चीन, भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई बड़े नेताओं और बड़ी हस्तियों का सर्विलांस या जासूसी करवा रहा था. चीन सरकार और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी एक कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी. लगभग 10 हजार भारतीयों की जासूसी ये कंपनी अब तक कर चुकी थी.
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नई दिल्ली: एक तरफ आतंकी हाफिज सईद ज़ी न्यूज़ को धमकी देता है, तो दूसरी तरफ चीन हमारी जासूसी कर रहा है. चीन के साथ सीमा पर तनाव के बीच आज एक ऐसी खबर सामने आई है जो पूरे देश के लिए चिंता की बात है. अखबार इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार चीन, भारत के राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री समेत कई बड़े नेताओं और बड़ी हस्तियों का सर्विलांस या जासूसी करवा रहा था.
चीन सरकार और वहां की कम्युनिस्ट पार्टी से जुड़ी एक कंपनी को इसकी जिम्मेदारी दी गई थी. लगभग 10 हजार भारतीयों की जासूसी ये कंपनी अब तक कर चुकी थी. किसी भी देश को जिन पदों पर बैठे लोग चला रहे होते हैं, उन सभी की खुफिया निगरानी की जा रही थी. उन लोगों की भी जासूसी हो रही थी जिन्हें ओपिनियन मेकर्स या इंफ्लूएंसर्स कहा जाता है. यानी ऐसे लोग जिनकी बातों को लोग ध्यान से सुनते हैं और उसके आधार पर अपनी राय बनाते हैं.
चीन ने की 10 हजार भारतीयों की जासूसी
- राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के अलावा इस सूची में कई बड़े नेताओं, सैनिक अधिकारियों, वैज्ञानिकों, संपादकों और दूसरे महत्वपूर्ण लोगों के नाम हैं.
- रिपोर्ट के अनुसार अब तक भारत के कुल 5 प्रधानमंत्रियों या पूर्व प्रधानमंत्रियों की जासूसी चीन की ये कंपनी करवा चुकी है.
- रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण समेत मोदी सरकार के लगभग सभी महत्वपूर्ण मंत्रियों की जासूसी करवाई जा रही थी. मंत्रियों में रविशंकर प्रसाद, पीयूष गोयल, स्मृति ईरानी और जनरल वीके सिंह के भी नाम हैं.
- दो दर्जन मुख्यमंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री और लगभग 350 सांसदों के नाम उस लिस्ट में हैं जिन पर नजर रखी जा रही थी. इनमें सभी पार्टियों के मुख्यमंत्री और सांसद शामिल हैं.
- कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उनके परिवार की गतिविधियों की भी निगरानी की जा रही थी.
- इसके अलावा शरद पवार के परिवार, सिंधिया परिवार और प्रकाश सिंह बादल के परिवार की भी खुफिया निगरानी करवाई जा रही थी.
ये तो लिस्ट है उन नेताओं की जिन पर चीन की निगाह है. बड़ी चिंता की बात यह है कि देश की सेना और तमाम वैज्ञानिक संस्थाओं की जासूसी भी चीन करवा रहा था।
- Chief Of Defence Staff जनरल बिपिन रावत समेत कम से कम 60 बड़े सैनिक अधिकारियों की जासूसी हो चुकी थी.
- इनमें तीनों सेनाओं, यानी थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रमुख पर रह चुके 14 अधिकारियों के नाम भी शामिल हैं.
- परमाणु ऊर्जा आयोग और Indian Space Research Organisation यानी ISRO की निगरानी भी चीन करवा रहा था.
- जिन बड़े वैज्ञानिकों की निगरानी की जा रही थी वो देश की टॉप वैज्ञानिक संस्थाओं के साथ जुड़े हुए हैं.
- ISRO के चांद और मंगल ग्रह के मिशन से जुड़े डेटा पर भी चीन की पूरी नजर थी.
चीन के जासूसी नेटवर्क की पूरी पड़ताल
जब भारत ने चीन के एप्स पर बैन लगाया गया तब हमारे देश में चीन के कई चाटुकारों ने कहा था कि इससे क्या होगा? उनका कहना था कि बिजनेस और आपसी रिश्तों को अलग रखना चाहिए. आज उन सभी लोगों को जवाब मिल गया होगा कि एप्स पर बैन क्यों जरूरी था.
