्स बनाने के लिए जाना जाता है.

इसी साल मार्च के महीने में Alt Balaji समेत कई बड़े OTT प्लेफॉर्म्स के प्रतिनिधि भारत के तत्कालीन सूचना एवं प्रसारण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर से भी मिले थे और उनसे इन्होंने ये अपील की थी कि इनके OTT प्लेटफॉर्म्स को एफआईआर से सुरक्षा प्रदान की जाए.

इससे कुछ समय पहले ही सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने OTT प्लेटफॉर्म्स के लिए नई गाइडलाइंस जारी की थी और कहा था कि ये प्लेटफॉर्म्स दर्शकों की उम्र के हिसाब से अपने कंटेंट को पांच श्रेणियों में बांटें,  लेकिन तब इन कंपनियों ने दलील दी थी कि ये लोग पहले ही बहुत सारा कंटेंट अपलोड कर चुके हैं और इनके पास ऐसी तकनीक नहीं है जिससे ये लोग इतनी बड़ी संख्या में कंटेंट को उम्र के हिसाब से अलग अलग श्रेणियों में बांट सकें.

ऐसी ही दलीलों का नतीजा है कि आज भारत में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे भी आसानी से ये अश्लील कंटेंट देख लेते हैं और कोई इसकी जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार नहीं है.

तेजी से बढ़ी अश्लील कंटेंट की मांग 

भारत में इस तरह के अश्लील कंटेंट की मांग कितनी तेजी से बढ़ी है. इसे आप Alt Balaji के ही एक उदाहरण से समझिए.

पिछले साल मार्च में पूरे देश में लॉकडाउन लग जाने के बाद इस ऐप पर मौजूद कंटेंट देखने के लिए लोगों ने पहले के मुकाबले 150 प्रतिशत ज्यादा समय खर्च किया. इस दौरान इस App को हर दिन 10 हजार से लेकर 17 हजार तक नए सब्सक्राइबर मिले.

लॉकडाउन के बाद से इस तरह के एप्स की सबसे ज्यादा मांग टियर टू और टियर थ्री शहरों में बढ़ी है. पहले ऐसे एप्स के 70 प्रतिशत दर्शक देश के 8 बड़े शहरों में रहने वाले लोग हुआ करते थे, लेकिन लॉकडाउन के दौरान स्थिति पलट गई और छोटे शहरों में इसके दर्शकों की संख्या 60 प्रतिशत और बड़े शहरों में 40 प्रतिशत हो गई.

यही वजह है कि अब इस बिजनेस में बॉलीवुड के बड़े-बड़े प्रोड्यूसर्स भी कूद गए हैं. ये बड़े प्रोड्यूसर्स बड़ी फिल्में और टीवी सीरियल भी बनाते हैं और अपने एप्स पर अश्लील कंटेंट डालकर उससे भी मुनाफा कमाते हैं.

इसलिए जब राज कुंद्रा जैसा कोई व्यक्ति जेल जाता है तो बॉलीवुड के नामी गिरामी लोगों के मुंह पर ताला लग जाता है क्योंकि, इन्हें पता है कि अगर इन्होंने कुछ कहा तो बॉलीवुड का ये शक्तिशाली गैंग इन्हें काम नहीं करने देगा और यही वजह है कि जो लोग बॉलीवुड में Me Too के आरोपों पर बहुत शोर मचाते हैं, वो मजबूर महिलाओं के इस शोषण के खिलाफ कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

भारत में वर्ष 2018 से अश्लील कंटेंट पर बैन लगा हुआ है. बैन के बावजूद अश्लील कंटेंट देखने के मामले में भारत के लोग पूरी दुनिया में अमेरिका और ब्रिटेन के बाद तीसरे नंबर पर हैं. लॉकडाउन के दौरान भारत के लोगों ने पहले के मुकाबले 50 प्रतिशत ज्यादा अश्लील फिल्में देखी थीं.

पूरी दुनिया में ऐसी फिल्मों का कारोबार 2 लाख 62 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का है. कमाई के मामले में अश्लील फिल्मों की वेबसाइट्स बड़े-बड़े OTT प्लेटफॉर्म्स से भी आगे हैं.

जिस तरह राजस्थान के कोटा शहर को भारत में कोचिंग क्लासेज का सबसे बड़ा केंद्र माना जाता है. उसी तरह उत्तर प्रदेश का मेरठ अश्लील फिल्मों के निर्माण में नए केंद्र के रूप में उभरा है.

क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर बोल्ड कंटेंट

पिछले कुछ वर्षों में भारत में अश्लील कंटेंट दिखाने वाले OTT प्लेटफॉर्म्स की संख्या बहुत तेजी से बढ़ी है. भारत में इस समय मोबाइल एप्स के जरिए अश्लील कंटेंट दिखाने वाले प्लेटफॉर्म्स की संख्या 10 से भी ज्यादा है, जो हिंदी और अंग्रेजी के अलावा स्थानीय भाषाओं में भी ऐसा कंटेंट बनाते हैं. इसके लिए ये प्लेटफॉर्म्स अपने ग्राहकों से 25 रुपये से लेकर 100 रुपये तक की सब्सक्रिप्शन फीस लेते हैं क्योंकि, अच्छा कंटेंट दिखाने वाले प्लेटफॉर्म्स की स​ब्सक्रिप्शन फीस बहुत ज्यादा है, इसलिए वो घाटे में चलते हैं, जबकि अश्लील कंटेंट दिखाने वाले एप्स अच्छा खासा मुनाफा कमाते हैं.

इसीलिए टेलीविजन और फिल्मों के कई बड़े निर्माता भी अब क्रिएटिव फ्रीडम के नाम पर अश्लील कंटेंट के बिजनेस में कूद गए हैं. ये लोग बोल्ड कंटेंट के नाम पर ऐसा करते हैं.

जब कोई देश दवाओं, अस्पतालों और ऑक्सीजन की जगह अश्लील कंटेंट की मांग करने लगता है, तो इससे उस देश के असली चरित्र के बारे में पता चलता है.

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