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Difference Between VIP and VVIP: बचपन से लेकर बड़े होने तक हम सब कुछ ऐसे शब्द सुनते आए हैं जिनको लेकर आदर का भाव या गर्व महसूस होने के साथ अक्सर मन में खुद भी वैसा बनने की इच्छा जरूर रही होगी. वो शब्द है VIP या VVIP. इस शब्द का अर्थ तो अब सभी जानते हैं लेकिन आखिर इस एलीट क्लास यानी खास तबके में कौन कौन से लोग आते हैं इसको लेकर आज भी जानकारी का अभाव है. इसीलिए हम आपको ये बताने जा रहे हैं कि आखिर अपने देश में किसे VIP और किसे VVIP का दर्जा दिया जाता है.
VIP यानी वेरी इंपॉर्टेंट पर्सन. ये शॉर्ट फॉर्म उन लोगों के लिए इस्तेमाल किया जाता है जिन्हें आम आदमियों से अलग कुछ सुविधाएं दी जाती हैं. इन लोगों के साथ अच्छा बरताव यानी शिष्टाचार भरे व्यवहार की अपेक्षा की जाती है. सरकारी मंत्रालय चाहे तो वह किसी आम आदमी को भी वीआईपी की टैग और ट्रीटमेंट दे सकता है. उनके लिए विभिन्न समारोहों में शामिल होने के लिए VIP प्रवेश द्वार या ऐसी प्रवेश द्वार की व्यवस्था की जाती है जहां वे अपनी निजी गाड़ी से पहुंच सकते हैं. वहीं उनकी सुरक्षा भी सुनिश्चित की जा सके.
तो देखा आपने की जैसा कि नाम से ही पता चलता है कि VIP से कही अधिक महत्वपूर्ण है VVIP यानी वेरी वेरी इंपॉर्टेंट पर्सन. VVIP लोगों की लिस्ट में सुरक्षा अधिक जुड़ जाती है यानी कि अगर कोई VVIP शख्स है तो उनकी सुरक्षा अधिक होगी और उन्हें अधिक बॉडीगार्ड प्रदान किए जाते हैं. VVIP जगहों और शो का टिकट VIP से कहीं अधिक होता है.
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1. जहां वीआईपी को सामान्य व्यक्तियों से अधिक सुविधाएं मिलती हैं वहीं दूसरी तरफ VVIP को VIP से अधिक सुविधाएं मिलती है.
2. वीआईपी का अर्थ जहां वेरी इंपॉर्टेंट पर्सन है वहीं वीवीआईपी का अर्थ वेरी वेरी इंपॉर्टेंट पर्सन होता है.
1. राष्ट्रपति.
2. उपराष्ट्रपति.
3. राज्यपाल और उपराज्यपाल.
4. राज्य सभा, लोक सभा और विधान सभाओं के अध्यक्ष.
5. सांसद (MP), विधायक (MLA), विधान पार्षद, निगम पार्षद, IAS और IPS अधिकारी.
6. विभिन्न राजनीतिक दलों के नेता और जनप्रतिनिधि.
7. चीफ जस्टिस.
8. सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के न्यायाधीश.
9. मीडियाकर्मी और एडिटर्स को VIP और VVIP के रूप में भी जाना जाता है. 10. विदेश से आए VIP लोगों को भी खास प्रोटोकाल के तहत ट्रीट किया जाता है.
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गौरतलब है कि भारत के प्रधानमंत्री की सुरक्षा किसी भी देश के अन्य प्रमुखों की तरह कड़ी होती है. भारत के प्रधानमंत्री को 24 घंटे सुरक्षा मुहैया कराने की जिम्मेदारी SPG यानी स्पेशल प्रोटेक्शन ग्रुप की होती है. VIP के लिए हमेशा कम से कम दो रूट तय किए जाते हैं. किसी को रूट की पहले से जानकारी नहीं होती है. SPG और स्टेट पुलिस में कॉर्डिनेशन रहता है. पूरा रूट पहले से क्लियर किया जाता है.