सीमा पर चीन की सेना घुसपैठ करती है, उसे रोकने के लिए हमारी सेना दिन रात सतर्क रहती है. लेकिन ये चीन की डिजिटल घुसपैठ थी, जिसे रोकने के लिए चीन के एप्स पर रोक जरूरी थी. अब ये साफ हो गया है कि इनके जरिए चीन किस तरह से देश के हर नागरिक और हर महत्वपूर्ण संस्था तक घुसपैठ कर चुका था.
चीन के इस जासूसी नेटवर्क की पूरी पड़ताल ऑस्ट्रेलिया और वियतनाम के दो साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट्स ने की है. इनमें से एक Robert Potter ने हमारे सहयोगी चैनल Wion से बातचीत में अपनी इस पूरी इंवेस्टिगेशन के बारे में महत्वपूर्ण जानकारियां दीं. भारत में इस पूरे इंवेस्टिगेशन को इंडियन एक्सप्रेस अखबार ने छापा है.
Zee News की निगरानी की वजह
चीन जिन भारतीयों की जासूसी करवा रहा था उनमें राजनेताओं, उद्योगपतियों के साथ ज़ी न्यूज़ (Zee News), ज़ी बिजनेस (Zee Business) और अंतरराष्ट्रीय चैनल WION के एडिटर-इन-चीफ सुधीर चौधरी (Sudhir Chaudhary) का भी नाम शामिल है. इसका कारण क्या होगा कि Zee News पर हम लगातार ऐसी खबरें दिखाते रहे हैं, जिनसे चीन को समस्या हो सकती है. हमने हमेशा चीन के प्रोपेगैंडा के खिलाफ एक साफ स्टैंड लिया है. चीन को यही बात चुभती है. Zee News ने पिछले महीने Made in India मुहिम चलाई थी जिसमें हमने दर्शकों से मिस्ड कॉल करने के लिए कहा था. एक करोड़ से अधिक दर्शकों ने मिस्ड कॉल करके हमारी मुहिम को समर्थन दिया. Zee News दुनिया के कई देशों में देखा जाता है. एक Opinion Maker के तौर पर हम हमेशा वो खबरें दिखाते हैं जिसमें भारत का हित हो.
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सोशल मीडिया प्रोफाइल से कैसे होती है निगरानी
Zee News ने साइबर एक्सपर्ट से यह जानने की कोशिश की है कि सोशल मीडिया प्रोफाइल से कैसे किसी की निगरानी होती है. इस बीच सरकार इस इंवेस्टिगेशन पर नजर बनाए हुए है. सरकारी सूत्रों ने Zee News को बताया है कि इस जासूसी में सीधे तौर पर चीन सरकार का हाथ है. क्योंकि बिना सरकार के समर्थन के इतने बड़े पैमाने पर जासूसी संभव नहीं है.
- भारत सरकार मानती है कि दुनिया में अपना वर्चस्व बनाए रखने के लिए चीन सरकार ने कई देशों में इस तरह की जासूसी कराई है.
- सरकारी सूत्रों के अनुसार भारत ने चीन के जिन एप्स पर प्रतिबंध लगाया है उसके पीछे यही कारण था.
- अभी तक कि जानकारी के अनुसार चीनी कंपनी ने केवल सोशल मीडिया पर उपलब्ध डेटा का ही उपयोग किया है और उनका विश्लेषण किया है.
-ऐसे में फिलहाल कोई भी कानूनी कार्रवाई करना संभव नहीं है. लेकिन जरूरी होने पर और भी चाइनीज ऐप और कंपनियों पर प्रतिबंध लगाया जाएगा.
कल से संसद का सत्र शुरू हुआ. चीन की इस जासूसी पर कई सांसदों ने चिंता जताई है.
अब आपको बताते हैं कि भारत इस मामले में चीन के खिलाफ क्या एक्शन ले सकता है-
-भारत अपने मित्र देशों का एक गठबंधन बना सकता है और ये गठबंधन चीन के खिलाफ मिलकर कार्रवाई कर सकता है.
-अंतरराष्ट्रीय मंचों पर भारत बाकी देशों के साथ मिलकर चीन से ये सवाल पूछ सकता है कि उसने भारत के डेटा की जासूसी क्यों की?
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