DNA ANALYSIS: लापरवाही के झरनों से फूटेगी कोरोना की तीसरी लहर? सामने आईं ऐसी भयावह तस्वीरें
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DNA ANALYSIS: लापरवाही के झरनों से फूटेगी कोरोना की तीसरी लहर? सामने आईं ऐसी भयावह तस्वीरें

उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थल मसूरी के पास Kempty Falls की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जहां लॉकडाउन खत्म होते ही हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक पुहंचने लगे हैं.

DNA ANALYSIS: लापरवाही के झरनों से फूटेगी कोरोना की तीसरी लहर? सामने आईं ऐसी भयावह तस्वीरें

नई दिल्ली: अमेरिका के 16वें राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन ने कहा था कि लोकतंत्र, जनता द्वारा, जनता के लिए, जनता का शासन है. लेकिन जब यही जनता आज़ादी के नाम पर सारी मर्यादाएं तोड़ने लगती है तो लोकतंत्र अराजकता में बदल जाता है.

  1. केम्प्टी फॉल्स (Kempty Falls)  उत्तराखंड में झरनों की एक श्रृंखला है.
  2. वर्ष 1835 में जॉन मेकिनन नाम के एक अंग्रेज अफसर ने पर्यटन स्थल के रूप में इसे विकसित किया था. 
  3. लॉकडाउन खत्म होते ही हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक केम्प्टी फॉल्स पुहंचने लगे हैं.
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Kempty Falls की हैरान करने वाली तस्वीरें

उत्तराखंड के मशहूर पर्यटन स्थल मसूरी के पास केम्पटी फॉल्स (Kempty Falls) की कुछ तस्वीरें सामने आई हैं, जहां लॉकडाउन खत्म होते ही हर दिन हजारों की संख्या में पर्यटक पुहंचने लगे हैं. ये लोग इस दौरान न तो सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रख रहे हैं और न ही किसी ने चेहरे पर मास्क लगाया हुआ है. सैकड़ों की संख्या में ये लोग केम्पटी फॉल्स झरने के नीचे स्नान कर रहे हैं. ये तस्वीरें अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं और सोशल मीडिया पर इन्हें Cov-Idiots कहकर बुलाया जा रहा है.

Cov-Idiots उन लोगों को कहा जाता है जो कोविड 19 से जुड़ी गाइडलाइंस का ध्यान नहीं रखते और नियमों का उल्लंघन करते हैं. ये तो आपको पता ही होगा कि इडियट्स को हिंदी में मूर्ख कहा जाता है. इसलिए आज हम मौत को बुलावे वाली इस मूर्खता का शुद्ध हिंदी में विश्लेषण कर रहे हैं.

केम्पटी फॉल्स (Kempty Falls)  उत्तराखंड में झरनों की एक श्रृंखला है, जिसे वर्ष 1835 में जॉन मेकिनन नाम के एक अंग्रेज अफसर ने पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया था. झरने के नीचे जिस जगह पर इन दिनों सैंकड़ों लोग जमा हैं, उस जगह का आकार ज्यादा से ज्यादा 200 गज होगा.

इतनी जगह में सिर्फ एक, चार से पांच कमरों का घर तैयार हो सकता है. अब आप सोचिए कि क्या सोशल डिस्टेंसिंग के दौर में एक चार से पांच कमरों के घर में हजार लोग एक साथ रह सकते हैं?

सोशल डिस्टेंसिग तो छोड़िए आम तौर पर भी इतनी जगह में हजारों लोग एक साथ मौजूद नहीं हो सकते, लेकिन केम्पटी फॉल्स में ऐसा ही हो रहा है और यहां की तस्वीरें देखकर आपको अंदाजा हो जाएगा कि भारत में कोरोना की तीसरी लहर असीमित आजादी के झरनों से फूटेगी.

बढ़ रहे कोरोना के मामले 

ये सब तब हो रहा है जब भारत में नए कोरोना केस पिछले तीन दिनों से लगातार बढ़ रहे हैं. 6 जुलाई को भारत में कोरोना के करीब 34 हजार नए केस दर्ज हुए थे जिनकी संख्या पिछले 48 घंटों में बढ़कर करीब 46 हजार हो गई. फिर भी लोगों को न तो अपनी और न ही दूसरों की जान की कोई परवाह हैं.

