राममंदिर पर विपक्ष की 'नॉन-वेज' राजनीति का DNA टेस्ट
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राममंदिर पर विपक्ष की 'नॉन-वेज' राजनीति का DNA टेस्ट

DNA Analysis: देश के लोगों में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर उत्साह है. देशभर से लोग इस ऐतिहासिक दिन के साक्षी बनना चाहते हैं. जिन लोगों को न्योता नहीं मिला है, वो इस उम्मीद में हैं कि उन्हें भी अयोध्या जाने का मौका दिया जाएगा.

राममंदिर पर विपक्ष की 'नॉन-वेज' राजनीति का DNA टेस्ट

DNA Analysis: देश के लोगों में अयोध्या में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम को लेकर उत्साह है. देशभर से लोग इस ऐतिहासिक दिन के साक्षी बनना चाहते हैं. जिन लोगों को न्योता नहीं मिला है, वो इस उम्मीद में हैं कि उन्हें भी अयोध्या जाने का मौका दिया जाएगा. लेकिन जो नहीं जा पा रहे हैं, वो भी इस दिन अपने तरीके से प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शरीक होने और इस पावन कार्यक्रम में अपनी श्रद्धा से कुछ करने की कोशिश कर रहे हैं.

महाराष्ट्र में श्रद्धा को लेकर विवाद

महाराष्ट्र में इसी श्रद्धा को लेकर विवाद हो गया है. ये विवाद इतना बढ़ गया कि महाराष्ट्र के एक नेता ने भगवान श्री राम को लेकर आपत्तिजनक टिप्पणी तक कर दी. विवाद की शुरुआत तब हुई, जब बीजेपी के विधायक राम कदम ने महाराष्ट्र सरकार से अपील की, कि 22 जनवरी को यानी अयोध्या में होने वाली प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के दिन शराब और मांसाहार की दुकानों को एक दिन के लिए बंद रखा जाए. इसके बाद शिरडी में शरद पवार गुट वाली Nationalist Congress Party यानी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी का कार्यकर्ता सम्मेलन था. इसमें पार्टी के लगभग सभी बड़े नेता शामिल हुए थे.

'भगवान श्रीराम मांसाहारी थे'

इस कार्यकर्ता सम्मेलन में पार्टी के मुखिया शरद पवार भी मौजूद थे. इसी दौरान पार्टी के ही एक नेता जीतेंद्र अव्हाड़ शराब और मांसाहार के विरोध वाली राजनीति में भगवान श्री राम को लेकर आए. उनका कहना था कि भगवान श्रीराम मांसाहारी थे. जीतेंद्र अव्हाड़ का ये बयान राजनीतिक है. ये बयान राजनीतिक इसलिए है क्योंकि अयोध्या में होने वाले प्राण प्रतिष्ठा को लेकर राजनीति में दो तरह के गुट बन गए हैं. एक वो सियासी पार्टियां और नेता हैं जो इस कार्यक्रम का स्वागत कर रहे हैं, दूसरे वो राजनेता है, जिन्हें डर है कि राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम का लाभ सत्ताधारी दलों और उनके सहयोगियों को होगा, इसलिए कार्यक्रम का विरोध करके, वो विशेष वर्ग के मतदाताओं को अपने पक्ष में करना चाहते हैं. इसका अंदाजा जीतेंद्र अव्हाड़ के उस बयान से भी होता है, जिसमें वो खासतौर से इस प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम के जरिए अजीत पवार पर निशाना साध रहे हैं.

बीजेपी कार्यकर्ताओं का विरोध प्रदर्शन

जीतेंद्र अव्हाड़ के भगवान राम को लेकर दिए गए इस विवादित बयान का बुरा असर दिखा. जीतेंद्र अव्हाड़ के खिलाफ बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. जिस वक्त जीतेंद्र अव्हाड़ ये सब बोल रहे थे, उस वक्त शरद पवार भी मंच पर मौजूद थे. एक वरिष्ठ नेता होने के नाते वो इस बयान का खंडन कर सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया.

NCP पर कितना असर होगा

इसकी वजह ये भी है कि वो INDI गठबंधन से जुड़े हुए हैं, जिसके कई नेता प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में ना जाने की बात कह चुके हैं, और इस कार्यक्रम को लेकर अपमानजानक टिप्पणियां भी कर चुके हैं. जीतेंद्र अव्हाड़ के बयान से NCP पर कितना असर होगा, ये तो चुनाव में पता चलेगा, लेकिन जीतेंद्र अव्हाड़ के खिलाफ पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाई गई है.

जीतेंद्र अव्हाड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज

जीतेंद्र अव्हाड़ के खिलाफ शिकायत दर्ज हो चुकी है. यही नहीं बीजेपी कार्यकर्ता उनके खिलाफ नारेबाजी भी कर रहे हैं. सभी का मानना है कि जीतेंद्र का बयान, धार्मिक भावनाओं को आहत करता है. कुछ लोगो का ये सवाल है कि क्या जीतेंद्र अव्हाड़, हिंदू धर्म के आराध्यों के बजाए, किसी अन्य धर्म के आराध्यों के खिलाफ कभी बोले हैं? इसका जवाब जीतेंद्र अव्हाड शायद ना दें, लेकिन जहां तक श्रीराम के मांसाहारी होने की अपमानजनक टिप्पणी उन्होंने की, उसके बाद, उन्होंने इस बयान पर सफाई भी दी.

मांगनी पड़ी माफी

उनका कहना था कि अगर उनके बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं, तो वो खेद व्यक्त करते हैं, लेकिन अपनी इस सफाई के साथ उन्होंने ये भी कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा वो खास रेफरेंस को देखते हुए कहा था. उनका कहना है कि वाल्मीकि रामायण के 102वें सर्ग में इस बात का जिक्र है.

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