हरिद्वार में भी लापरवाही की तस्वीर

केम्पटी फॉल्स (Kempty Falls) की तस्वीरें इस लापरवाही का एक मात्र उदाहरण नहीं हैं, बल्कि पूरे देश में जहां जहां लॉकडाउन हटाया गया है. उन सभी जगहों से ऐसी ही तस्वीरें आ रही हैं. कल ही हरिद्वार में हर की पैड़ी पर हुक्का पीते हुए दिल्ली और हरियाणा के कई लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया था. इन लोगों के खिलाफ एपिडेमिक एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया है. कुछ दिनों पहले हमने आपको मनाली की तस्वीरें भी आपको दिखाई थीं और बताया था कि कैसे अब लोग हजारों की संख्या में वेंटिलेटर वाला रूम नहीं, बल्कि होटलों में वैली व्यू वाला रूम ढूंढ रहे हैं.

कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ब्रांड एम्बेसडर बना 5 साल का बच्चा

दो दिन पहले मशहूर हिल स्टेशन धर्मशाला से एक 5 साल के ऐसे बच्चे की तस्वीरें भी आई थी, जिसमें वो बच्चा उन लोगों को डांट रहा है जिन्होंने मास्क नहीं पहना है. ये बच्चा बहुत गरीब परिवार से आता है और इसके पिता गुब्बारे बेचकर रोजी रोटी कमाते हैं, लेकिन ये बच्चा जिस तरह से सबको मास्क पहनने की नसीहत दे रहा था, उससे इसकी जागरूकता के बारे में पता चलता है. अब हिमाचल प्रदेश की पुलिस ने इस बच्चे को न सिर्फ नए कपड़े गिफ्ट किए हैं, बल्कि इसे कोरोना के खिलाफ लड़ाई में ब्रांड एम्बेसडर भी बना दिया गया है.

अब आप सोचिए एक बच्चे को तो ये पता है कि कोराना से कैसे बचना है, लेकिन कई बार बड़े बड़े लोग अपनी जिम्मेदारी समझना भूल जाते हैं.

आपको याद होगा जब कुछ दिनों पहले कोरोना वायरस की दूसरी लहर के बीच जब हरिद्वार में कुंभ मेले का आयोजन हुआ था, तब इसकी बहुत आलोचना हुई थी. लोगों ने यहां तक कहा था कि उत्तराखंड सरकार की इस लापरवाही की वजह से पूरे देश में कोरोना का विस्फोट हो सकता है. कुंभ मेले की आलोचना करने वाले उन्हीं लोगों को अब आगे आकर इन तस्वीरें की भी आलोचना करनी चाहिए क्योंकि, लोकतंत्र आपको सिर्फ आजादी का अधिकार नहीं देता, बल्कि इसके तहत आपको अपने कर्तव्यों का पालन भी पूरी निष्ठा से करना होता है.

टोक्यो में स्टेट ऑफ इमरजेंसी

भारत में कोरोना के 46 हजार नए मामले सामने आने के बावजूद लोग नियमों की अनदेखी कर रहे हैं, जबकि जापान की राजधानी टोक्यो में पिछले कुछ दिनों में नए मामलों की संख्या 2 हजार से ज्यादा हो जाने के बाद वहां स्टेट ऑफ इमरजेंसी लगा दी गई है और जापान की सरकार ओलंपिक्स का आयोजन भी बिना दर्शकों के कराने पर विचार कर रही है. टोक्यो में ये इमरजेंसी सोमवार से लागू होगी और 22 अगस्त तक चलेगी.

पहली बार मैदान पर टीमें होंगी, स्टेडियम में दर्शक नहीं

टोक्यो में 23 जुलाई से 8 अगस्त के बीच ओलंपिक्स का आयोजन भी होना है और कोरोना के खिलाफ कड़े नियम लागू हो जाने की वजह से अब ओलंपिक्स का आयोजन बिना दर्शकों के ही कराने पर विचार हो रहा है. यानी खेलों के दौरान स्टेडियम खाली रहेंगे. अगर ऐसा होता है तो ओलंपिक्स के इतिहास में ऐसा पहली बार होगा, जब मैदान पर टीमें तो होंगी, लेकिन स्टेडियम में दर्शक नहीं होंगे. अब आप सोचिए जापान उन देशों में से एक है जिसने कोरोना पर सबसे अच्छी तरह से काबू पाया, लेकिन आज वही जापान बिना दर्शकों के सबसे बड़े खेलों का आयोजन कराने पर मजबूर है जबकि भारत में लॉकडाउन खुलते ही लोग कोरोना फैलाने की रेस के विजेता बनना चाहते हैं.

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